सेना के जवान ने भीड़ को गाड़ी से नहीं कुचला, जानिए क्या है नागपुर मामले का सच?

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
मंगलवार, 5 अगस्त 2025 (11:39 IST)
Nagpur news in hindi : भारतीय सेना ने उन मीडिया रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया पोस्ट्स का खंडन किया है, जिनमें दावा किया गया था कि एक नशे में धुत सेना के जवान ने 30 लोगों को कार से टक्कर के मारी। 
 
कुछ मीडिया रिपोर्टों और सोशल मीडिया पोस्ट्स में 04 अगस्त 2025 को 'नशे में धुत एक सैन्यकर्मी ने नागपुर में 30 लोगों को कार से टक्कर मारी, स्थानीय लोगों ने पीटा' शीर्षक से एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। इस घटना की जांच की गई है और खबर में घटना की झूठी रिपोर्टिंग का आरोप लगाया गया है।
 
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यह घटना 03 अगस्त 2025 को शाम 6:30 बजे हुई थी। बताया गया है कि एक भारतीय सैन्यकर्मी, कथित तौर पर शराब के नशे में, नागपुर जिले के नगरधन में एक लापरवाहीपूर्ण रोड रेज की घटना में शामिल था। इसमें कहा गया है कि सैनिक ने अपनी गाड़ी भीड़ में घुसा दी, जिससे 25-30 नागरिक घायल हो गए। स्थानीय लोगों ने उस पर हमला किया और बाद में पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
 
क्या है मामला : मामले की जांच के बाद सेना ने बयान जारी कर कहा, रामटेक, नागपुर निवासी हवलदार हर्षपाल महादेव वाघमारे, जो उत्तर पूर्व में तैनात थे, छुट्टी पर थे। 3 अगस्त 2025 की शाम लगभग 6:30 बजे, एक रिश्तेदार के यहां से लौटते समय, पार्किंग को लेकर कुछ स्थानीय लोगों के साथ उनका मामूली झगड़ा हुआ। इस झगड़े के दौरान, चार लोगों ने सेना के जवान का पीछा किया और बदमाशों से बचने की कोशिश में उनकी कार एक पेड़ से टकरा गई।
 
इसी दौरान, 4 लोगों ने गैर-कमीशन अधिकारी को कार से बाहर खींच लिया और उन पर बेरहमी से हमला कर दिया, उनकी कार को क्षतिग्रस्त कर दिया और एक नाले में फेंक दिया। पूरी घटना के दौरान, कोई भी नागरिक घायल नहीं हुआ।
 
हवलदार हर्षपाल महादेव वाघमारे ने 4 अगस्त 2025 को पुलिस थाना रामटेक, नागपुर में चारों व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। रामटेक पुलिस स्टेशन, नागपुर से विवरण की पुष्टि और सत्यापन किया गया है। इन विवरणों की पुष्टि नागपुर ग्रामीण के एसपी ने की है।
 
स्थानीय सैन्य प्राधिकरण ने मामले के शीघ्र समाधान के लिए स्थानीय पुलिस प्राधिकरण से संपर्क किया है। हवलदार हर्षपाल महादेव वाघमारे को हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है। 
 
यह मामला घटनाओं की रिपोर्टिंग में सनसनीखेजपन के खतरे की एक स्पष्ट याद दिलाता है। यह घटना भारतीय सेना की प्रतिष्ठा को धूमिल करने और जहां कोई विभाजन है ही नहीं, वहां विभाजन पैदा करने का एक जानबूझकर किया गया प्रयास भी हो सकता है।
edited by : Nrapendra Gupta 

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