Hanuman Chalisa

शादी का झांसा : दोनों पक्ष समझें आधुनिकता में मर्यादा की अहमियत...

ज्योति जैन
आए दिन खबरें पढ़ने में आ रही हैं कि शादी का झांसा देकर युवती का शोषण किया गया। जेहन में एक प्रश्न बार-बार कौंध रहा था कि अगर उसने पुरुष पर विश्वास किया भी कि वह उससे विवाह कर लेगा.. तो भी उसने  अपनी मर्यादा याद क्यों नहीं रखी...?
 
पिछले कुछ वर्षों से देखने में आ रहा है एक शहर से दूसरे शहर.. या गांव वाले छोटे शहर में.. छोटे शहर वाले बड़े शहर में.. और बड़े शहर वाले युवा महानगर में जाते हैं..।
 
 यह युवा विद्यार्थी भी हो सकते हैं.. और नौकरीपेशा भी। ऐसे युवा जब बाहर निकलते हैं तो लगता है कि वह बागड़ तोड़कर यहां भाग आए हैं। कोई अंकुश नहीं है.. उनका परिवार ना ही परिजन.. जो देख सके कि कहीं कुछ गलत तो नहीं कर रहे...! क्योंकि बड़े शहर में धन की आवश्यकता छोटे शहरों या कस्बों से तो अधिक ही  होगी, तो उनके माता-पिता धन देकर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर लेते हैं। मोबाइल और मोटरसाइकिल को अपनी जिंदगी समझने वाले युवा संस्कारों से जैसे दूर होते जा रहे हैं।
 जिनके घर बार यहां हैं वह तो फिर भी लगता है कि कहीं ना कहीं भय या दबाव में अपनी मर्यादा का पालन करते हैं। 
 
लेकिन बाहरी युवा (सभी गलत नहीं है) निरंकुश होते जा रहे हैं। उनके माता-पिता नहीं जानते कि वे यहां किसके साथ रहते हैं... कैसे रहते हैं... क्या लिव इन रिलेशनशिप में है.... उनका लाइफस्टाइल क्या है... वह वर्जिन बचे भी हैं या नहीं ...?
 
और इस सब के बाद यदि कुछ अनहोनी हो, तो ठीकरा हमेशा दूसरे के माथे फोड़ा जाता है। कुछ बरस पीछे पलट कर देखती हूं। तो तब भी युवा साथ पढ़ते थे..साथ काम करते थे.. लेकिन वह एक मर्यादा में रहते थे।
 
 
आज आधुनिकता के नाम पर ऐसे मर्यादित लोगों को बैकवर्ड कहा जाता है जो समय से घर आ जाते हैं।
 रात को 2 -3 बजे तक बाहर रहने वाले युवा स्वयं को आधुनिक समझते हैं... और इस आधुनिकता के चक्कर में अपने संस्कार में खोते जा रहे हैं। लेकिन विडंबना यह है कि जब लड़का विवाह के लिए मना कर देता है तब लड़की उस पर आरोप लगाकर स्वयं को बेचारी साबित करती है।
 आधुनिकता के नाम पर संस्कारों से खिलवाड़ बंद होना चाहिए और निश्चित रूप से इस में माता-पिता की अहम भूमिका होना चाहिए ..जो अपने बच्चों के क्रियाकलापों की ओर से आंखें बंद रखते हैं..।
 
और हां..! जब हम लैंगिक समानता की बात करते हैं, तो मर्यादित दोनों को होना चाहिए.. और आरोपी/व्यभिचारी/दोषी भी दोनों ही होना चाहिए।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

लॉन्ग लाइफ और हेल्दी हार्ट के लिए रोज खाएं ये ड्राई फ्रूट, मिलेगा जबरदस्त फायदा

इस आदत से इंसानी दिमाग हो जाता है समय से पहले बूढ़ा, छोटी उम्र में बढ़ जाता है बुढ़ापे वाली बीमारियों का खतरा

मजबूत और लंबे बालों के लिए 5 बेस्ट विटामिन जो करेंगे कमाल, जानिए हर एक के फायदे

7 फल जिनमें शुगर की मात्रा सबसे ज्यादा, डाइट में शामिल करने से पहले जरूर जानें

शुगर लेवल बैलेंस करने वाले 5 आयुर्वेदिक फूड्स, रोजाना करें डाइट में शामिल

सभी देखें

नवीनतम

ऐसे काम करती है आतंकियों की स्लीपर सेल...!

Jawaharlal Nehru Jayanti 2025: एक गुलाब, एक राष्ट्र निर्माता: बच्चों के प्यारे 'चाचा नेहरू' की कहानी

Childrens Day: बाल दिवस पर अपने प्रिय दोस्तों को भेजें ये 10 खास शुभकामना संदेश

World Diabetes Day: विश्व मधुमेह जागृति दिवस कब मनाया जाता है, जानें इतिहास, लक्षण और उपचार

Nehru Jayanti 2025: जयंती विशेष: पंडित जवाहरलाल नेहरू के जीवन से जुड़ी 11 रोचक जानकारियां

अगला लेख