मकर संक्रांति पर 'विशुद्ध सहायता संगठन' की अनूठी पहल

Webdunia
रविवार, 14 जनवरी 2018 (21:59 IST)
इन्दौर। 'विशुद्ध सहायता संगठन' के सदस्यों ने मकर संक्राति का पर्व अनूठे ढंग से मनाया। इस ग्रुप ने मकर संक्राति पर्व पर गांधी नगर की गरीब बस्तियों में जाकर नन्हें-नन्हें बच्चों को खिचड़ी, वस्त्र, फल, पतंग आदि सामग्री वितरीत करके उनमें खुशियां बांटी।


यह संगठन विगत तीन वर्षो से इंदौर में हर त्योहार पर सामाजिक कार्यक्रम को आयोजित करता आ रहा हैं और हर वर्ष कुछ न कुछ नया करने की कोशिश में जुटा रहता है।

गांधी नगर की गरीब बस्तियों में आयोजित इस कार्यक्रम को सफलतापूर्वक सम्पन कराने में रामविलास जी पाटिल, भुरासिंह दायमॉ, लक्ष्मण चौहान, अतुल शर्मा, समित बोराड़ें, धर्मेंद्र मालवीय, सचिन दरबार, राहुल बनोदा, कपिल पटेल, राहुल खाण्डे, हिमांशु पाटिल, अजय मलक, बंटी विश्वकर्मा, लक्की सक्तवाल आदि का सराहनीय सहयोग रहा।

उल्लेखनीय है कि नववर्ष पर भी 'विशुद्ध सहायता संगठन' से जड़े सदस्यों ने चंदन नगर के पीछे की गरीब बस्तियों और हवा बंगला की गरीब बस्तियों में भी खिचड़ी, वस्त्र, फल आदि सामग्री वितरित की थीं। इंदौर में यह संगठन हमेशा सामाजिक कार्यो में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेता है। साथ ही जरूरतमंदों को रक्तदान देने में भी पीछे नहीं रहता है।   

सम्बंधित जानकारी

Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?

अगला लेख