समाज का एक चेहरा, घि‍नौना भी है

प्रीति सोनी
हां वाकई समाज का एक चेहरा और है जो विकृत है...गंदा है, घिनौना है और सड़ा हुआ है जिसपर मक्खियां भिनभिना रही हैं...यूं तो अब छोटी बच्चियों का शोषण और बलात्कार जैसी घटनाएं अब आम हो चली हैं...लेकिन उन 5 अलग-अलग बच्च‍ियों के साथ हुई ज्यादती और उनकी कहानी जानने के बाद समाज का वह चेहरा मैं कल्पना भी नहीं कर पा रही...सोचकर ही मुझे घिन आ रही है...।
   

मुझे शर्म आ रही है उसे समाज, जिसका हिस्सा हूं मैं... जहां देवी मानी जाने वाली बच्च‍ियों के साथ जब शारीरिक अन्याय होता है, तो उसे गंभीरता से नहीं लिया जाता, और न्याय के लिए लड़ते-लड़ते पालक न जाने कितने भारी बोझ के तले दब जाते हैं...। 
 
तकलीफ हुई 8 साल की सदफ के बारे में जानकर जिसका नाम भले ही उस कहानी में बदला हुआ था, लेकिन यकीनन उसकी परिस्थतियां और दर्द कहीं ज्यादा होगा...। सुना है, जब वो घर से बाहर मिठाई लेने निकली थी, तो किसी 50 साल के डॉक्टर ने उसे बहलाकर खींच लिया और उसके साथ बलात्कार किया...। वो बदहवास सी सड़क पर भागती हुई बेहोश हो गई, जिसके बाद 3 महीने अस्पताल में उसने अपनी देह से लगातार बहते खून के साथ बिताए...।तकलीफ उसकी थी बेशक, लेकिन आंखें मेरी भी गीली हुईं...कैसे सहा उस बच्ची ने वह सब...जिसकी कल्पना से ही मैं क्षुब्ध हूं...। 
 
उसने स्कूल जाना बंद कर दिया, जहां जाना उसे पसंद हुआ करता था। उसने अपनी उस सहेली को तीन महीने से नहीं देखा, जिसके साथ खेलना और वक्त बिताना उसे अच्छा लगता था। 

और उस रिया के बारे में क्या कहा जाए, जिसके पिता ने ही 4 साल की उम्र से शोषण करना शुरु किया और 9 वर्ष की उम्र में बलात्कार...। कैसी व्यथा, जो एक मां भी बेटी का साथ न देकर उल्टा उसे  वैश्या कहकर गालियां देती, क्योंकि पिता उसके कारण जेल में है...वह पति की जेल से रिहाई की बाट जोहती है, ताकि घर में खाने को अन्न नसीब हो। 
 
हद ही करता है ईश्वर...किसी दौलत सी ही तो हैं बेटियां...फिर क्यों गरीबी की छायां तले जन्म देता है उन्हें, कि बिन पैसों के न वे अपनी आबरू बचा पाएं, ना ही अपने हिस्से का न्याय...। क्यों नहीं करता उस घर को आबाद, जहां साक्षात खेलती हैं लक्ष्मी और ल‍िखती, पढ़ती, कविता सुनाती है सरस्वती...।
 
क्यों नहीं देता समाज को बुद्ध‍ि और नारी को वह स्थान...जो कीमत हो उनकी, हिफाजत हो और न्याय के लिए पैसा भी...? क्यों सिर्फ कचहरी के चक्कर काटने और वकीलों की फीस देने को, लेना पड़े किसी बेटी के पिता को दो बार लोन...? क्यों चुकाए कोई कीमत सिर्फ अपनी मासूमियत की...? क्यों चुकाए कीमत सिर्फ स्त्री देह पाने की...।

वर्कआउट करते समय क्यों पीते रहना चाहिए पानी? जानें इसके फायदे

तपती धूप से घर लौटने के बाद नहीं करना चाहिए ये 5 काम, हो सकते हैं बीमार

सिर्फ स्वाद ही नहीं सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है खाने में तड़का, आयुर्वेद में भी जानें इसका महत्व

विश्‍व हास्य दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?

समर में दिखना है कूल तो ट्राई करें इस तरह के ब्राइट और ट्रेंडी आउटफिट

Happy Laughter Day: वर्ल्ड लाफ्टर डे पर पढ़ें विद्वानों के 10 अनमोल कथन

संपत्तियों के सर्वे, पुनर्वितरण, कांग्रेस और विवाद

World laughter day 2024: विश्‍व हास्य दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?

फ़िरदौस ख़ान को मिला बेस्ट वालंटियर अवॉर्ड

01 मई: महाराष्ट्र एवं गुजरात स्थापना दिवस, जानें इस दिन के बारे में