CM कमलनाथ की नाराजगी के बाद PSC के जिम्मेदारों पर कार्रवाई तय,भाजपा हुई हमलावर

विकास सिंह
सोमवार, 13 जनवरी 2020 (21:00 IST)
मध्य प्रदेश में पीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में भील समाज को लेकर पूछे गए प्रश्न से उठे विवाद ने अब सियासी रंग ले लिया है। भाजपा ने इसे आदिवासी समाज का अपमान बताते हुए 14 जनवरी को धार, झाबुआ, बड़वानी, खरगोन और अलीराजपुर में जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन कर कलेक्टर को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपने का फैसला किया है।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने इसे भील समाज का अपमान बताते हुए कहा कि कमलनाथ सरकार के संरक्षण में इस प्रकार की प्रवृत्तियां फलफूल रही हैं, जो टंट्या भील जैसे महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के वंशजों का अपमान करने का दुस्साहस करती है। उन्होंने आरोप लगाया कि इससे पूर्व भी कांग्रेस के एक विधायक महाराणा प्रताप के बारे में अपमानजनक टिप्पणियां कर चुके हैं लेकिन सरकार ने उनके विरुद्ध भी कोई कदम नहीं उठाया। इसी से प्रेरित होकर मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा में भील समाज को अपराधी और शराबी बताने जैसा दुस्साहस अधिकारी कर सके हैं। लेकिन अब पार्टी इसे और बर्दाश्त नहीं करेगी और सड़क पर उतरेगी। 
मुख्यमंत्री कमलनाथ हुए नाराज : इस पूरे मामले पर प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए लिखा कि प्रदेश लोकसेवा आयोग द्वारा 12 जनवरी 2020 को आयोजित मध्य प्रदेश राज्य सेवा 2019 की प्रारंभिक परीक्षा में भील जनजाति के संबंध में पूछे गए प्रश्नों को लेकर मुझे काफ़ी शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इसकी जांच के आदेश दे दिए गए हैं। इस निंदनीय कार्य के लिए निश्चित तौर पर दोषियों को दंड मिलना चाहिए, उन पर कड़ी कार्रवाई होना चाहिए, ताकि इस तरह की पुनरावृत्ति भविष्य में दोबारा न हो।

मुख्यमंत्री ने आगे लिखा कि मैंने जीवनभर आदिवासी समुदाय, भील जनजाति व इस समुदाय की सभी जनजातियों का बेहद सम्मान किया है, आदर किया है। मैंने इस वर्ग के उत्थान व हित के लिए जीवनपर्यन्त कई कार्य किए हैं। मेरा इस वर्ग से शुरू से जुड़ाव रहा है। मेरी सरकार भी इस वर्ग के उत्थान व भलाई के लिए निरंतर कार्य कर रही है।  
इस मामले पर कांग्रेस के आदिवासी नेता और रतलाम के विधायक कांतिलाल भूरिया ने आयोग के अध्यक्ष भास्कर चौबे और सचिव रेणु पंत के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उनको बर्खास्त करने की मांग सरकार से की है।

बैकफुट पर लोकसेवा आयोग : पूरे मामले पर सियासत गर्म होने के बाद अब एमपी पीएएसी बैकफुट पर आ गई है। लोकसेवा आयोग के चेयरमैन भास्कर चौबे पूरे मामले पर सफाई देने के लिए मीडिया के सामने आए और उन्‍होंने इस मामले पर पल्ला झाड़ते हुए कहा कि इसके लिए पेपर सेटर और मॉडरेटर दोनों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। इसके साथ ही जांच समिति पूरे मामले की जांच कर इसकी रिपोर्ट देगी, जिसके बाद आयोग की तरफ से कार्रवाई की जाएगी।  

सम्बंधित जानकारी

Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?

अगला लेख