सोशल मीडिया : प्रभाव और संभावनाएं

Webdunia
बुधवार, 12 जुलाई 2017 (13:10 IST)
-विनय कुशवाहा
फेसबुक पर जब तक पोस्ट न करें, इंस्टाग्राम पर फोटो अपलोड न करें, व्हॉट्सएप पर पोस्ट शेयर न करें, तब तक 21वीं सदी की सुबह शुरू नहीं होती। सोशल मीडिया हमारी जिंदगी का हिस्सा बन गया है। सोशल मीडिया को आज के युग का अभिन्न अंग माना जाए तो इसमें कोई बहस नहीं होनी चाहिए। 
 
आज किसी से फोन पर कम, सोशल मीडिया के किसी प्लेटफॉर्म पर ज्यादा बात होती है। किसी को शुभकामनाएं देने, संदेश भेजने, बात करने में सोशल मीडिया का बहुत बड़े पैमाने पर उपयोग किया जा रहा है। इस मीडिया के उपयोग का सबसे बड़ा कारण इसकी काम करने की क्षमता है या इसे इस तरह कहें कि कोई भी संदेश आदि बहुत तेजी से एक जगह से दूसरी जगह बहुत आसानी से और जल्दी पहुंच जाते हैं।
 
सोशल मीडिया क्या है?
 
यह वह मीडिया है, जो वर्चुअल रूप से एक दुनिया तैयार करता है। इंटरनेट की मदद से किसी भी सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हुए किसी कंटेंट को एक्सेस करना ही सोशल मीडिया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर, स्नैपचैट, वाइवर, हाइक आदि हैं। इन प्लेटफॉर्म का उपयोग इन पर अकाउंट बनाकर कर सकते हैं। सोशल मीडिया संचार का सबसे तेज माध्यम है जिसमें जानकारियों का आदान-प्रदान सतत जारी मतलब 24x7x365 रहता है। 
 
सोशल मीडिया का सर्वाधिक उपयोग युवाओं के बीच हो रहा है। इसके उपयोग के पीछे सबसे बड़ा कारण है इसके फीचर। जिस प्रकार अन्य मीडिया टू एजुकेट, टू इंटरटेन, टू इनफॉर्म के फॉर्मूले पर काम करते हैं, ठीक उसी प्रकार सोशल मीडिया भी काम करता है। हर वो जानकारी जो यूजर्स को चाहिए, इस मीडिया प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है। लिंक, डॉक्यूमेंट, फोटो, वीडियो आदि को आसानी से शेयर किया जा सकता है, वो भी कुछ मिनटों या सेकंडों में। युवाओं के बीच इसका क्रेज इसलिए भी है, क्योंकि यह सब कुछ एक जगह ही उपलब्ध हो जाता है। 
 
विश्व की जनसंख्या लगभग 7 अरब है जिनमें से 3 अरब लोग इंटरनेट यूजर्स हैं। सोशल मीडिया पर एक्टिव यूजर्स की संख्या लगभग 2.7 अरब है और मोबाइल से सोशल मीडिया का उपयोग करने वाले लोगों की संख्या लगभग 2.5 अरब है। विश्व के ये आंकड़े जानने के बाद कहा जा सकता है कि सोशल मीडिया का बहुत व्यापक प्रभाव है। 
 
भारत भी सोशल मीडिया के प्रभाव से अछूता नहीं रहा है। भारत की कुल जनसंख्या लगभग 1.31 अरब है जिनमें से लगभग 46.2 करोड़ लोग इंटरनेट यूजर्स हैं। सोशल मीडिया पर एक्टिव यूजर्स लगभग 19.1 करोड़ हैं और मोबाइल से सोशल मीडिया ऑपरेट करने वालों की संख्या लगभग 16.9 करोड़ है। इन आंकड़ों से पता चलता है कि सोशल मीडिया हमारे जीवन में कितनी गहरी पैठ बना चुका है। 
 
सोशल मीडिया की विश्वभर में ग्रोथ रेट 30 प्रतिशत, जबकि भारत में 44 प्रतिशत है। ये सभी आंकड़े डिजिटल 2017 ग्लोबल ओवरव्यू के नाम से वीआर सोशल और हूटस्यूट ने प्रकाशित किए हैं। भारत भले ही प्रतिशत के आधार पर पीछे हो, परंतु संख्या के आधार पर चीन के बाद दूसरे स्थान पर है। लेकिन यह सोचने का विषय है कि आज भी भारत इंटरनेट की उपलब्धता के मामले में बहुत पिछड़ा हुआ देश है। 
 
फेसबुक लगभग 1.8 अरब यूजर्स के साथ पहले नंबर पर है। दूसरे स्थान पर दो प्लेटफॉर्मों ने जगह बनाई है जिनमें व्हॉटसएप, फेसबुक मैसेंजर हैं। तीसरे स्थान पर क्यू-क्यू है। भारत में सोशल मीडिया का क्रेज बढ़ता जा रहा है जिसमें मदद कर रहा है इंटरनेट का बढ़ता दायरा। आज सरकार से लेकर सरकारी विभागों तक, फ्रेंड से लेकर रिश्तेदारों तक और टीचर से लेकर कॉलेजों तक सभी सोशल मीडिया का उपयोग जोर-शोर से कर रहे हैं। 
 
जहां सोशल मीडिया के बहुत सारे फायदे हैं, वहीं कुछ नुकसान भी हैं। लोग अपनी मनचाही जानकारी प्राप्त करने में घंटों लगा देते हैं जिसे सीधे तौर पर समय की बर्बादी कहा जा सकता है। हर मिनट, हर घंटे, हर दिन नई जानकारियां अपलोड की जाती है जिसका परिणाम यह होता है कि यूजर्स समझ नहीं पाता कि कौन सी जानकारी सही है और कौन सी गलत। कंटेंट पर किसी व्यक्ति का अधिकार नहीं होता है। गलत जानकारी, फोटो व वीडियो शेयर किए जाते हैं जिससे कभी-कभी दंगे तक भड़क जाते हैं। सोशल मीडिया के कंटेंट पर किसी का कंट्रोल न होने से अश्लील सामग्री का प्रसार-प्रचार बढ़ा है। लोग फेक आईडी बनाकर दूसरों को परेशान कर रहे हैं। आजकल सोशल मीडिया ने बैंक फ्रॉड को आसान बना दिया है। 
 
सोशल मीडिया का सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव युवाओं पर ही पड़ा है। विद्यार्थी जीवन में कम ज्ञान होने से वे किसी भी विषय पर जल्दी से भरोसा कर लेते हैं। युवाओं पर सोशल मीडिया का प्रभाव या दुष्प्रभाव पड़ने का सबसे बड़ा कारण यह है कि यहां सर्वाधिक कंटेंट युवा केंद्रित होता है। आजकल सोशल मीडिया को गेम साइट से जोड़ दिया है, जो कि टाइम की बर्बादी करता है। एक रिपोर्ट में बताया गया है कि सोशल मीडिया पर युवाओं को सर्वाधिक प्रभावित धूम्रपान और शराब पीने संबंधित फोटो या कंटेंट करते हैं। 
 
सोशल मीडिया संचार का सर्वोत्तम माध्यम है और जानकारी प्राप्त करने का भी। यह एक ऐसा हथियार है जिसका उपयोग सावधानीपूर्वक न किया गया तो यह सामने वाले के साथ-साथ आपके लिए भी घातक सिद्ध हो सकता है।
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