भोपाल। मध्यप्रदेश में करीब 10 दिन तक बारिश की झमाझम के उपरांत शनिवार को वर्षा का दौर लगभग थम गया है, लेकिन 14-15 अगस्त तक फिर तेज बौछारों का सिलसिला शुरू हो सकता है।
मौसम विज्ञान भोपाल केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक उदय सरवटे ने बताया कि मध्यप्रदेश पर बना वर्षा का सिस्टम शनिवार को उत्तर गुजरात और दक्षिणी राजस्थान पर 'शिफ्ट' हो गया है, अलबत्ता गुजरात से लगे सीमावर्ती इलाकों में कहीं-कहीं वर्षा हो सकती है।
सरवटे ने बताया कि बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पश्चिमी इलाके पर 12 अगस्त को कम दबाव का एक और सिस्टम बन रहा है, इससे 14-15 अगस्त तक मध्यप्रदेश में बारिश का एक और दौर शुरू होने की संभावना है।
मध्यप्रदेश में शनिवार को रतलाम में 4, सतना में 3 एवं गुना में 1 मिमी वर्षा हुई तथा इंदौर सहित कहीं-कहीं बूंदाबांदी के अलावा उल्लेखनीय वर्षा शाम तक कहीं नहीं हुई है।
हालांकि पिछले 24 घंटों के दौरान भाभरा में 190, सरदारपुर में 100, मनावर में 90, आलीराजपुर, नालछा एवं मंदसौर में 80, सेंधवा एवं जोबट में 70 तथा गंधवानी एवं सीहोर में 60 मिमी वर्षा हुई है। इसके अलावा कुछ स्थानों पर 50 से 30 मिमी वर्षा हुई।
राजधानी भोपाल में शनिवार को मौसम खुला और चमकीली धूप निकलने से लोगों को लगातार बारिश की गिरफ्त से मुक्त होने पर राहत मिली। इस वर्षा से भोपाल का बड़ा तालाब लबालब हो गया।
भोपाल में 1 जून से अब तक 986.2 मिमी पानी बरसा, जो सामान्य से 330.2 मिमी ज्यादा है। प्रदेश में अगले 24 घंटों में गुजरात की सीमा से लगे रतलाम, आलीराजपुर, झाबुआ, बड़वानी, धार, नीमच एवं मंदसौर जिलों में कहीं-कहीं भारी वर्षा हो सकती है। प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में कहीं-कहीं लोकल सिस्टम से वर्षा हो सकती है, क्योंकि अभी नमी बनी हुई है। (वार्ता)