क्या आप जानते हैं गुरु नानक देव जी के ये 9 मूल मंत्र

Webdunia
सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव का जन्म लाहौर के पास तलवंडी नामक गांव में कार्तिक पूर्णिमा के दिन हुआ। गुरुनानक का जहां जन्म हुआ था वह स्थान आज उन्हीं के नाम पर अब ननकाना के नाम से जाना जाता है। ननकाना अब पाकिस्तान में है।

उनका परिवार कृषि करके आमदनी करते थे। उनके चेहरे पर बाल्यकाल से ही अद्भुत तेज दिखाई देता था। गुरु नानक जी के दिए गए मूल मंत्र आज भी प्रासंगिक हैं। यहां पाठकों के लिए प्रस्तुत हैं गुरु नानक देव जी के नौ मूल मंत्र जो जनमानस के लिए बहुत ही उपयोगी है। 
 
श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बाणी का आरंभ मूल मंत्र से होता है। ये मूल मंत्र हमें उस परमात्मा की परिभाषा बताता है जिसकी सब अलग-अलग रूप में पूजा करते हैं।
 
1 एक ओंकार : अकाल पुरख (परमात्मा) एक है। उसके जैसा कोई और नहीं है। वो सब में रस व्यापक है। हर जगह मौजूद है। 
 
2 सतनाम : अकाल पुरख का नाम सबसे सच्चा है। ये नाम सदा अटल है, हमेशा रहने वाला है। 
 
3 करता पुरख : वो सब कुछ बनाने वाला है और वो ही सब कुछ करता है। वो सब कुछ बनाके उसमें रस-बस गया है। 
 
4 निरभऊ : अकाल पुरख को किससे कोई डर नहीं है। 
 
5 निरवैर : अकाल पुरख का किसी से कोई बैर (दुश्मनी) नहीं है।
 
6 अकाल मूरत : प्रभु की शक्ल काल रहित है। उन पर समय का प्रभाव नहीं पड़ता। बचपन, जवानी, बुढ़ापा मौत उसको नहीं आती। उसका कोई आकार कोई मूरत नहीं है। 
 
7 अजूनी : वो जूनी (योनियों) में नहीं पड़ता। वो ना तो पैदा होता है ना मरता है। 
 
8 स्वैभं : (स्वयंभू) उसको किसी ने न तो जनम दिया है, न बनाया है वो खुद प्रकाश हुआ है। 
 
9 गुरप्रसाद : गुरु की कृपा से परमात्मा हृदय में बसता है। गुरु की कृपा से अकाल पुरख की समझ इनसान को होती है।
 
इन्हीं सभी मंत्रों को उन्होंने अपने जीवन में अमल किया और चारों ओर धर्म का प्रचार कर स्वयं एक आदर्श बने। (वेबदुनिया डेस्क) 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

5 जुलाई को लेकर क्यों जापान के लोगों में दहशत, क्या नए बाबा वेंगा की भविष्यवाणी से डर गई है जापानी सरकार

मंगल के सिंह राशि में गोचर से 3 राशि के लोगों को रहना होगा संभलकर

अद्भुत... अलौकिक...अविस्मरणीय! कैसा है श्रीराम दरबार, जानिए इसकी अनोखी विशेषताएं

नीम में शक्ति है शनि और मंगल को काबू में करने की, 10 फायदे

जगन्नाथ मंदिर जाने का बना रहे हैं प्लान तो वहां जाकर जरूर करें ये 5 कार्य

सभी देखें

धर्म संसार

शनि और मंगल का षडाष्टक योग, 2 देशों के बीच युद्ध को भड़काएगा

Weekly Panchang 2025 ; साप्ताहिक पंचांग, जानें 7 दिन के शुभ मंगलमयी मुहूर्त

बाबा वेंगा ने क्यों जून 2025 के बाद तीसरे विश्वयुद्ध की भविष्यवाणी की है? बड़े पैमाने पर विनाश के संकेत

शनि और मंगल का षडाष्टक योग, 4 राशियों को 50 दिनों तक रहना होगा सतर्क

क्यों किया जाता है बड़ा महादेव पूजन, जानें महत्व, पूजा विधि और इस व्रत के बारे में खास जानकारी

अगला लेख