जनता की ही नहीं, सरकार की भी ‘इम्‍युनिटी’ बढ़ाएगी ‘फ्री वैक्‍सीन’

नवीन रांगियाल
कोरोना वायरस का नया स्‍ट्रेन सामने आने के बाद अफवाहें थीं कि थी कि स्‍ट्रेन कोई नई साजिश हो सकती है, क्‍योंकि जनता अब मास्‍क और दो गज की दूरी से तंग आ चुकी हैं और कोरोना वायरस का भी उसे डर नहीं रहा है, ऐसे में जिस वैक्‍सीन पर अरबों-खरबों खर्च किए जा रहे हैं, उसे कौन लगवाएगा।

ठीक इसी बीच सरकार ने इसके इस्‍तेमाल को मुफ्त करने की घोषणा की है। ऐसे में अब चर्चा है कि आखि‍र इसके क्‍या मायने हो सकते हैं?

दरअसल, आज से देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कोरोना वैक्सीन का ड्राई रन चल रहा है, इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने वैक्सीन पर बड़ा बयान दिया है। अपने बयान में स्वास्थ्य मंत्री ने देशभर के लोगों को फ्री में कोरोना वैक्सीन दिए जाने की बात कही है।

उनसे सवाल पूछा गया था कि क्‍या दिल्‍ली की तरह कोरोना वैक्सीन कुछ दूसरे राज्यों में भी फ्री होगी?  इस पर डॉ हर्षवर्धन ने कहा,

'कोरोना वैक्सीन दिल्ली में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में फ्री होगी'

दरअसल, इसकी बि‍ल्‍कुल भी उम्‍मीद नहीं थी, क्‍योंकि कहा जा रहा था कि वैक्‍सीन के पैसे देने होंगे। इसका अलग-अलग रेट होगा, लेकिन सरकार ने इस दावे के बि‍ल्‍कुल उलट दाव खेल लिया है। हो सकता है आने वाले समय में मुफ्त वैक्‍सीन की यह घोषणा पूरे देश में इम्‍युनिटी की तरह काम करे।

इस घोषणा से जनता की इम्‍युनिटी तो बढेगी ही लेकिन सरकार की भी इम्‍युनिटी स्‍ट्रांग होगी। हमारे देश में मुफ्त के माल की चर्चा खूब होती है। पिछले चुनावों में आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने दिल्‍ली की जनता से मेट्रो में महिलाओं के लिए निशुल्‍क यात्रा को अपने घोषणा पत्र में शामिल किया था, जिसका नतीजा यह था कि उन्‍होंने दिल्‍ली में एक बार फि‍र से भाजपा को मात देकर दिल्‍ली का तख्‍त हासिल किया था।

देश की आबोहवा में वैसे भी मुफ्त कैरोसिन और राशन का अच्‍छा-खासा बोल बाला है। कई राज्‍यों की सरकारें और चुनाव में उम्‍मीदवार बने नेता अपनी जनता को मुफ्त चीजें देने का सब्‍जबाग दिखाते रहे हैं।

ऐसे में देश में मुफ्त की घोषणा चुनाव में जीतने की गारंटी तो नहीं है, लेकिन इस घोषणा पर जीत का प्रतिशत तो काफी हद तक बढ़ ही जाता है।

हालांकि कोरोना की भयावह त्रासदी से जूझ रही जनता के लिए केंद्र सरकार की यह घोषणा बेहद राहतभरी है। खासतौर से गरीब वर्ग जो अपने एक वक्‍त का भोजन जुटाने के लिए कई चुनौतियों का सामना करता है उसे अगर इस वायरस से लड़ने के लिए मुफ्त में मिली वैक्‍सीन न सिर्फ उसकी शारीरिक बल्‍कि मॉरल इम्‍युनिटी भी बढ़ाएगी। वहीं दूसरी तरफ निश्‍चित तौर पर इससे सरकार की इम्‍युनिटी भी बढ़ेगी, क्‍योंकि कुछ ही महीनों में पश्‍चिम बंगाल और तमिलनाडु में चुनाव होने वाले हैं। हो सकता है इस फ्री वैक्‍सीन के मायने यहीं कहीं छुपे हों।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

गर्भवती महिलाओं को क्यों नहीं खाना चाहिए बैंगन? जानिए क्या कहता है आयुर्वेद

हल्दी वाला दूध या इसका पानी, क्या पीना है ज्यादा फायदेमंद?

ज़रा में फूल जाती है सांस? डाइट में शामिल ये 5 हेल्दी फूड

गर्मियों में तरबूज या खरबूजा क्या खाना है ज्यादा फायदेमंद?

पीरियड्स से 1 हफ्ते पहले डाइट में शामिल करें ये हेल्दी फूड, मुश्किल दिनों से मिलेगी राहत

मेडिटेशन करते समय भटकता है ध्यान? इन 9 टिप्स की मदद से करें फोकस

इन 5 Exercise Myths को जॉन अब्राहम भी मानते हैं गलत

क्या आपका बच्चा भी हकलाता है? तो ट्राई करें ये 7 टिप्स

जर्मन मीडिया को भारतीय मुसलमान प्रिय हैं, जर्मन मुसलमान अप्रिय

Metamorphosis: फ्रांत्स काफ़्का पूरा नाम है, लेकिन मुझे काफ़्का ही पूरा लगता है.

अगला लेख