महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले में बादल फटने जैसी स्थिति के कारण आई बाढ़ में आठ लोगों की मौत हो गई जबकि मुंबई में करीब 300 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को यह जानकारी दी। मुंबई के भक्ती पार्क और मैसूर कॉलनी के बीच एक मोनो रेल तकनीकी वजह के चलते पुल के बीचोबीच रुक गई है। जानकारी के मुताबिक, मोनो रेल की इलेक्ट्रिक सप्लाई बंद होने के कारण ये घटना हुई है। दमकल की टीम मौके पर रवाना हो गई है। मोनो रेल में फंसे यात्रियों का रेस्क्यू किया जा रहा है। अंदर फंसे यात्रियों को क्रेन से उतारा गया। मुख्यमंत्री फडणवीस ने जांच के आदेश दिए हैं।
फडणवीस ने साप्ताहिक कैबिनेट बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि राज्य के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश के कारण 12 से 14 लाख एकड़ भूमि पर लगी फसलें नष्ट हो गई हैं। उन्होंने कहा कि 12-14 लाख एकड़ क्षेत्र में फसल क्षति के अलावा नांदेड़ जिले में आठ लोगों की मौत हो गई है और मवेशियों की भी हानि हुई है।
यात्रियों को शीशे काटकर निकाला गया
एक मोनोरेल ट्रेन मैसूर कॉलोनी और भक्ति पार्क स्टेशन के बीच फंस गई। दमकल विभाग और अन्य एजेंसियां क्रेन की मदद से बचाव अभियान चला रही हैं। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। अधिकारियों ने बताया कि एलिवेटेड ट्रैक पर चलने वाली यह ट्रेन कम से कम एक घंटे से फंसी हुई है। मुंबई मोनोरेल ने एक विज्ञप्ति में कहा कि ट्रेन में बिजली आपूर्ति में मामूली दिक्कत आई थी। अधिकारियों ने बताया कि मुंबई अग्निशमन विभाग के तीन वाहन घटनास्थल पर तैनात किए गए हैं और यात्रियों को खिड़की के शीशे काटकर निकाला जाएगा।
भारी बारिश से थमे ट्रेनों के पहिए
मुंबई में मंगलवार को लगातार चौथे दिन भारी बारिश के कारण शहर के कई इलाकों में जलभराव होने से सड़क और रेल यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ। शहर की जीवनरेखा कही जाने वाली लोकल ट्रेन सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं, जिससे हजारों यात्री घंटों तक रेलवे स्टेशनों पर फंसे रहे। बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के अधिकारियों ने बारिश से उत्पन्न स्थिति को देखते हुए प्रमुख जंक्शनों सहित कई रेलवे स्टेशनों पर फंसे यात्रियों को पीने का पानी, चाय, बिस्कुट और नाश्ता वितरित किया।
मध्य रेलवे ने रेल पटरियों पर पानी भरने के कारण मंगलवार सुबह 11:20 बजे से छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) और कुर्ला स्टेशनों के बीच सभी हार्बर लाइन सेवाएं स्थगित कर दी है। महाराष्ट्र में लगातार बारिश के बाद होने से मिठी नदी का जलस्तर बढ़ने से आस-पास के रेल खंडों में दरार आ गई, जिससे अगली सूचना तक ट्रेनों को रोकना पड़ा। पटरियों पर जलभराव के कारण कुर्ला और सायन के बीच मुख्य लाइन की सेवाएं भी स्थगित कर दी गईं है।
फडणवीस ने कहा कि कुल मिलाकर स्थिति नियंत्रण में है। मुंबई में लगभग 300 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। शहर की जीवनरेखा कही जाने वाली उपनगरीय ट्रेन या तो धीमी हो गई हैं या देरी से चल रही हैं। मीठी नदी (मुंबई में) खतरे के निशान तक पहुंच गई है और 400 से 500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना पड़ा है। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे स्थिति पर नजर रख हुए हैं। शिंदे लगातार दूसरे सप्ताह कैबिनेट बैठक में शामिल नहीं हुए।
फडणवीस ने कहा कि प्रशासन ने शैक्षणिक संस्थानों और कार्यालयों में छुट्टी की घोषणा की है और निजी कार्यालयों से कहा है कि जहां तक संभव हो, घर से काम करने की अनुमति दी जाए। उन्होंने कहा कि स्थिति अब नियंत्रण में है। शाम को उच्च ज्वार आने की संभावना है और हम स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) अलर्ट पर हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बांधों से पानी के प्रबंधन के लिए पड़ोसी राज्यों के साथ समन्वय किया जा रहा है। उन्होंने कहा, "अनियंत्रित जलग्रहण क्षेत्र चिंता का विषय हैं।"
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला कलेक्टर को एनडीआरएफ नियमों के अनुसार, मवेशियों की क्षति, मकानों की क्षति और जानमाल के नुकसान के लिए प्रभावित व्यक्तियों को वित्तीय सहायता देने के संबंध में निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रशासन को फसल नुकसान का मौके पर निरीक्षण करने के लिए कहा गया है।
8 घंटे बाद बहाल हुई रेल सेवा
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में भारी बारिश और पटरियों पर जल जमाव की वजह से छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) और ठाणे स्टेशन के बीच स्थगित की गई उपनगरीय रेल सेवाएं मंगलवार शाम को करीब आठ घंटे के बाद बहाल कर दी गईं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
रेलवे के एक प्रवक्ता ने बताया कि सीएसएमटी और ठाणे के बीच मध्य रेलवे की मुख्य लाइन पर सेवाएं पूर्वाह्न 11.30 बजे स्थगित कर दी गई थीं, जो शाम 7.28 बजे सीएसएमटी से ट्रेन के रवाना होने के बाद बहाल हो गईं। उन्होंने कहा कि सीएसएमटी और मानखुर्द के बीच हार्बर लाइन अब भी बंद है। इससे पहले सुबह सायन और कुर्ला खंड पर पटरियों पर आठ इंच तक जल जमाव होने की वजह से अधिकारियों ने ट्रेन सेवा स्थगित कर दी थी।
अधिकारियों के मुताबिक, कुछ लंबी दूरी की रेलगाड़ियों का समय भी पुनर्निर्धारित किया गया या उन्हें रद्द कर दिया गया। पटरियों के जलमग्न होने की वजह से जहां-तहां खड़ी उपनगरीय ट्रेनों में सवार यात्रियों को मुश्किल का सामना करना पड़ा और उनमें से कई पानी से भरी पटरियों पर पैदल चलकर नजदीकी रेलवे स्टेशन पर पहुंचे।
कहीं गिरी दीवार तो कहीं गिरे पेड़
महाराष्ट्र के ठाणे जिले के कई हिस्सों में मंगलवार को लगातार बारिश होने से जलभराव हो गया जिसके चलते 200 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना पड़ा। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र के ठाणे और पालघर में मंगलवार को लगातार बारिश हुई, जिससे घरों में पानी घुस गया, दीवारें गिर गईं और दोनों जिलों के गांवों का सड़क संपर्क टूट गया।
कल्याण के तहसीलदार और कार्यकारी मजिस्ट्रेट सचिन शेजल ने कहा कि भारी बारिश के कारण कई इलाके जलमग्न हो गये और नदियां उफान पर हैं। कल्याण तालुका में कटई, नंदीवली शिवानी नगर, वालधुनी और भोपर प्रभावित क्षेत्रों में शामिल हैं। उल्हास नदी पर बने पुल को आवागमन के लिए बंद कर दिया गया तथा दहागांव में यातायात अवरूद्ध हो गया, जहां चंद्रा नदी उफान पर है। वाल्कास में भी पुल जलमग्न हो गया।
नेतिवली में एक पेड़ गिरने के बाद कम से कम 120 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया, अहिरे गांव से 70 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया और अन्य इलाकों में भी लोगों को सरकारी स्कूलों और आश्रय स्थलों में पहुंचाया गया।
अधिकारियों के अनुसार, पालघर के वाडा तालुका के गोराट गवारी पाड़ा में नदी किनारे 14 घर जलमग्न हो गए और पडघा के गणेश नगर में 15 घरों में पानी घुस गया। वसई के चंद्रपाड़ा गांव, सरजा गांव, खांडीपाड़ा और चिंचोटी के ओडोला में भी बाढ़ का पानी घरों में घुस गया और निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
ठाणे शहर में, बारिश के दौरान मलबा गिरने के कारण एक घर क्षतिग्रस्त हो गया और आसपास के घरों में रहने वालों को निकाला गया। एक व्यक्ति घायल हो गया और उसे कलवा स्थित एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। बारिश के पानी की निकासी के लिए नाले बनाए गए हैं। सुबह मुंब्रा के संजय नगर में एक चॉल की दीवार गिर गई तथा कलवा एवं ठाणे के घोड़बंदर रोड पर दीवार गिरने की दो और घटनाएं हुईं। ठाणे शहर में कई सड़कों पर जलभराव हो जाने के कारण वाहनों की आवाजाही बुरी तरह प्रभावित हुई।
इससे पहले, मीरा-भायंदर जाने वाले घोड़बंदर रोड को यातायात के लिए बंद कर दिया गया था और पुलिस ने वाहन चालकों से वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करने का आग्रह किया था। बारिश के कारण पालघर के कर्नाला और अंबरभुई गांवों का सड़क संपर्क पूरी तरह से कट गया, जबकि राष्ट्रीय राजमार्ग 160ए पर पचमड़ और चिंचघर पुल बाढ़ के कारण बंद कर दिए गए।
ठाणे के नारिवली और उत्तरशिव गांवों को जोड़ने वाले एक अंडरपास पर एक एसयूवी बाढ़ के पानी में लगभग डूब गई। दो स्थानीय लोगों ने गाड़ी में फंसे यात्रियों को तैरकर बचाया। बचाव अभियान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है।
नगर निकाय, आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ और स्थानीय कार्यकर्ता हाई अलर्ट पर हैं तथा अधिकारियों ने बाढ़ संभावित क्षेत्रों के निवासियों से अस्थायी रूप से स्थानांतरित होने और आपात स्थिति की तुरंत सूचना देने की अपील की है।इनपुट भाषा Edited by : Sudhir Sharma