भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र का आज हंगामेदार आगाज हुआ। सत्र की कार्यवाही शुरु होते ही विपक्ष ने सीधी पेशाब कांड का मुद्दा उठाकर सरकार को घेरने की कोशिश की। विपक्ष ने प्रदेश में लगातार आदिवासियों के साथ अत्याचार की घटनाओं का उल्लेख करते हुए सरकार को जमकर घेरा। कांग्रेस ने पूरे मामले स्थगन की मांग करते हुए बहस की मांग की। हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही बुधवार सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दी गई।
सरकार की ओर से गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मामले पर जवाब देते हुए कहा कि पूरा मामले पर सरकार की ओर से कठोर कार्रवाई की गई है। गृहमंत्री ने कहा कि कांग्रेस तीन साल पुरानी घटना पर स्थगन की मांग कर रही थी। जबकि पूरे मामले पर सरकार पूरी कानूनी कार्रवाई कर चुकी है। मुख्यमंत्री के आदेश पर NSA की धारा लगाने के साथ आरोपी की गिफ्तारी के साथ बुलडोजर चल चुका है। पूरे मामले का पटाक्षेप हो चुका है लेकिन कांग्रेस राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए पूरे मामले को उठाना चाहती है।
संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस को जनहित से जुड़े मुद्दें लेकर आना चाहिए लेकिन कांग्रेस जनहित मुद्दें के नहीं उठाकर अपनी राजनीति रोटियां सेंकने वाले मुद्दों को लाना चाहती है। वहीं सरकार ने कांग्रेस पर सदन की मान्य परंपराओं को तोड़ने का आरोप लगाया है। संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि सदन में जब वंदेमातरम् होना था तब कांग्रेस की ओर से सीधी पेशाब कांड का मुद्दा उठाया गया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस राष्ट्र के प्रतीक के अपमान का बीड़ा उठा रखा है। राष्ट्रगीत वंदेमातरम् के अपमान पर कांग्रेस को खेद प्रकट करना चाहिए।
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