माँ पर कविता : माँ चाहती थी दिखूं मैं सुंदर...

Webdunia
निरुपमा त्रिवेदी,इंदौर
 
 बचपन याद आता है अक्सर
 रूठती थी मैं बात-बात पर
 मां कहती मुझे समझा कर 
 रूठना नहीं देखो पल भर
रूठने से लगती हो निरी बंदर 
फीका दिखता है चेहरा सुंदर
फीके चेहरे पर फिर 
सुंदर नहीं लगते कभी
महंगे से मंहगे वस्त्र भी
चटक रंग ओढ़ते हैं उदासी 
चाहती नहीं क्या तू
बिटिया मेरी दिखना सुंदर 
चिड़ियों सी चहचहाया करो
मधुर बैन बोला करो
फूलों-सी खिलखिलाया करो
मोहक मुस्कान बिखेरा करो
 तितली मन-सी रहा करो 
जीवन में मधु रस घोला करो
गिलहरी-सी फुदका करो 
मन पर बोझ ना रखा करो 
मां का स्नेह भरा स्पर्श पाकर 
गुस्सा होता था मेरा झट छूमंतर 
खिलखिलाते हम दोनों फिर
खट्टे-मीठे लम्हे सहेजते मिल
अब कभी रुठना चाहूं मैं पल भर
मां का मुसकाता चेहरा फिर
याद आता है मुझे अक्सर
रहती नहीं फिर मैं मुंह फुलाकर
मां चाहती थी दिखूं मैं सुंदर
ALSO READ: मां पर कविता : मां मुझको भी तुम जादू की छड़ी ला दो न...

ALSO READ: वामा साहित्य मंच ने मनाया मातृ दिवस, कविताओं और लघुकथा में बताई मां की महिमा

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

चलती गाड़ी में क्यों आती है नींद? जानें इसके पीछे क्या है वैज्ञानिक कारण

सर्दियों में नाखूनों के रूखेपन से बचें, अपनाएं ये 6 आसान DIY टिप्स

क्या IVF ट्रीटमेंट में नॉर्मल डिलीवरी है संभव या C - सेक्शन ही है विकल्प

कमर पर पेटीकोट के निशान से शुरू होकर कैंसर तक पहुंच सकती है यह समस्या, जानें कारण और बचाव का आसान तरीका

3 से 4 महीने के बच्चे में ये विकास हैं ज़रूरी, इनकी कमी से हो सकती हैं समस्याएं

सभी देखें

नवीनतम

नैचुरल ब्यूटी हैक्स : बंद स्किन पोर्स को खोलने के ये आसान घरेलू नुस्खे जरूर ट्राई करें

Winter Skincare : रूखे और फटते हाथों के लिए घर पर अभी ट्राई करें ये घरेलू नुस्खा

Kaal Bhairav Jayanti 2024: काल भैरव जयंती पर लगाएं इन चीजों का भोग, अभी नोट करें

चाहे आपका चेहरा हो या बाल, यह ट्रीटमेंट करता है घर पर ही आपके बोटोक्स का काम

डायबिटीज के लिए फायदेमंद सर्दियों की 5 हरी सब्जियां ब्लड शुगर को तेजी से कम करने में मददगार

अगला लेख