दिल्ली में लाल किला मैदान में विक्रमादित्य महानाट्य का मंचन, आज निकलेगी शोभा यात्रा

विकास सिंह
शुक्रवार, 11 अप्रैल 2025 (12:42 IST)
भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार ‘विक्रमोत्सव 2025’ के अंतर्गत देश और प्रदेश की सभी पीढ़ियों को सम्राट विक्रमादित्य के जीवन चरित्र, विशेषकर उनके पराक्रम, शौर्य, दानशीलता, न्यायप्रियता और सुशासन से अवगत कराया जा रहा है। इसी श्रृंखला में दिल्ली में 12 से 14 अप्रैल 2025 तक लाल किला मैदान के माधव दास पार्क में सम्राट विक्रमादित्य महानाट्य का भव्य मंचन किया जाएगा। इसके पहले आज दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के मुख्य आतिथ्य में फतेहपुरी, चांदनी चौक से लाल किला तक सम्राट विक्रमादित्य की शोभा यात्रा निकाली जाएगी।

महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ द्वारा आयोजित इस महानाट्य में प्रस्तुति उज्जैन की विशाला सांस्कृतिक एवं लोकहित समिति द्वारा दी जाएगी। इसका लेखन पद्मश्री डॉ. भगवतीलाल राजपुरोहित ने निर्दशन संजीव मालवीय का है। महानाट्य में विक्रमादित्य के जन्म से लेकर सम्राट बनने तक की गाथाएं लगभग 250 कलाकारों द्वारा प्रदर्शित की जाएंगी। महानाट्य के दृश्यों को सजीव बनाने के लिए पालकी, रथ, घोड़ों और एलईडी ग्राफिक्स के स्पेशल इफेक्ट का प्रयोग किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से राज्य सरकार ‘विरासत से विकास’ के ध्येयवाक्य पर काम कर रही है। इसी क्रम में अतीत के गौरवशाली नायकों के जीवन के अलग-अलग पहलुओं को जनता के सामने लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। विक्रम संवत के प्रवर्तक सम्राट विक्रमादित्य का शासनकाल भारतीय साहित्य, ज्योतिष, आयुर्वेद, गणित और चिकित्सा विज्ञान का स्वर्णिम युग भी रहा है, जिसे सम्राट विक्रमादित्य महानाट्य के माध्यम से जीवंत कर जनता के बीच प्रस्तुत किया जाएगा।

कार्यक्रम में महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ द्वारा ‘विक्रमादित्यकालीन मुद्रा और मुद्रांक’ की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। भारतीय ऋषि वैज्ञानिक परंपरा पर केंद्रित ‘आर्ष भारत’ प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जाएगा, जिसमें 100 से अधिक ऋषियों के जीवन और योगदान को प्रदर्शित किया जाएगा। जनसंपर्क विभाग द्वारा ‘मध्यप्रदेश का विकास एवं उपलब्धियां’ विषय पर और पर्यटन एवं उद्योग विभाग द्वारा भी प्रदर्शनियां लगाई जाएंगी।

मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम द्वारा कार्यक्रम स्थल में फूडकोर्ट लगाया जाएगा। इसके माध्यम से दर्शक प्रदेश के पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद ले सकेंगे। फूडकोर्ट में प्रदेश के विभिन्न अंचलों के पकवान- बघेलखंडी निमोना, मालवा की कॉर्न पेटिस और भुट्टे की कीस, इंदौरी पोहा और विंध्य की इंद्रहार-कढ़ी-भात उपलब्ध होंगे। प्रदेश के विशिष्ट पेय जैसे सन्नाटा, नींबू पुदीना, आम पना, सब्जा शिकंजी, गुलाब लस्सी, कुल्हड़ चाय, प्रसिद्ध मिष्ठान जैसे मावा बाटी, जलेबी और श्रीअन्न व्यंजन जैसे कोदो भात, कुटकी गुड खीर और सवां खीर भी मेनू में शामिल किए गए हैं।

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