नर्मदा किनारे से अन्यायी सरकार को उखाड़ेंगे, नर्मदा घाटी से चुनौती की घोषणा

Webdunia
पिछले वर्ष फरवरी में सुप्रीम कोर्ट द्वारा नर्मदा घाटी के सभी डूब प्रभावित गांवों को बसाहटों में पुनर्वसित कर 31 जुलाई 2017 तक गांव खाली करने का फैसला दिया गया, परंतु पूर्ण पुनर्वास न करते हुए सरकार गांवों को खाली करने का दबाव बनाने लगी जिसके विरोध में घाटी के सभी विस्थापित सत्याग्रह करने उतर पड़े। कई दिनों के उपवास और पुलिस दमन के बावजूद लोगों ने बिना विस्थापन के गांव खाली नहीं किए। इसका जश्न मनाने 31 जुलाई 2018 को हजारों की संख्या में 'नर्मदा बचाओ आंदोलन' के बैनर तले घाटी के लोगों द्वारा 'नर्मदा की पुकार' यात्रा का आगाज किया गया जिससे सरकार को यह संदेश दिया गया कि 31 जुलाई नर्मदा घाटी की मरणरेखा नहीं, बल्कि जीवनरेखा है।
 
तमिलनाडु, बिहार, महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली तथा देश के अन्य राज्यों से आए प्रतिनिधियों की उपस्थिति में करंजा से झंडा चौक तथा वहां से चिखल्दा तक पैदल मार्च करते हुए लोगों ने नर्मदा के अविरल बहने के नारे लगाए। चिखल्दा में जयपुर से लाई हुई महात्मा गांधी की प्रतिमा का माटु जन संगठन के विमल भाई, गांधी भवन भोपाल के दयाराम नामदेव, राजस्थान के सवाई सिंह, डॉ. सुनीलम तथा घाटी के विस्थापितों, किसानों तथा मछुआरों द्वारा अनावरण किया गया।
 
जनसभा में सभी राज्यों से आए प्रतिनिधियों का आदिवासी क्षेत्रों से आए बच्चों ने गीत और बांसुरी बजाकर स्वागत किया। नर्मदा घाटी, खासकर आदिवासी और सेंचुरी वर्कर्स यूनियन के विद्यार्थियों जिन्होंने अच्छे अंकों के साथ परीक्षा पास की, उनको सम्मानित किया गया। झूठे प्रकरणों में जेल में बंद किए गए सामाजिक कार्यकर्ताओं को भी नर्मदा की जीवनरेखा मानकर सम्मानित किया गया। पूर्व जस्टिस चन्द्र कुमार ने मंच में उपस्थित सभी मेहमानों तथा पिछले साल सत्याग्रह में बैठीं घाटी की महिलाओं के साथ 4 जून 2018 को भोपाल के नीलम पार्क में हुई जन अदालत की रिपोर्ट, जिसका फैसला पूर्व न्यायाधीश गोपाला गौड़ा और पूर्व न्यायाधीश अभय थिप्से ने दिया था, का विमोचन किया।
 
जनसभा को संबोधित करते आंध्रप्रदेश से पूर्व न्यायमूर्ति चन्द्र कुमार ने कहा कि मैं नर्मदा घाटी के 33 सालों के संघर्ष को सलाम करता हूं। जितनी लंबी लड़ाई नर्मदा घाटी में चली है, कहीं दूसरी जगह नहीं चली। जस्टिस चन्द्र कुमार ने आगे कहा कि आपके संघर्ष को देखकर लगता है कि लोकतंत्र कभी मर नहीं सकता, 2013 का भूमि कानून भी आपके आंदोलन की ही जीत है। उन्होंने सवाल करते हुए पूछा कि सरकार किसके लिए काम कर रही है? इनके कामों की जांच होनी होनी चाहिए कि इतने सालों की लड़ाई के बावजूद इनको न्याय की आवाज सुनाई नहीं देती? क्या ये सरकार गूंगी या बहरी है? उन्होंने कहा कि 'नर्मदा बचाओ आंदोलन' और मेधा पाटकरजी से उन्हें प्रेरणा मिलती है।
 
विस्थापित सनोबर बी, श्यामा मछुआरा, भागीरथ धनगर, मेधा पाटकर, डॉ. सुनीलम तथा घाटी के अन्य प्रतिनिधियों ने पूर्व न्यायाधीश गोपाला गौड़ा और अभय थिप्से की जन अदालत का हवाला देते हुए यह संदेश दिया कि जो अन्याय, अत्याचार और धोखे की राजनीति राज्य और केंद्र सरकार ने नर्मदावासियों के साथ की है, उसका जवाब जनता जरूर देगी। लोकतंत्र में लोकतांत्रिक तरीके से नर्मदा किनारे के साथी उसका जवाब जरूर देंगे।
 
तमिलनाडु से वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता कुडनकुलम अणु ऊर्जा के खिलाफ संघर्ष के नेता एसपी उदय कुमार ने नर्मदा घाटी को तमिलनाडु के सभी संघर्षों की तरफ से समर्थन व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सरकार विकास के नाम पर अणु ऊर्जा, औद्योगिक गलियारों, सागरमाला जैसी परियोजनाओं को लाकर विनाश कर रही है। झारखंड और छत्तीसगढ़ की तरह तमिलनाडु में भी सरकार विनाश विरोधी परियोजनाओं के खिलाफ लड़ने वाले कार्यकर्ताओं को नक्सली घोषित करने और झूठे प्रकरणों में फंसाने की कोशिश कर रही है।
 
स्वराज अभियान व जय किसान आंदोलन तथा अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय के नेता योगेन्द्र यादव ने सरकारी आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि सरकार ने खुद फसल का डेढ़ गुना दाम देने की बात की है और न्यूनतम समर्थन मूल्य भी स्वयं घोषित किया था, परंतु अब वह अपनी ही बात से मुकर रही है। उन्होंने कहा कि किसान देनदार है, लेनदार नहीं है इसलिए बिना किस्त किसानों के सारे कर्जों को माफ किया जाना चाहिए सरकार को।
 
बरगी बांध विस्थापित से आए राजकुमार सिन्हा तथा साथी, सेंचुरी सत्याग्रह के राजकुमार सिन्हा, संजय चौहान, सीधी से रोको, टोको, ठोको के उमेश तिवारी तथा अनेक आंदोलनों से आए कार्यकर्ताओं और प्रतिनिधियों ने 31 जुलाई को नर्मदा को मरणरेखा नहीं, बल्कि जीवनरेखा मानते हुए घाटी के 33 साल के संघर्ष को समर्थन दिया। (सप्रेस)। 
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Raja Raghuvanshi murder : क्या राज की दादी को पता थे सोनम के राज, सदमे में हुई मौत, पोते को बताया था निर्दोष

जनगणना कैसे की जाती है और क्या है census का महत्व? संपूर्ण जानकारी

New FASTag Annual Pass Details : 3000 रुपए का नया FASTag, 200 ट्रिप, 7,000 की होगी बचत, 15 अगस्त से शुरुआत, नितिन गडकरी ने दी जानकारी

भारत के किस राज्य में कितनी है मुसलमानों की हिस्सेदारी, जानिए सबसे ज्यादा और सबसे कम मुस्लिम आबादी वाले राज्य

SIM Card के लिए सरकार ने बनाए नए Rules, KYC में पड़ेगी इन दस्तावेजों की जरूरत

सभी देखें

नवीनतम

Ahmedabad Plane Crash : भाई की अंतिम यात्रा में शामिल हुए विश्वास कुमार, विमान हादसे के दौरान बगल में बैठा था

झारखंड में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल, 56 IAS अधिकारियों का किया तबादला

जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा कोई रियायत नहीं बल्कि संवैधानिक अधिकार : फारूक अब्दुल्ला

iran israel conflict : क्या ईरान-इजराइल युद्ध में होगी अमेरिका की डायरेक्ट एंट्री, डोनाल्ड ट्रंप रुकेंगे नहीं, खामेनेई झुकेंगे नहीं

Ahmedabad Plane Crash : डीएनए जांच से 208 मृतकों की हुई पहचान, परिजनों को सौंपे 170 शव

अगला लेख