कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने संसद में दी जानकारी, मराठवाड़ा क्षेत्र में 3090 किसानों ने की आत्महत्या

संभागीय आयुक्त कार्यालय (राजस्व विभाग), छत्रपति संभाजीनगर द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार कैलेंडर वर्ष 2022 में कुल मामलों की संख्या 1,022, कैलेंडर वर्ष 2023 में 1,116 और कैलेंडर वर्ष 2024 में 952 थी।

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
शुक्रवार, 28 मार्च 2025 (22:39 IST)
Farmers commit suicide in Marathwada region: पिछले 3 साल के दौरान मराठवाड़ा क्षेत्र में किसानों की आत्महत्या के 3,090 मामले सामने आए हैं। सरकार ने शुक्रवार को संसद को यह जानकारी दी। राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि गृह मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) अपने प्रकाशन 'भारत में आकस्मिक मृत्यु और आत्महत्या' (एडीएसआई) में आत्महत्याओं पर जानकारी संकलित और प्रसारित करता है। वर्ष 2022 तक राज्यवार रिपोर्ट एनसीआरबी की वेबसाइट पर उपलब्ध है।ALSO READ: किसानों को मिलेगा ओलावृष्टि का मुआवजा, प्रदेश में लगेंगे 4 बड़े सोलर प्लांट, जानें मोहन कैबिनेट के खास अहम फैसले
 
3 वर्षों के दौरान किसानों की आत्महत्या की संख्या 3,090 : मंत्री ने बताया कि मराठवाड़ा क्षेत्र में पिछले 3 वर्षों के दौरान किसानों की आत्महत्या की संख्या 3,090 थी। संभागीय आयुक्त कार्यालय (राजस्व विभाग), छत्रपति संभाजीनगर द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार कैलेंडर वर्ष 2022 में कुल मामलों की संख्या 1,022, कैलेंडर वर्ष 2023 में 1,116 और कैलेंडर वर्ष 2024 में 952 थी।ALSO READ: प्रदेश के किसानों-गौपालकों को मिलेगा लाभ, सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा- सहकारिता में सबसे अच्छा काम एमपी में होगा
 
आत्महत्या के अलग-अलग कारण नहीं बताए गए : चौहान ने कहा कि एडीएसआई रिपोर्ट में किसानों की आत्महत्या के अलग-अलग कारण नहीं बताए गए हैं। हालांकि एडीएसआई रिपोर्ट में आत्महत्या के विभिन्न कारणों (किसानों का कोई संदर्भ दिए बिना) का उल्लेख किया गया है, जैसे पारिवारिक समस्याएं, बीमारी, नशीली दवाओं का दुरुपयोग, शराब की लत, विवाह संबंधी मुद्दे, प्रेम संबंध, दिवालियापन या कर्ज, बेरोजगारी, परीक्षा में असफलता, पेशे एवं करियर की समस्या और गरीबी इत्यादि।ALSO READ: किसानों को धोखा देने से किसी का भला नहीं होगा : निर्मला सीतारमण
 
मंत्री ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए केंद्र उचित नीतिगत उपायों, बजटीय सहायता और विभिन्न योजनाओं/कार्यक्रमों के माध्यम से राज्यों के प्रयासों में सहायता करता है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2013-14 में सहकारिता मंत्रालय, पशुपालन एवं डेयरी विभाग तथा मत्स्यपालन विभाग, जो कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अंग थे, का बजट आवंटन मात्र 30,223.88 करोड़ रुपए था। वित्त वर्ष 2024-25 में इन मंत्रालयों का बजट 2,67,721.57 करोड़ रुपए है।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

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