दिन भर बैठा मैं पछताया

मंगलवार, 14 दिसंबर 2010

ये भी तो हो सकता है

बुधवार, 8 दिसंबर 2010

शर्म से मर जाऊँगा

बुधवार, 8 दिसंबर 2010

मैं उनको शक की निगाहों से

सोमवार, 6 दिसंबर 2010

तन्हाई का ज़हर तो

सोमवार, 6 दिसंबर 2010

हमको अज़ीज़ अपनों ने मारा

गुरुवार, 2 दिसंबर 2010

हमको बहुत नाज़ था

गुरुवार, 2 दिसंबर 2010

कोई हमदर्द भी होगा

शुक्रवार, 26 नवंबर 2010

कोई अब तक न ये समझा

शुक्रवार, 26 नवंबर 2010

उसके बदन पर आंचल उड़ते देखा है

शुक्रवार, 26 नवंबर 2010

अब कोई अच्छा भी लगे तो ...

शुक्रवार, 26 नवंबर 2010

मैं पंछी हूँ मुहब्बत का

सोमवार, 1 नवंबर 2010

साथ बस वो ही न था

मंगलवार, 19 अक्टूबर 2010

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