Sexual assault in Ujjain Dandi Ashram: उज्जैन में मासूम बच्चों के साथ लैंगिक अपराध का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। दुखद यह है कि यहां के दंडी आश्रम में पंडिताई की शिक्षा ले रहे बच्चों के साथ ये करतूत हुई है।
बता दें कि दो में से एक आरोपी ने कुछ महीनों पहले उज्जैन की सडक पर खून से लथपथ मिली रेप पीडित लडकी की मदद की थी और उसे पुलिस थाने पहुंचाया था। इसके बाद वह सुर्खियों में आया था।
दरअसल, उज्जैन के बड़नगर रोड के दंडी आश्रम में पंडिताई की शिक्षा ले रहे 14 साल के बच्चों के साथ उन्हें पढ़ाने वाले आचार्य राहुल शर्मा और सेवादार अजय शर्मा ने ही उनके साथ लैंगिक अपराध किया है। बीते कई दिनों से वे बच्चों को प्रताड़ित कर उनके साथ लैंगिक अपराध कर रहे थे। उज्जैन के महाकाल थाना पुलिस ने मंगलवार रात को आरोपी आचार्यों के खिलाफ 377 समेत लैंगिक अपराध की धाराओं में केस दर्ज किया है।
मां-बाप को पता था फिर भी बच्चों को आश्रम में छोड़ा : सबसे ज्यादा दुखद और चौंकाने वाली बात यह है कि कई बच्चों के माता-पिता को भी आश्रम के इन दरिंदे आचार्यों की हरकत के बारे में पता था, फिर भी उन्होंने इसका विरोध नहीं किया, और दोबारा बच्चों को आश्रम में छोड़ गए। जब एक बच्चे ने अपने पिता को फोन कर शोषण की जानकारी दी उन्होंने देर रात महाकाल थाना पहुंचकर शिकायत की। बाद में हैवानियत का शिकार बने दो और बच्चे भी सामने आए। दंडी आश्रम के दो आचार्य के खिलाफ 3 बच्चों की शिकायत पर 377, 506 व लैंगिक अपराध संरक्षण अधिनियम 2012 की धाराओं में केस दर्ज किया है। यह जानकारी भी आ रही है कि इन दो आचार्य ने आश्रम के करीब एक दर्जन से ज्यादा बच्चों को हैवानियत का शिकार बनाया है।
आपबीती... मासूम बच्चों की जुबानी
मंदसौर निवासी 14 साल के बच्चे ने पुलिस को बताया कि आचार्य राहुल शर्मा ने उससे ७ अप्रैल को अप्राकृतिक कृत्य किया था। मैं चीखा चिल्लाया तो मेरा मुंह दबा कर जान से मारने की धमकी दी और कहा अगर किसी को बताया तो मार दूंगा। 10 अप्रैल को मुझे मेरे अंकल लेने आए थे।
मैंने मम्मी को जाकर आचार्य के बारे में बताया भी था। इसके बाद 21 अप्रैल को मम्मी मुझे गांव लेकर आ गई। लेकिन 26 अप्रैल को पिताजी मुझे फिर से आश्रम में छोड़ गए। जब मंगलवार शाम को पता चला कि मेरे दोस्त के साथ भी ऐसा हुआ है और वह महाकाल थाना फिर दर्ज करने गया तो मैं भी थाने पहुंच गया। देवास में रहने वाले बालक ने दोस्त के पिता के फोन से अपने पिता को 15 अप्रैल को आचार्य की हैवानियत के बारे में बताया तो वह 16 अप्रैल को आश्रम पहुंचे और उसे घर ले गए।
राजगढ़ के बालक ने बताया कि उसके साथ 10 अप्रैल को आचार्य अजय शर्मा ने अप्राकृतिक कृत्य किया था। 2 दिन बाद वह गांव चला गया था परंतु एक मई से परीक्षा शुरू होने वाली थी। इसलिए मम्मी 30 तारीख को आश्रम छोड़ने आई। यहां पता चला कि आचार्य ने उसके दोस्त के साथ भी गंदा काम किया है। Edited by Navin Rangiyal