संगठन-वंगठन चूल्हे वाले बयान से लेकर मध्यप्रदेश में भाजपा नेताओं के चाल-चरित्र पर सवालिया निशान!

विकास सिंह
बुधवार, 8 जनवरी 2025 (18:27 IST)
भोपाल। चाल-चरित्र और चेहरा की दुहाई देने वाले भारतीय जनता पार्टी का अनुशासन अब मध्यप्रदेश में तार-तार होता नजर आ रहा है। संगठन चुनाव में गुटबाजी से लेकर प्रदेश में पिछले दिनों इनकम टैक्स सहित अन्य केंद्रीय एजेंसियों के छापे में जिस तरह से भाजपा नेताओं के नाम और उनके कनेक्शऩ जुड़े उसके एक बात तो साफ है कि अब पार्टी में चाल-चरित्र और चेहरा को दरकिनार कर दिया गया। इस बीच इंदौर में भाजपा पार्षदों जीतू यादव और कमलेश कालरा की बातचीत में ‘संगठन-वंगठन चूल्हे में गया’ के बयान ने संगठन की अपने नेताओं पर कसावट की पूरी कलई खोलकर रख दी है।

सागर में भाजपा का पूर्व विधायक काली कमाई का कुबेर?-प्रदेश के सागर जिले में इनकम टैक्स सहित अन्य जांच एजेंसियों की कार्यवाही में भाजपा के पूर्व विधायक और बीड़ी उद्योगपति हरवंश सिंह राठौर और पूर्व बीजेपी पार्षद और बीड़ी व्यवसायी राजेश केशरवानी के ठिकानों पर छापेमी में 150 करोड़ की टैक्स चोरी का खुलासा होने के साथ 4 करोड़ की नगदी और 14 किलो सोना मिलने ने हर कोई सकते में है। बताया जा रहा है कि हरवंश सिंह राठौर संगठन चुनाव में भाजपा जिला अध्यक्ष बनने की दौड़ में भी शामिल है। आयकर की छापेमारी के दौरान लग्जरी गाड़ियां भी मिली हैं।

RTO के पूर्व कॉस्टबेल सौरभ शर्मा से जुड़े भाजपा नेताओं के तार-वहीं पिछले भोपाल में RTO के पूर्व कॉस्टबेल सौरभ शर्मा के ठिकानों पर कार्यवाही के बाद जिस तरह भाजपा नेताओं के साथ उनके कनेक्शन को लेकर कांग्रेस हमलावर है उससे भी प्रदेश की सियासत गर्म है। कांग्रेस सौरभ शर्मा से पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से लेकर पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह और वर्तमान में मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का कनेक्शन जोड़ा। जिस तरह से आरटीओ के एक अदने से पूर्व कॉस्टबेल सौरभ शर्मा के ठिकानों से जिस तरह से अकूत संपत्ति बरामद हुई उससे एक बात साफ है कि उसके राजनीतिक संरक्षण हासिल था।

संगठन चुनाव को लेकर गुटबाजी-भाजपा में जिला अध्यक्षों के चुनाव को लेकर जिस तरह पार्टी के नेताओं के बीच आपसी गुटबाजी और खींचतान सामने आई है उससे पार्टी का अनुशासन किस तरह तार-तार हो रहा है वह जगजाहिर है। अपने पंसद के जिला अध्यक्षों को बनाने को लेकर दिग्गज नेताओं के बीच आपस तालमेल नहीं बैठने के कारण अब जिला अध्यक्षों का चुनाव का  पूरा मामला दिल्ली पहुंच गया है। हैरत की बात यह है कि पार्टी को जब प्रदेश अध्यक्ष की चुनाव प्रक्रिया शुरु करनी थी तब पार्टी जिला अध्यक्षों के चुनाव को लेकर फंसी है।

वहीं पिछले दिनों इंदौर में पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के बेटे मिलिंद महाजन के शोरूम में तोड़फोड़ के मामले में जिस तरह से दर्जा प्राप्त कैबिनेट मंत्री प्रताप करोसिया के भतीजे पर लगा वह भी भाजपा की गुटबाजी को दिखाता है। शोरूम में तोड़फोड़ के दौरान सुमित्रा महाजन के पोते सिद्धार्थ के साथ हाथापाई ने पार्टी के अनुशासन को तार-तार कर दिया।

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