बागली को जिला बनाने के लिए तेज हुआ अभियान

कुंवर राजेन्द्रपालसिंह सेंगर
सोमवार, 13 जुलाई 2020 (22:24 IST)
बागली। बागली अनुविभाग क्षेत्र के नगरों व ग्रामों से सोशल मीडिया नेटवर्क पर मिले अपार जनसमर्थन के बाद सोमवार को बागली ज़िला बनाओ समिति के आह्वान पर बड़ी तादाद में महिला-पुरुष स्थानीय गांधी चौक पर श्रद्धा संगम समागम के लिए जुटने लगे।

उधर खंडवा सांसद नंदकुमारसिंह चौहान ने वीडियो संदेश जारी कर अपना समर्थन प्रकट किया। वहीं, पूर्व हाटपिपल्या विधायक एवं पूर्व राज्यमंत्री दीपक जोशी और बागली विधायक पहाड़सिंह कन्नौजे ने भी बागली ज़िला बनाने की मांग को खुला समर्थन दिया। स्थानीय गांधी चौक पर एकजुट जनसमुदाय ने जिला बनाने की नारेबाजी शुरू कर दी। इस दौरान समिति ने एक वाहन पर पूर्व सीएम कैलाश जोशी की झांकी निर्मित की जिसमें उनकी कर्मभूमि की मिट्टी का कलश और नर्मदा जल रखा गया। वाहन के दोनों और जोशीजी के चित्रयुक्त ज़िले की मांग को प्रदर्शित करते बैनर लगाए गए।
 
गांधी चौक से जनता के हुजूम ने हाटपिपल्या के लिए कूच किया। गांधी मार्ग के थाने चौराहे तक जुलूस के रूप में जनता पैदल चली। इसके बाद दुपहिया व चारपहिया वाहनों के सहारे हाटपिपल्या की और रवाना हुए। चापड़ा में स्थानीय रहवासियों ने पुष्प वर्षा कर आंदोलनकारियों का स्वागत किया। 
 
हाटपिपल्या में नगर भ्रमण के बाद आंदोलनकारी जोशीजी के समाधि स्थल पर पहुंचे और यहां पर वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य मिट्टी अर्पित की गई और नर्मदा जल से प्रतिमा का अभिषेक हुआ। इसके उपरांत आंदोलनकारी स्थानीय सरस्वती शिशु मंदिर पहुंचे जहां पर भजन कीर्तन के साथ वे रात्रि विश्राम कर मुख्यमंत्री की प्रतीक्षा करेंगे।

ज़िले की घोषणा करवानी ही है : इस दौरन पूर्व राज्यमंत्री दीपक जोशी और बागली विधायक पहाड़सिंह कन्नौजे भी उपस्थित थे। जनचर्चा में उन्होंने आंदोलनकारियों का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि हम आपके और आपकी मांग के साथ हैं। बागली ज़िले का दर्जा पाने का हकदार है और हमें मंगलवार को आदरणीय मुख्यमंत्रीजी से बागली को ज़िले का दर्जा देने की घोषणा करवानी ही है।

बागली ज़िला बने यह मांग मुख्यमंत्री से सामने रखी : उधर, क्षेत्रीय सांसद नंदकुमारसिंह चौहान ने एक वीडियो संदेश जारी करके कहा कि जिला बनाओ समिति के द्वारा बागली को जिला बनाने की मांग निरंतर की जा रही है। बागली ज़िला बने आपका सांसद होने के नाते बागली ज़िला बने यह मांग मैंने मुख्यमंत्रीजी और शासन के सामने रखी है। बागली सहित लोकसभा क्षेत्र का विकास हो यह मेरी ड्यूटी है। आपकी यह मांग उचित स्तर तक हमने पहुंचाई है।  
 
 
प्रदेश के 10 बड़े ज़िलों में से एक : देवास  ज़िला प्रदेश के 10 वृहद ज़िलों में शामिल है।  यहां का क्षेत्रफल 7020 वर्ग किमी और वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार जनसंख्या 15 लाख से अधिक थी। जिसका ग्रोथ रेट 19.53 प्रतिशत था जोकि वर्ष 2001 की तुलना में  6.47 प्रतिशत कम था। यदि सड़क मार्गों को ही आधार बनाएं तो बगली अनुविभाग के उदयनगर,धाराजी व  रतनपुर आदि क्षेत्र ज़िला मुख्यालय से लगभग 110 किमी की दूरी पर है। यही स्थिति नेमावर आदि क्षेत्रों की भी है। मुख्यालय से इलाकों की यही दूरी प्रशासनिक कसावट को ढीला करती है। 
 
प्रदेश के 10 बड़े ज़िलों में से एक : देवास ज़िला प्रदेश के 10 वृहद ज़िलों में शामिल है। यहां का क्षेत्रफल 7020 वर्ग किमी और वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार जनसंख्या 15 लाख से अधिक थी। जिसका ग्रोथ रेट 19.53 प्रतिशत था जो कि वर्ष 2001 की तुलना में  6.47 प्रतिशत कम था। यदि सड़क मार्गों को ही आधार बनाएं तो बगली अनुविभाग के उदयनगर, धाराजी व रतनपुर आदि क्षेत्र ज़िला मुख्यालय से लगभग 110 किमी की दूरी पर हैं। यही स्थिति नेमावर आदि क्षेत्रों की भी है। मुख्यालय से इलाकों की यही दूरी प्रशासनिक कसावट को ढीला करती है। 
 
प्रस्तावित बागली का क्षेत्रफल है 4500 वर्ग किमी : प्रस्तावित बागली ज़िले का क्षेत्रफल अनुमानित 4500 वर्ग किमी आंका गया है। जिसकी अनुमानित जनसंख्या लगभग 5 लाख 15 हजार है। ज्ञात हो कि भौगोलिक नक्शा बनाने की कसरत दिवंगत सीएम स्व. जोशी के निर्देशों पर ही की गई थी।
 
प्रस्तावित ज़िले में बागली सहित हाटपिपल्या, उदयनगर, सतवास, कन्नौद व खातेगांवतहसीलें और बागली, हाटपिपल्या, करनावद, सतवास, कांटाफोड़, खातेगांव, कन्नौद व नेमावर नगर परिषद एव बागली, हाटपिपल्या व खातेगांव तीन विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। हालांकि प्रशासनिक आधार पर इनमें फेरबदल संभव है। यदि बागली ज़िला इसी आधार पर प्रकाश में आता है तो यहां यहां का प्रतिनिधित्व तीन लोकसभा क्षेत्रों खंडवा, देवास-शाजापुर व विदिशा में विभाजित होगा।
 
हालांकि एक तथ्य यह भी है कि 2018 के विधानसभा चुनाव से पूर्व सीएम द्वारा घोषित नवीन ज़िले निवाड़ी और एक अन्य नवीन ज़िले आगरमालवा का क्षेत्रफल प्रस्तावित बागली से आधा ही है। साथ ही भोपाल, अलीराजपुर, बुरहानपुर, दतिया व हरदा जैसे कुछ जिले भी प्रस्तावित बागली से क्षेत्रफल की तुलना में छोटे हैं। 
 
बचपन से लेकर पचपन तक सक्रिय : अभियान इन दिनों रोचक मोड़ पर है। हालांकि बगली क्षेत्र के लोग इन दिनों फैली महामारी को लेकर बचाव के साधन व तरीके अपनाते हुए सक्रिय हैं, लेकिन अभियान में बचपन से लेकर पचपन तक सक्रिय हैं। कई रहवासियों ने जिला बनाओ समिति को आर्थिक सहयोग किया है। इस क्रम में वरिष्ठ अधिवक्ता प्रवीण चौधरी की पोतियों प्रसिद्धि व समृद्धि ने अपनी गुल्लक तोड़कर संचित 1139 रुपए का धन समिति सदस्यों को सौंपा। वहीं, कई महिलाओं ने भी अब आगे आकर वीडियो मैसेज रिकॉर्ड कर सोशल प्लेटफॉर्म पर वायरल किए हैं, जिसमें विभिन्न तरीकों से मांग को दोहराया गया है। 
12 में से 11 चुनाव में भाजपा जीती : बागली विधानसभा से वर्ष 1962 के चुनाव से वर्ष 2018 तक हुए 12 में से 11 चुनावों के भाजपा विजय रही है। जिसमें जोशी ने 8 बार और उनके पुत्र पूर्व राज्यमंत्री दीपक जोशी ने 1 बार दिवंगत पूर्व विधायक चंपालाल देवड़ा ने 2 बार और वर्तमान में भाजपा से पहाड़सिंह कन्नौजे विधायक हैं। 
 
जब सन्न रह गए जोशी : वर्ष 2018 में जब अचानक कैबिनेट की मीटिंग के बाद निवाड़ी को नया ज़िला घोषित कर दिया गया था तो बागली क्षेत्रवासियों सहित पूर्व सीएम जोशी भी सन्न रह गए थे। उस समय बागली क्षेत्र में पदस्थ रहे एक राज्य स्तरीय सेवा के अफसर ने चौंक कर कहा था कि हम लोग तो समझ रहे थे कि बागली की घोषणा होगी, लेकिन निवाड़ी का नम्बर आया यह आश्चर्यजनक है।

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