कमलनाथ सरकार का काउंटडाउन शुरु, बीजेपी बोली 24 घंटे के वेंटीलेटर पर सरकार

विकास सिंह
गुरुवार, 19 मार्च 2020 (18:54 IST)
भोपाल। मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार के लिए शुक्रवार को दिन काफी अहम होने जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब सरकार को कल सदन में फ्लोर टेस्ट से गुजरना होगा।

वहीं सुप्रीम कोर्ट ने बेंगलुरू में कांग्रेस के बागी विधायकों को सत्र में शामिल होने का फैसला उन पर छोड़ा है। कोर्ट ने मध्यप्रदेश और कर्नाटक डीजीपी को विधायकों को सुरक्षा उपलब्ध कराने के निर्देश है।  सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद मध्यप्रदेश की सियासी सरगर्मी अपने चरम पर पहुंच गई है। 
 
भाजपा ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत किया है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज ने सत्यमेव जयते शब्द से सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। शिवराज ने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह विधायकों की खरीद फरोख्त में लगे हुए थे। शिवराज ने कहा कि उनको पूरा विश्वास है कि जनता से धोखा करने वाले अल्पमत सरकार का कल अंत हो जाएगा। 
 
शिवराज ने कहा कि फ्लोर टेस्ट में कमलनाथ सरकार पराजित होगी और नई सरकार बनने का रास्ता साफ होगा। उन्होंने कहा कि कल दूध का दूध, पानी का पानी हो जाएगा। वहीं प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए इस प्रदेश के गरीबों को न्याय मिल जाएगा। 
 
वहीं पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहा कि कल शाम 5 बजे तक कमलनाथ सरकार का अंत हो जाएगा, उसके बाद भाजपा सरकार बनाने के लिए दावा पेश करेगी। नरोत्तम मिश्रा ने कहा अगर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने नैतिकता है तो उनको तत्काल इस्तीफा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि कमलनाथ सरकार का काउंटडाउन शुरु हो गया है और वह 24 घंटे के लिए वेंटीलेटर पर है। 

वहीं कमलनाथ सरकार के जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि सरकार सदन में फ्लोर टेस्ट पास करे लेगी और इसको लेकर आज विधायक दल की बैठक में रणनीति अपनाई जाएगी। 

सदन का समीकरण - मध्यप्रदेश विधानसभा के मौजूदा सियासी समीकरण देखे तो कांग्रेस में विधायकों के बागी होने के बाद उसके विधायकों की संख्या 92 के आसपास टिकती है। वहीं सदन में बसपा और सपा विधायकों की भी महत्वपूर्ण भूमिका होगी। कांग्रेस के 6 विधायकों की सद्स्यता विधानसभा स्पीकर के द्धारा खत्म होने के बाद और दो सदस्यों के निधन के बाद वर्तमान में कुल सदस्यों की संख्या 222 है। इसमें से 16 विधायक अभी बंगलुरू में है और वह कांग्रेस का साथ छोड़ने के लिए पूरी तरह तैयार है। वहीं भाजप के विधायकों की संख्या 107 है। 
 

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