Dharma Sangrah

सुनो हम सबकी आयशा...

डॉ. अंजना चक्रपाणि मिश्र
प्रिय आयशा !
 
 
तुम्हें ये पत्र लिख रही हूं किंतु जानती हूं कि तुम इसे नहीं पढ़ पाओगी ...पर तुम्हारे जैसी और कई आयशाएं होंगी और ऐसी ही मानसिक यंत्रणाओं और अवसादों से रूबरू हो रही होंगी उन्हें शायद आत्महत्या जैसे कदम उठाने से पहले रोक पाऊं ....मैं हमेशा से ये मानती आई हूं कि स्त्रियों में धारित्री का गुण जन्मजात होता है, उनमें बहुत जीवट होता है...बार-बार गिरकर भी उठ खड़ी हो जाती हैं...बार-बार दामन के तार-तार होने पर भी जिजीविषा की 
जीवंत मिसाल बन दुनिया के सामने बहुत मज़बूती से खड़ी हो जाती हैं...तुम तो उस देश की रहनेवाली थी जहां की वीरांगनाओं की गौरव गाथाओं से इतिहास भरा पड़ा है। मुझे तो लगता है स्त्रियां फ़ीनिक्स की तरह होती है जो अग्नि में जल कर ख़ाक भी ही जाएं तो उसी राख से पुनर्जीवित हो जाती हैं 
 
...तुम परिस्थितियों से क्यों  नहीं लड़ी आयशा ..क्यों ऐसे पुरुष के प्रेम में संकोच कर असह्य प्रताड़ना सहती रही क्यों ... क्यों नहीं अपने ससुराल को उनके कुकृत्य की कड़ी सज़ा दिलवाने के लिए संघर्ष किया ..क्यों ?
 जीवन को अंत कर लेने का निर्णय शायद तुम्हारे शौहर की बेरुख़ी,बदतमीज़ी,दूसरी स्त्री से संबंध और तुम्हें जो उसके द्वारा दी गई मानसिक यंत्रणा से उपजे अवसाद के कारण ही लिया होगा ..

पर प्यारी आयशा तुमने अपने अम्मी और अब्बू के बारे में क्यों नहीं सोचा..कभी गर सोचा होता तो शायद ये निष्ठुर क़दम तुम कभी नहीं उठा पाती ..तुमने अपने दोस्तों के बारे में क्यों नहीं सोचा ..कितनी मोहब्बत थी उन्हें तुमसे। अपनी निग़ाहों में दर्द का सैलाब समेटे तुम बार-बार यही कह रहीं थीं कि मैं बहुत ख़ुश हूं ..तुम्हारा मुस्कुराता हुआ ग़मगीन चेहरा तुम्हारे अंदर भरे खारेपन के एहसासात को बेसाख़्ता बयां कर रहा था...  
 
..काश वो साबरमती नदी तुम्हें अपने में समाहित करने से इंकार कर देती तो आज तुम्हारे ज़िन्दगी का कोई और मंजर होता ..और तुम भी वुमन्स डे पर ख़ुशियां बांट रही होती .. ज़िन्दगी की लड़ाई से भाग रही कई मासूम लड़कियां तुमसे से प्रेरणा ले अपना जीवन संवार रही होती।

सुनो हम सबकी आयशा 
 
..कहते हैं कि मनुष्य जन्म बहुत पुण्य के बाद मिलता है तो अगले जन्म में भी किसी की बिटिया बनकर जन्मना और मेरी यही गुज़ारिश है की अपने जीवन को यूं जाया न जाने देना और बहुत ख़ुश रहना एवं ख़ुशियां लुटाना,ज़िन्दगी है तो मुसीबतें एवं परेशानियां तो आती रहती हैं तुम उनसे घबराना नहीं,डट कर संघर्ष करना तुम्हें विजय मिलेगी !एक नए रूप में हिम्मत और आत्मविश्वास से लबरेज़ एक नई आयशा का हमेशा इन्तज़ार रहेगा ....लाड़ो तुम आना हमारे देश!
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

Toilet Vastu Remedies: शौचालय में यदि है वास्तु दोष तो करें ये 9 उपाय

डायबिटीज के मरीजों में अक्सर पाई जाती है इन 5 विटामिन्स की कमी, जानिए क्यों है खतरनाक

एक दिन में कितने बादाम खाना चाहिए?

Vastu for Toilet: वास्तु के अनुसार यदि नहीं है शौचालय तो राहु होगा सक्रिय

Winter Health: सर्दियों में रहना है हेल्दी तो अपने खाने में शामिल करें ये 17 चीजें और पाएं अनेक सेहत फायदे

सभी देखें

नवीनतम

Maharaja Chhatrasal: बुंदेलखंड के महान योद्धा, महाराजा छत्रसाल, जानें उनसे जुड़ी 10 अनसुनी बातें

Armed Forces Flag Day 2025: सेना झंडा दिवस क्यों मनाया जाता है, जानें इतिहास, महत्व और उद्देश्य

Ambedkar philosophy: दार्शनिक और प्रसिद्ध समाज सुधारक डॉ. बी.आर. अंबेडकर के 10 प्रेरक विचार

Dr. Ambedkar Punyatithi: डॉ. भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि, जानें उनके जीवन के 10 उल्लेखनीय कार्य

अयोध्या में राम मंदिर, संपूर्ण देश के लिए स्थायी प्रेरणा का स्रोत

अगला लेख