मोदी ने प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एकाधिकार समाप्त करने का आह्वान किया

जी-7 शिखर सम्मेलन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संबोधन

Webdunia
शुक्रवार, 14 जून 2024 (23:45 IST)
PM Narendra Modi in G-7 Summit:  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एकाधिकार को समाप्त करने का शुक्रवार को आह्वान किया और कहा कि समावेशी समाज की नींव रखने के लिए इसे रचनात्मक बनाया जाना चाहिए। तभी हम समावेशी समाज की नींव रख पाएंगे।
 
मोदी ने इटली के अपुलिया क्षेत्र में जी-7 शिखर सम्मेलन के संवाद सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि ‘ग्लोबल साउथ’ के देश वैश्विक अनिश्चितताओं और तनावों का खामियाजा भुगत रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने ‘ग्लोबल साउथ’ के देशों की प्राथमिकताओं और चिंताओं को विश्व मंच पर रखना अपनी जिम्मेदारी माना है। ALSO READ: जी7 शिखर सम्मेलन में पोप फ्रांसिस से मिले PM मोदी, भारत आने का दिया न्योता
 
 हमें गर्व है : उन्होंने कहा कि इन प्रयासों में हमने अफ्रीका को उच्च प्राथमिकता दी है। हमें गर्व है कि भारत की अध्यक्षता में जी-20 ने अफ्रीकी संघ को अपना स्थायी सदस्य बनाया है। मोदी ने कहा कि भारत अफ्रीका के सभी देशों के आर्थिक और सामाजिक विकास, स्थिरता और सुरक्षा में योगदान देता रहा है तथा भविष्य में भी ऐसा करता रहेगा।
 
प्रधानमंत्री ने प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एकाधिकार समाप्त करने के महत्व पर विस्तार से बात की और कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हमें प्रौद्योगिकी को रचनात्मक बनाना होगा, विघटनकारी नहीं। तभी हम समावेशी समाज की नींव रख पाएंगे। ALSO READ: संवाद और कूटनीति से ही मिलेगा शांति का मार्ग, जेलेंस्की से मोदी ने कहा
 
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस : मोदी ने कहा कि भारत कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) को लेकर राष्ट्रीय रणनीति तैयार करने वाले शुरुआती कुछ देशों में शामिल है। उन्होंने कहा कि इसी रणनीति के आधार पर हमने इस वर्ष ‘एआई मिशन’ की शुरुआत की है और इसका मूल मंत्र है ‘सभी के लिए एआई’।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष भारत द्वारा आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान हमने एआई के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय शासन-प्रणाली के महत्व पर जोर दिया था। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी हम एआई को पारदर्शी, निष्पक्ष, सुरक्षित, सुलभ और जिम्मेदार बनाने के लिए सभी देशों के साथ मिलकर काम करना जारी रखेंगे।
 
उन्होंने कहा कि ऊर्जा के क्षेत्र में भारत का दृष्टिकोण चार सिद्धांतों उपलब्धता, पहुंच, वहनीयता और स्वीकार्यता पर आधारित है। उन्होंने कहा कि हम 2070 तक ‘नेट जीरो’ का लक्ष्य हासिल करने की अपनी प्रतिबद्धता पूरी करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। हमें मिलकर आने वाले समय को 'हरित युग' बनाने का प्रयास करना चाहिए। (भाषा)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

मालेगांव विस्फोट मामला : 17 साल बाद सुनवाई पूरी, 323 गवाह, 34 बयान से पलटे, NIA की अदालत ने क्या सुनाया फैसला

BJP सांसद निशिकांत दुबे ने SC पर उठाए सवाल, धार्मिक युद्ध भड़का रहा सुप्रीम कोर्ट, बंद कर देना चाहिए संसद भवन

1 साल तक नियमित बनाए शारीरिक संबंध, मैसेज ने उड़ाए होश, ब्वॉयफ्रेंड निकला भाई

Mustafabad Building Collapse : कैसे ताश के पत्तों की तरह ढह गई 20 साल पुरानी 4 मंजिला इमारत, 11 की मौत, चौंकाने वाला कारण

क्या Maharashtra में BJP पर भारी पड़ेगा हिन्दी का दांव, क्या 19 साल बाद उद्धव और राज ठाकरे फिर होंगे एकसाथ

सभी देखें

नवीनतम

एक मंदिर, एक श्मशान... RSS प्रमुख मोहन भागवत ने क्‍यों किया यह आह्वान?

सास-दामाद के बाद अब समधन और समधी की Love Story वायरल

राज ठाकरे को शिवसेना से निकलवाने के पीछे उद्धव की पत्नी, नीतेश राणे का बड़ा खुलासा

Nishikant Dubey पर एक्शन की मांग, अवमानना की कार्रवाई के लिए अटॉर्नी जनरल को चिट्ठी, Supreme Court को लेकर दिया था बयान

कौन हैं दिल्ली के पूर्व CM अरविंद केजरीवाल के दामाद, क्या करते हैं काम और कैसे हुई हर्षिता से मुलाकात

अगला लेख