IMD ने जताई जून में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना, 108 प्रतिशत अधिक होगी बारिश

जून में देश के अधिकतर हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। हालांकि प्रायद्वीपीय भारत के कुछ दक्षिणी हिस्सों और उत्तर-पश्चिम और पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम बारिश होगी

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
मंगलवार, 27 मई 2025 (21:56 IST)
Above normal rainfall likely in June: भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने मंगलवार को कहा कि भारत में जून में सामान्य से अधिक वर्षा (rain) होने की संभावना है जिससे देश के अधिकतर हिस्सों में तापमान के नियंत्रण में रहने की उम्मीद है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (Ministry of Earth Sciences) के सचिव एम. रविचंद्रन ने कहा कि जून में देश भर में वर्षा 166.9 मिमी के दीर्घकालिक औसत से 108 प्रतिशत अधिक होने की संभावना है।
 
उन्होंने कहा कि जून में देश के अधिकतर हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। हालांकि प्रायद्वीपीय भारत के कुछ दक्षिणी हिस्सों और उत्तर-पश्चिम और पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम बारिश हो सकती है। आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि इस अपेक्षित अच्छी वर्षा के कारण उत्तर-पश्चिम और पूर्वोत्तर भारत के कई क्षेत्रों को छोड़कर, देश के अधिकतर हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से कम रह सकता है।ALSO READ: Weather Update: पांच राज्यों में मानसून की एंट्री, मुंबई फिर भारी बारिश से लबालब, ट्रेनें प्रभावित
 
106 प्रतिशत बारिश हो सकती है : उन्होंने कहा कि बादल छाए रहने के कारण मध्यभारत और उससे सटे दक्षिणी प्रायद्वीप के कुछ हिस्सों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान के सामान्य से अधिक रहने की संभावना है। आईएमडी ने कहा कि जून से सितंबर के दौरान देश में 87 सेमी की दीर्घकालिक औसत बारिश का 106 प्रतिशत बारिश हो सकती है।

आईएमडी ने कहा कि 50 वर्ष के औसत 87 सेमी के 96 प्रतिशत से 104 प्रतिशत के बीच वर्षा को 'सामान्य' माना जाता है। महापात्र ने कहा कि उत्तर-पश्चिम भारत में सामान्य बारिश होने की संभावना है जबकि पूर्वोत्तर में सामान्य से कम बारिश हो सकती है। मध्य और दक्षिण भारत में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज किए जाने की संभावना है।
 
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम रविचंद्रन ने कहा कि इस मौसम में मानसून कोर जोन में सामान्य से अधिक (लंबी अवधि के औसत का 106 प्रतिशत से अधिक) बारिश होने की संभावना है। इस जोन में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, ओडिशा और आसपास के क्षेत्र शामिल हैं, जो कृषि के लिए मानसून की बारिश पर बहुत अधिक निर्भर हैं।ALSO READ: मध्यप्रदेश में 15 जून तक मानसून की एंट्री की संभावना, जून महीने में ही पूरे प्रदेश को करेगा कवर
 
लद्दाख, हिमाचल प्रदेश के समीपवर्ती क्षेत्रों, पूर्वोत्तर राज्यों तथा बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के कुछ हिस्सों को छोड़कर देश के अधिकतर हिस्सों में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है। पंजाब, हरियाणा, केरल और तमिलनाडु के कुछ अलग-अलग इलाकों में सामान्य से कम बारिश हो सकती है।ALSO READ: Weather Update: प्री मानसून से अनेक राज्यों में हुई वर्षा, इंदौर में पौने 3 इंच पानी गिरा, IMD का अलर्ट
 
दक्षिण-पश्चिम मानसून 24 मई को केरल पहुंचा, जो 2009 के बाद से भारतीय मुख्य भूभाग पर इसका सबसे जल्दी आगमन है। वर्ष 2009 में यह 23 मई को केरल पहुंचा था। दक्षिण-पश्चिम मानसून आमतौर पर एक जून तक केरल में प्रवेश करता है, 11 जून तक मुंबई पहुंचता है और आठ जुलाई तक पूरे देश को कवर कर लेता है। यह 17 सितंबर के आसपास उत्तर-पश्चिम भारत से लौटना शुरू कर देता है और 15 अक्टूबर तक पूरी तरह से वापस चला जाता है।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

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