Bhojshala Dhar: एएसआई का लगातार 7वें दिन भी सर्वेक्षण जारी, गड्ढे खोदे गए

मध्ययुगीन स्मारक है भोजशाला

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
गुरुवार, 28 मार्च 2024 (16:27 IST)
survey continues for Bhojshala Dhar : मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय (MP High Court) के आदेश पर ऐतिहासिक धार शहर के विवादास्पद भोजशाला (Bhojshala)-कमाल मौला मस्जिद परिसर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) का सर्वेक्षण गुरुवार को 7वें दिन भी जारी रहा। इसके तहत परिसर में कुछ गड्ढे खोदे गए हैं। सर्वेक्षण से जुड़े लोगों ने यह जानकारी दी।

ALSO READ: Dhar: एएसआई सर्वेक्षण के दौरान भोजशाला में हिन्दुओं ने की पूजा अर्चना
 
दोनों समुदाय को लोग मौजूद थे : सर्वेक्षण के दौरान हिन्दू समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले आशीष गोयल और गोपाल शर्मा और मुस्लिम समुदाय के नेता अब्दुल समद एएसआई दल के साथ मौजूद थे। समद, मौलाना कमाल वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने कहा कि हमने पहले भी कहा है कि मुस्लिम समुदाय भोजशाला परिसर में जारी सर्वेक्षण के खिलाफ नहीं है। हम सर्वेक्षण में उन चीजों को शामिल करने के खिलाफ हैं, जो इस परिसर में 2003 के बाद रखी गई थीं।

ALSO READ: MP में विवादित भोजशाला परिसर का ASI सर्वे तीसरे दिन भी जारी
 
भोजशाला परिसर के पीछे सर्वेक्षण जारी : उन्होंने कहा कि हमने सर्वेक्षण दल के सामने कुछ मुद्दों पर अपनी आपत्तियां दर्ज कराई हैं, क्योंकि यह हमारा अधिकार है। समद ने बताया कि फिलहाल भोजशाला परिसर के पीछे सर्वेक्षण चल रहा है और एएसआई का दल 3 स्थानों पर 5-6 फुट गहरे गड्ढे खोद रहा है। उन्होंने कहा कि वे (एएसआई दल) उच्च न्यायालय के आदेश के मुताबिक अपना काम कर रहे हैं और हम भी उनका सहयोग कर रहे हैं। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ ने 11 मार्च को एएसआई को 6 सप्ताह के भीतर भोजशाला परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया था।
 
मध्ययुगीन स्मारक है भोजशाला : यह परिसर एक मध्ययुगीन स्मारक है जिसे हिन्दू समुदाय वाग्देवी (सरस्वती) का मंदिर मानता है, जबकि मुस्लिम समुदाय इसे कमाल मौला मस्जिद बताता है। एएसआई ने अदालत के निर्देश पर भोजशाला परिसर का सर्वेक्षण 22 मार्च को शुरू किया था।

ALSO READ: धार की भोजशाला में शुरू हुआ ASI सर्वे, सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मुस्लिम पक्ष
 
एएसआई के 7 अप्रैल 2003 को जारी आदेश के अनुसार चली आ रही व्यवस्था के मुताबिक हिन्दुओं को प्रत्येक मंगलवार को भोजशाला में पूजा करने की अनुमति है, जबकि मुस्लिमों को हर शुक्रवार इस जगह नमाज अदा करने की इजाजत दी गई है। माना जाता है कि हिन्दू शासक राजा भोज ने 1034 ईस्वी में भोजशाला में वाग्देवी की मूर्ति स्थापित की थी। हिन्दू संगठनों का कहना है कि अंग्रेज इस मूर्ति को 1875 में लंदन ले गए थे।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

EVM के आरोप का कोई सिर-पैर नहीं, INDIA Alliance के दल नहीं एकमत, अभिषेक बनर्जी ने कहा- नहीं हो सकती कोई गड़बड़ी, सबूत दिखाएं

Delhi pollution : दिल्ली-NCR में लागू GRAP-3 की पाबंदियां, डीजल वाहनों और कंस्ट्रक्शन वर्क के साथ किन चीजों पर रहेंगी पाबंदियां

किस बीमारी से हुआ तबला उस्‍ताद जाकिर हुसैन का निधन, क्‍या होता है IPF और कैसे इससे बचें?

फिलिस्तीन लिखा हैंडबैग लेकर संसद पहुंची प्रियंका गांधी

मणिपुर को लेकर कांग्रेस ने साधा मोदी पर निशाना, कहा- हालात का जायजा लेने का समय नहीं

सभी देखें

नवीनतम

Maharashtra : मनोज जरांगे ने फिर किया भूख हड़ताल का ऐलान, कुनबी सर्टिफिकेट और मराठा आरक्षण की मांग

जॉर्जिया में बड़ी घटना, रिसॉर्ट में मृत पाए गए 11 भारतीय, कार्बन मोनोऑक्साइड गैस बताया जा रहा है कारण

फ्लेवर्स ऑफ इंडिया कार्यक्रम को लेकर CM मोहन यादव ने की यह अपील

Cabinet expansion in Maharashtra : मंत्रिमंडल गठन के बाद शिवसेना और एनसीपी में बवाल, दिखे बगावती तेवर

भ्रष्टाचार को गठबंधन की मजबूरी मानते थे मनमोहन, BJP सांसद ने कांग्रेस पर साधा निशाना

अगला लेख