मां की ममता पर कविता : मां, हर दिवस तेरा ही होता

Webdunia
mothers day poem from daughter
माधवी जैन
माँ!!
 
मां, तू गर थोड़ा समझाती,
मां, गर थोड़ा तू घबराती।
तो अपने भविष्य की इबारत भी
अपने हाथों से लिख जाती।
 
हम नन्हे-नन्हे बच्चे थे।
मति के थोड़े कच्चे थे।
पर दिल के पूरे सच्चे थे।
 
तू तो अल्हड़, दीवानी थी।
सारी दुनिया से अनजानी थी।
तेरे पापा ने ब्याहा तुझको,
जब बचपन छोड़ ना पाई थी।
 
तेरे पापा के घर का वो वैभव,
पापा के घर की वो बेफ़िक्री !
पापा के घर की देहरी पर ही ,
उसे छोड़ तू आई थी।
 
हम सब की मां बनी थी तू,
सब को निश्च्छल ही बड़ा किया।
लेकिन, भविष्य की आहट को,
न सुना कभी,न गुनने दिया।
 
जो कह जाती संघर्ष तेरे,
जो संघर्ष तेरे,हम पढ़ लेते।
तो, संघर्ष हमें नहीं चुनते,वरन,
अपने संघर्षों को हम चुनते।
 
फिर, दूर बैठ, न फ़िक्र तुझे,
न तेरी फ़िक्र ही हम करते।
तब हर दिवस तेरा ही होता,
और तेरे हर दिन में हम होते।
बस खुशी-खुशी, अपने हिस्से की
कामयाबियां हम सब गिनते।
ALSO READ: मां पर बेस्ट कविता : मां तू कहां समझ में आती है?

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ग्लोइंग स्किन के लिए चेहरे पर लगाएं चंदन और मुल्तानी मिट्टी का उबटन

वर्ल्ड लाफ्टर डे पर पढ़ें विद्वानों के 10 अनमोल कथन

गर्मियों की शानदार रेसिपी: कैसे बनाएं कैरी का खट्‍टा-मीठा पना, जानें 5 सेहत फायदे

वर्कआउट करते समय क्यों पीते रहना चाहिए पानी? जानें इसके फायदे

सिर्फ स्वाद ही नहीं सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है खाने में तड़का, आयुर्वेद में भी जानें इसका महत्व

इन विटामिन की कमी के कारण होती है पिज़्ज़ा पास्ता खाने की क्रेविंग

The 90's: मन की बगिया महकाने वाला यादों का सुनहरा सफर

सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है नारियल की मलाई, ऐसे करें डाइट में शामिल

गर्मियों में ये 2 तरह के रायते आपको रखेंगे सेहतमंद, जानें विधि

क्या आपका बच्चा भी चूसता है अंगूठा तो हो सकती है ये 3 समस्याएं

अगला लेख