मध्यप्रदेश गजब है! बिना बिजली होगी सिंचाई, पंचम नगर सिंचाई परियोजना से हर साल बचेंंगे करोड़ो रुपए

विकास सिंह
शनिवार, 7 जनवरी 2023 (18:59 IST)
भोपाल। चुनावी साल मेंं मध्यप्रदेश में सरकार का पूरा फोकस किसानों पर है। किसानों को खेती के लिए सिंचाई का पानी आसानी से उपलब्ध हो सके इसके लिए दमोह में एक अभिनव प्रयोग किया गया है। दमोह में पंचम नगर सिंचाई परियोजना से 300 से अधिक गांवों को बिना बिजली खर्च किए सिंचाई का पानी मिल सकेगा, जोकि मध्यप्रदेश के साथ देश में अपने आप में पहला प्रयोग है। 

पंचमनगर सिंचाई परियोजना (पीआईपी) अपनी तरह की खास परियोजना है जो गुरुत्वाकर्षण से संचालित है। इसमें पानी को उठाने के लिए पंप हाउस की जरूरत नहीं है। परियोजना पगारा बांध से पानी लेगी, जो बेवास नदी पर बना है।

पंचम नगर परियोजना के ईई पुष्पेंद्र सिंह बताते है कि पंचम नगर परियोजना देश की पहली परियोजना है जो बगैर बिजली खर्च के संचालित होगी। पगारा डैम ऊंचाई पर बनाया गया है, जिसका पानी कमांड क्षेत्र में छोड़ा जाएगा, जिससे करीब 20 करोड़ रुपए मूल्य की बिजली की बचत होगी। 50 साल का यह प्रोजेक्ट है। जिसकी सिंचाई क्षमता 25 हजार हेक्टेयर है। जिससे 97 गांवों को सीधे तौर पर व 300 ग्राम समूहों को पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा।

पंचम नगर सिंचाई परियोजना मध्यप्रदेश की पहली प्रेशराइज्ड पाइप माइक्रो इरीगेशन योजना है। परियोजना से कुल 32 हजार हेक्टेयर में सिंचाई के लिए बिजली का इस्तेमाल बिलकुल नहीं करना पड़ेगा, सिंचाई में पानी का अधिकतम इस्तेमाल करने की क्षमता के मामले में यह परियोजना सबसे बेहतर मानी जाती है.

पंचमनगर सिंचाई परियोजना से अगले छह माह में पूरे 25 हजार हेक्टेयर तक पानी पहुंच जाएगा जिससे  दमोह और सागर जिले के 75 गांवों के किसानों को सिंचाई का फायदा मिलेगा। इसमें से 43 गांव के 14 हजार हेक्टेयर खेतों तक 2021 में पानी पहुंचाया जा चुका है। शेष 32 गांव के 11 हजार हेक्टेयर में कुछ सरकारी मंजूरियों के कारण मामला अटका है, लेकिन इनकों भी जून 2023 तक पानी मिलने लगेगा।

जून 2023 तक पूरे 25 हजार हेक्टेयर में पंचमनगर प्रेशराइज्ड पाइपलाइन के जरिए पानी मिलने लगेगा, यानी अगले रबी सीजन में दमोह और सागर जिले के किसानों को सिंचाई के लिए पूरी परियोजना का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा और जिसके कृषि उत्पादन व आर्थिक स्थिति में उल्लेखनीय सुधार आने की संभावना है।

परियोजना में अब तक मेनलाइन की पाइपलाइन पूरे 29 किमी तक बिछा ली गई है। जीएम वन की भी 6 किमी पाइपलाइन बिछा दी गई है। वहीं डायमंड सीमेंट की लीज्ड जमीन में से पाइपलाइन को गुजारने में रूकावट आ रही हैं जिसके चलते 18 किमी पाइपलाइन बिछाना बाकी है। जैसे ही डायमंड सीमेंट का मसला हल होगा, अगले मार्च से जून के दौरान बाकी पाइपलाइन बिछा ली जाएगी. अभी मार्च तक खेतों में फसलें खड़ी होने के कारण पाइपलाइन बिछाने वाली कंपनी को मार्च के बाद ही काम करने का मौका मिलेगा।

साजली में भी सिंचेंगे 3400 हेक्टेयर खेत-पंचमनगर परियोजना से ही जुड़ी साजली परियोजना पर बने बांध से पानी तीन पंपहाउस के जरिए उठाकर 15 हजार हेक्टेयर में पहुंचाने की योजना पर काम चल रहा है। इसमें कुछ जमीन अधिग्रहण के मामले लंबित होने के कारण काम बाकी है, फिर भी जून 2023 तक 3400 हेक्टेयर खेतों तक पानी पहुंच जाने की उम्मीद है। तीन प्रस्तावित पंप हाउसों में से केवल एक पंप हाउस पर 1.5 हेक्टेयर जमीन के अधिग्रहण का मामला सुलझते ही पूरे 15 हजार हेक्टेयर में पानी पहुंच जाने की उम्मीद है। विभाग के इंजीनियरों का मानना है कि साजली परियोजना से पूरे 15 हजार हेक्टेयर खेतों की सिंचाई दिसंबर 2024 तक संभव हो जाएगी।
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

PM मोदी को पसंद आया खुद का डांस, एक्स पर किया कमेंट

राहुल गांधी ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को लिखा खुला पत्र, पढ़िए क्या सलाह दी

PM मोदी ने संविधान को बदलने और खत्म करने का मन बना लिया : राहुल गांधी

LG ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ की NIA जांच की सिफारिश, खालिस्तानी संगठन से पैसा लेने का आरोप

Lok Sabha Elections 2024: क्या वाकई 2 चरणों में कम हुई वोटिंग, SBI की Research रिपोर्ट में सामने आया सच

तीसरे चरण में रात 8 बजे तक 60% से ज्यादा वोटिंग, महाराष्ट्र में सबसे कम

बंगाल में 25000 शिक्षकों की नियुक्तियां रद्द करने पर SC ने लगाई रोक, CBI को कहा- जल्दबाजी में न करे कार्रवाई

हरियाणा में 3 निर्दलीय MLA ने छोड़ा नायब सैनी सरकार का साथ

बंगाल में भारी बारिश के चलते 12 लोगों की मौत, सीएम ममता ने की संवेदना व्यक्त

सुरक्षा बलों को मिली अहम सफलता, 10 लाख के इनामी आतंकी बासित डार को 3 साथियों के साथ मार गिराया

अगला लेख