भोपाल में प्रदर्शन कर रहे अतिथि शिक्षकों को पुलिस ने खदेड़ा, पुलिस पर लाठीचार्ज का आरोप

भोपाल ब्यूरो
गुरुवार, 3 अक्टूबर 2024 (11:47 IST)
भोपाल। मध्यप्रदेश में नियमितिकरण की मांग को लेकर अतिथि शिक्षकों का प्रदर्शन दिन प्रतिदिन जोर पकड़ता जा रहा है। गांधी जयंती पर राजधानी भोपाल के सेंकड स्टॉप स्थित अंबेडकर मैदान में प्रदेश से बड़ी संख्या में अतिथि शिक्षक अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर इक्ठा हुए। प्रदर्शन कर रहे अतिथि शिक्षकों ने मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने भी कोशिश की लेकिन पुलिस ने बेरिक्रेड्स लगाकर उनको रोक दिया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को आगे बढ़ने से रोक दिया था, जिसके बाद वह मौके पर ही जम गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी थी।वहीं अतिथि शिक्षकों का आरोप है कि रात में पुलिस ने लाठीचार्ज कर अतिथि शिक्षकों को जबरन वहां से खदेडा।

गौरतलब है कि प्रदेश के अतिथि शिक्षक अपनी मांगों को लेकर भोपाल में प्रदर्शन कर रहे हैं। अतिथि शिक्षकों का कहना है कि गांधी जयंती अहिंसा वाला दिन था, लेकिन उनके साथ हिंसा की गई। उनका कहना है कि गांधी वादी तरीके से चल रहे आंदोलन को पुलिस ने लाठी के बल पर दबाने की कोशिश की। अतिथि शिक्षकों के प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस ने कड़े सुरक्षा इंतजाम किए थे। आंबेडकर पार्क के आसपास भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद है। प्रदर्शनकारियों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए पुलिस ने कुछ दूरी पर बैरिकेडिंग भी कर रखी है।

मध्य प्रदेश में अतिथि शिक्षक लंबे समय  नियमितीकरण की मांग पर अड़े हैं। वहीं पिछले दिनों स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह के अतिथि शिक्षकों को लेकर दिए बयान के बाद अब अतिथि शिक्षकों का प्रदर्शन तेज हो गया है। स्कूल शिक्षा मंत्री ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा था कि मेहमान बनकर आए हैं क्या कब्जा करेंगे. हालांकि बाद में उन्होंने अपने बयान पर सफाई भी दी थी. बुधवार को अतिथि शिक्षकों ने शिक्षा मंत्री को जवाब देते हुए कहा कि 'कब्जा करने आए हैं, कब्जा करके जाएंगे।

अतिथि शिक्षक समन्वय समिति के प्रदेश अध्यक्ष सुनील सिंह परिहार ने बताया कि 10 सितंबर को तिरंगा यात्रा के बाद प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात में स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने जिन बातों पर सहमति दी थी, उस संबंध में अब तक आदेश जारी नहीं हुआ है।उन्होंने कहा कि बैठक में 10 माह के अनुबंध, स्कोर कार्ड में 10 अंक प्रतिवर्ष जोड़ने,10 वर्ष के अधिकतम सौ अंक जोड़ने, 30 प्रतिशत से कम परीक्षा परिणाम वाले करीब 12 हजार अतिथि शिक्षकों को पुनः अवसर देने सहित कई मांगों पर सहमति बनी थी। अब तक इस संबंध में कोई भी आदेश जारी नहीं किया गया है। सरकार अतिथि शिक्षकों के साथ लगातार वादाखिलाफी कर रही है। अब हम चुप बैठने वाले नहीं हैं। संगठन के प्रदेशाध्यक्ष केसी पवार ने कहा कि यदि सरकार जल्द अपना रुख स्पष्ट नहीं करती है तो हम भोपाल की सड़कों पर आमरण अनशन करेंगे।
 

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