नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय एयरसेल-मैक्सिस सौदा मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोपों की जांच के लिए दायर याचिका में पक्षकार बनने के लिए भाजपा नेता सुब्रमण्यन स्वामी की याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करने पर सोमवार को सहमत हो गया।
न्यायमूर्ति अरुण कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अवकाशकालीन पीठ इसके साथ ही प्रवर्तन निदेशालय के संयुक्त् निदेशक अधिकारी राजेश्वर सिंह की याचिका पर भी सुनवाई करेगी। सिंह ने दावा किया है कि यह एयरसेल-मैक्सिस मामले में की जा रही जांच को पटरी से उतारने तथा इसमें विलंब का यह प्रयास है।
हाल ही में रजनीश कपूर ने एक याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि एयरसेल-मैक्सिस मामले की जांच कर रहे निदेशालय के अधिकारी सिंह ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है। स्वामी, जिन्होंने इससे पहले एयरसेल-मैक्सिस मामले की जांच में तेजी के लिए शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी, ने प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी के खिलाफ कपूर की याचिका में खुद को पक्षकार बनाने का अनुरोध करते हुए याचिका दायर की है।
स्वामी ने सोमवार को पीठ के समक्ष इस मामले का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत ने मार्च में बात पर चिंता व्यक्त की थी कि एयरसेल-मैक्सिस सौदे सहित टूजी स्पेक्ट्रम मामलों की जांच में विलंब हो रहा है।
उन्होंने कहा कि न्यायालय ने 12 मार्च को टिप्पणी की थी कि कुछ अदृश्य व्यक्ति इन मामलों की जांच में बाधा डाल रहे हैं और उसने सीबीआई तथा प्रवर्तन निदेशालय को अपनी जांच 6 महीने में पूरी करने का निर्देश दिया था। स्वामी ने कहा कि यह नई याचिका (सिंह के खिलाफ) जांच में विलंब करेगी। जांच अधिकारी के खिलाफ गुमनाम पत्र है। मुझे इस मामले में हस्तक्षेप की अनुमति दी जाए।
सिंह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आरएस सूरी ने पीठ से कहा कि प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी ने इस मामले में अवमानना याचिका भी दायर की है और न्यायालय को इस पर भी सुनवाई करनी चाहिए। उन्होंने भी कहा कि शीर्ष अदालत ने 12 मार्च को जांच एजेंसियों को इन मामलों में 6 महीने के भीतर अपनी जांच पूरी करने का आदेश दिया था और इसमें एक आरोप पत्र दाखिल हो चुका है जबकि निदेशालय एक अन्य आरोप पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया में है।
सूरी ने दावा किया कि इसी तरह का मुद्दा करीब 7 साल पहले टूजी मामले की सुनवाई करने वाली न्यायमूर्ति जीएस सिंघवी की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष भी उठाया गया था। उन्होंने कहा कि केंद्रीय सतर्कता आयोग और सीबीआई ने उस समय सिंह को क्लीन चिट दी थी और एक बार फिर वही आरोप लगाए गए हैं।
केंद्र की ओर से अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल विक्रमजीत बनर्जी ने कहा कि मुख्य मामला 3जुलाई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है और स्वामी तथा सिंह की याचिकाओं पर उसी के साथ सुनवाई की जानी चाहिए। इस पर पीठ ने टिप्पणी की कि हम मुख्य मामले पर फैसला नहीं करेंगे। पहले आवेदन देखते हैं और इसके साथ ही स्वामी तथा सिंह की याचिकाएं मंगलवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दीं।
कपूर ने अपनी याचिका में कहा था कि शीर्ष अदालत ने कुछ आदेश पारित करके राजेश्वर सिंह को उनके खिलाफ किसी भी प्रकार की कार्रवाई से संरक्षण प्रदान किया था। यह मामला बतौर वित्तमंत्री चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान एयरसेल-मैक्सिस सौदे में विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड द्वारा मंजूरी देने में कथित अनियमितताओं से संबंधित है। इस मामले में जांच एजेंसियों ने पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम और उनके पुत्र कार्ति से भी पूछताछ की थी। (भाषा)