Ground Report :गेहूं खरीदी केंद्रों पर दिख रहा कोरोना का साया,10 फीसदी किसान भी नहीं पहुंच रहे फसल बेचने

विकास सिंह
गुरुवार, 16 अप्रैल 2020 (11:59 IST)
भोपाल। कोरोना संकट के बीच मध्यप्रदेश में बुधवार से भोपाल, इंदौर और उज्जैन को छोड़कर सभी जिलों में गेहूं की समर्थन मूल्य पर खरीदी शुरु हो गई है। कोरोना से बचने के तमाम उपायों के साथ शुरु हुई गेहूं की सरकारी खरीदी में पहले दिन ही कोरोना का साया साफ नजर आया। सरकारी खरीदी के पहले दिन सिर्फ दस फीसदी किसान ही गेहूं बेचने के लिए खरीदी केंद्रों पर पहुंचे। पहले दिन करीब 20 हजार किसानों को एसएमएस के जरिए खरीदी के लिए बुलाया था लेकिन मात्र 2143 किसान ही अपनी फसल बेचने के लिए पहुंचे। 
 
कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग बना रहे और तुलाई के समय लोगों की भीड़ अधिक न हो इसके लिए खरीदी केंद्रों पर एक दिन में केवल 6 किसानों को बुलाया जा रहा है। वहीं खरीदी केंद्रों पर तुलाई दो पाली में करने की व्यवस्था की गई है।
 
विदिशा जिले की सेवा सहकारी समिति मर्यादित बिसराहा के सेकेट्ररी प्रकाश चिढ़ार  कहते हैं कि जिन किसानों ने फरवरी माह में अनाज तुलाई के लिए 16 क्विंटल तक का पंजीयन कराया था,खरीदी केंद्रों पर पहले उन्हें प्राथमिकता दी जा रही है। 
 
वर्तमान में एक बीघा रकबे पर 8 क्विंटल के हिसाब से अनाज खरीदा जा रहा है। इन किसानों के मोबाइल पर तुलाई की तारीख  संबंधी मैसेज भेजा जा रहा है जिसके आधार पर एक दिन में केवल 6  किसानों को अनाज तुलाई के लिए बुलाया जा रहा है। प्रकाश ने बताया कि उनके खरीदी केन्द्र पर 15 अप्रैल को एक किसान ने लगभग 8 क्विंटल गेहूं की तुलाई कराई है।
योजना को अच्छी तरह से चलाने के लिए कम रकबा वाले छोटे किसानों से शुरूआत की गई है। वहीं सीहोर जिले के किसान रूप सिंह ने बताया कि उनके मोबाइल पर 17 तारीख को अनाज खरीदी के लिए मैसेज आया है। उन्होंने 2.5 बीघा रकबे के लिए 15 क्विंटल का पंजीयन कराया था। रूपसिंह बताते है कि इस बार पैदावार अच्छी हुई है और 22 क्विंटल गेहूं हुआ है और अब वह 15 क्विंटल की तुलाई कराने के बाद बाकी का गेहूं सालभर खाने एवं अन्य खर्चों के लिए बचा लेंगे। 
 
सीहोर जिले ही बड़े किसान प्रवीण परमार कहते हैं कि इस बार गेहूं खरीदी पर कोरोना का काफी असर है। हर साल तक वह इस समय तक अपना पूरा गेहूं बेच चुके होते है। इस बार चूंकि सरकारी खरीदी बुधवार  से ही शुरु हुई है तो अब तक उनके पास अनाज खरीदी को लेकर कोई मैसेज नहीं आया है। वह कहते हैं कि इस बार पिछले साल की अपेक्षा पैदावार अच्छी हुई है लेकिन अब जैसे जैसे समय बीतता जा रहा है उनको अपनी फसल की चिंता भी सता रही है। वह कहते हैं कि अब तैयार फसल के भंडारण की दिक्कत आ रही है  अगर मौसम बदला और बारिश हुई तो बड़ा नुकसान हो जाएगा।   
 
वेबदुनिया से बातचीत में प्रवीण परमार सरकार को सुझाव देते हुए कहते हैं कि सरकार को बड़े काश्तकारों की फसल खरीदने में इस बार व्यवस्था में तोड़ा परिवर्तन करना चाहिए और धर्मकांटा के जरिए फसल की तुलाई करनी चाहिए जिसके कम समय में अधिक किसानों का गेहूं खरीदा जा सकेगा और कोरोना के संक्रमण में बचाव के साथ सोशल डिस्टेंसिंग का भी अच्छी तरह से पालन हो सकेगा। 
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

राष्ट्रपति पुतिन पर भड़के जेलेंस्की, रूस को लेकर कह दी बड़ी बात, अब क्या होगा Putin का रुख

Salman Khurshid : कांग्रेस नेताओं के बर्ताव से क्यों दुखी हुए सलमान खुर्शीद, कह दी चुभने वाली बात

Coronavirus Alert : पश्चिम बंगाल में कोरोनावायरस की भयानक स्थिति, दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा- ‘अगली कोविड महामारी’ अभी खत्म नहीं हुई

Pakistan में आने वाली है प्रलयकारी मुसीबत, IRSA के डरावने आंकड़ों से आतंकिस्तान में मचा हाहाकार

एलन मस्क के पिता अयोध्या में रामलला के दर्शन करने क्यों आए, बोलेंगे जय श्रीराम

सभी देखें

नवीनतम

LIVE: देश में कोरोना के 3976 एक्टिव केसेस, अब तक 34 की मौत

पंजाब के तरनतारन से पाकिस्तानी जासूस गिरफ्तार, संवेदनशील जानकारी शेयर करने का आरोप

बड़ी खबर, तुर्किए में बने रोबोटिक लाइफबॉय नहीं खरीदेगा BMC

मेघालय में लापता हुए इंदौर के पर्यटक का शव खाई में मिला, पत्नी की तलाश जारी

अगर चीन ब्रह्मपुत्र का पानी रोक दे तो क्या होगा? हिमंता बिसवा सरमा ने दिया जवाब

अगला लेख