Hanuman Chalisa

बचने की गली: आखिर क्‍यों बार-बार टूट जाती है ‘निर्भया की आशा’

नवीन रांगियाल
निर्भया के साथ हुए दिल्‍ली के सबसे क्रूरतम दुष्‍कर्म के मामले में चारों दोषियों को मंगलवार यानी 3 मार्च को होने वाली फांसी एक बार फिर से टल गई है। दरअसल, निर्भया गैंगरेप मर्डर केस के चारों दोषियों में से एक पवन की दया याचिका राष्ट्रपति के सामने लंबित होने की वजह से पटियाला हाउस कोर्ट ने फांसी पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। पहले के आदेश के मुताबिक चारों दोषियों को 3 मार्च की सुबह 6 बजे फांसी दी जाना तय हुआ था। लेकिन फिलहाल निर्भया की मां आशा देवी को और इंतजार करना होगा। बार-बार फांसी टलने की वजह से वे काफी निराश और दुखी हैं।

निर्भया की मां का नाम है आशा। आशा देवी। वही निर्भया जिसे देश की राजधानी में चार दरिंदों ने मिलकर सरेआम कुचल डाला था।

उसी दिन से निर्भया की मां आशा देवी की लड़ाई शुरू हो गई थी। उन चार दरिंदों के खिलाफ। उन सभी बच्‍चियों के लिए जो इसी तरह समय-समय पर कुचल दी जाती हैं। हालांकि इस लड़ाई में देशवासियों ने भी उसका साथ दिया था। लेकिन सिर्फ एक दिन के लिए। जब वे दिल्‍ली में मोमबत्‍ती और निर्भया की तस्‍वीर हाथ में लेकर आंखों पर पट्टी बांधे खड़ी प्रतिमा से न्‍याय की मांग कर रहे थे।

लेकिन इसके बाद की पूरी लड़ाई सिर्फ और सिर्फ निर्भया की मां ने ही लडी है अकेले। नितांत अकेले। मंदिर की चौखट से लेकर कोर्ट की सीढियों तक। वकीलों से लेकर न्‍याय की व्‍यवस्‍था तक। और दिल्‍ली के ‘पोस्‍ट टू पिलर’ तक। जिसने सबसे ज्‍यादा एड़ी घिसी, माथा रगड़ा वो सिर्फ और सिर्फ निर्भया की मां थी। और आज भी है। लेकिन अफसोस उसकी लड़ाई फिलहाल खत्‍म नहीं हुई है। 3 मार्च तक स्थगित भर हुई है।

दरअसल, तीसरी बार दोषियों को फांसी देने की घोषणा हुई है, इसके पहले दो बार फांसी की घोषणा हो चुकी है, और दोनों बार टल गई। अब तीसरी बार जब आदेश आया है तो फिर से दोषियों के बचने की गली पर चर्चा हो रही है। यानी इस बार भी उनके कुछ दिन बचने या जिंदा रहने की गुंजाईश से इनकार नहीं किया जा सकता है। शायद इसलिए  ही निर्भया की मां आशा देवी ने मीडिया में संशय और उम्‍मीद से दबा कुचला बयान दिया है। उन्‍होंने कहा है--

‘मैं ज्यादा खुश नहीं हूं, क्योंकि यह तीसरी बार है जब डेथ वॉरंट जारी हुआ है। हमने काफी संघर्ष किया है इसलिए इस बात से संतुष्ट हूं कि आखिरकार डेथ वॉरंट जारी किया गया। मुझे उम्मीद है कि 3 मार्च को फांसी हो जाएगी’

दोषियों के बचने के विकल्‍प, गुंजाईश और उनकी गली पर इसलिए भी सवाल उठाए जाने चाहिए क्‍योंकि जब दंरिदों ने अपराध को अंजाम दिया था तो उन्‍होंने निर्भया को बचने का एक भी मौका नहीं दिया था। कोई गुंजाईश नहीं छोड़ी थी, कोई गली नहीं थी ऐसी जहां से निर्भया बचकर बाहर आ सकती थी। उसे उस हद तक कुचला गया कि उसके पास तिनके का भी सहारा नहीं रह गया था। वो सांस सांस मरी थी, सांस सांस लड़ी थी। तो दोषियों के पास भी एक सांस लेने की उम्‍मीद बरकरार क्‍यों रहना चाहिए। उन्‍हें जिंदगी का बोनस क्‍यों मिलना चाहिए।
इसलिए संशय और उम्‍मीद से भरा हुआ आशा देवी का बयान जायज है, लॉजिकल है और उसे ‘अंडरलाइन’ किया जाना चाहिए।

एक पूरी कानूनी प्रक्रिया से गुजरने के बाद। दो बार फैसला होने के बाद। और सबसे अहम यह कि इतने साफ और स्‍पष्‍ट अपराध के बावजूद निर्भया की ‘आशा’ आखिर क्‍यों बार-बार टूट जाती है।

क्‍या अपराध के खिलाफ लड़ने वाले और न्‍याय के लिए जूझने वाली ‘आशा’ को भी इस तरह बार-बार टूटना चाहिए।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

Winter Health: सर्दियों में रहना है हेल्दी तो अपने खाने में शामिल करें ये 17 चीजें और पाएं अनेक सेहत फायदे

Winter Superfood: सर्दी का सुपरफूड: सरसों का साग और मक्के की रोटी, जानें 7 सेहत के फायदे

Kids Winter Care: सर्दी में कैसे रखें छोटे बच्चों का खयाल, जानें विंटर हेल्थ टिप्स

Winter Recpe: सर्दियों में रहना है हेल्दी तो बनाएं ओट्स और मखाने की स्वादिष्ट चिक्की, मिलेंगे कई सेहत फायदे

Winter Health Tips: सर्दियों में रखना है सेहत का ध्यान तो खाएं ये 5 चीजें

सभी देखें

नवीनतम

अयोध्या: श्री राम का ध्वजारोहण, सभी अटकलों का विराम

Negative thinking: इन 10 नकारात्मक विचारों से होते हैं 10 भयंकर रोग

Health Benefits of Roasted Potatoes : भुने आलू खाने से हेल्थ को मिलते हैं ये 6 सेहतमंद फायदे

Quotes of Guru Tegh Bahadur: गुरु तेग बहादुर जी के शहादत दिवस पर अपनों को भेजें ये खास 7 भावपूर्ण संदेश

Guru Tegh Bahadur: गुरु तेग बहादुर का 350वां शहीदी दिवस, जानें उनके 6 खास कार्य

अगला लेख