अखिलेश यादव ने भाजपा को क्यों कहा भारतीय जमीन पार्टी?

Waqf amendment Bill पर बवाल

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
गुरुवार, 8 अगस्त 2024 (12:29 IST)
Waqf amendment Bill : समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सत्तारूढ़ भाजपा पर प्रस्तावित वक्फ अधिनियम में संशोधन की आड़ में वक्फ की जमीन बेचने की योजना बनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह रियल एस्टेट कंपनी की तरह काम कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी को अपना नाम बदलकर ‘भारतीय जमीन पार्टी’ रख लेना चाहिए। 

गौरतलब है कि सरकार आज निचले सदन में ‘वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024’ और ‘मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2024’ पेश करने वाली है। माना जा रहा है कि संसद में संशोधन विधेयक पारित होने के बाद वक्फ बोर्ड की शक्तियां कम हो जाएंगी।
 
अखिलेश यादव ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि वक्फ बोर्ड का ये सब संशोधन भी बस एक बहाना है। रक्षा, रेल, नज़ूल भूमि की तरह जमीन बेचना निशाना है। उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड की जमीनें, रक्षा जमीन, रेल भूमि, नजूल भूमि के बाद भाजपाइयों के लाभार्थ योजना की श्रृंखला की एक और कड़ी मात्र हैं। भाजपा क्यों नहीं खुलकर लिख देती : भाजपाई-हित में जारी।
 
यादव ने इसी पोस्ट में मांग की कि इस बात की लिखित में गारंटी दी जाए कि वक्फ बोर्ड की जमीनें बेची नहीं जाएंगी।
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‘वक़्फ़ बोर्ड’ का ये सब संशोधन भी बस एक बहाना है
रक्षा, रेल, नज़ूल लैंड की तरह ज़मीन बेचना निशाना है

वक़्फ़ बोर्ड की ज़मीनें, डिफ़ेंस लैंड, रेल लैंड, नज़ूल लैंड के बाद ‘भाजपाइयों के लाभार्थ योजना’ की शृंखला की एक और कड़ी मात्र हैं। भाजपा क्यों नहीं खुलकर लिख देती : ‘भाजपाई-हित… pic.twitter.com/VwK3YyWAG5

— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 8, 2024 >उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा रियल स्टेट कंपनी की तरह काम कर रही है। उसे अपने नाम में ‘जनता’ के स्थान पर ‘ज़मीन’ लिखकर नया नामकरण कर देना चाहिए : भारतीय जमीन पार्टी।
 
कांग्रेस भी करेगी विरोध : कांग्रेस वक्फ बोर्डों को नियंत्रित करने वाले कानून में संशोधन से संबंधित विधेयक को लोकसभा में पेश किए जाने का विरोध करने की तैयारी में है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को सुबह सदन की कार्यवाही आरंभ होने से पहले, कांग्रेस सांसदों की बैठक बुलाई जिसमें कई विषयों के साथ ही वक्फ विधेयक को लेकर भी चर्चा की गई।
 
कांग्रेस सांसद के सी वेणुगोपाल और हिबी ईडेन ने लोकसभा में विधेयक पेश किए जाने का विरोध करने के लिए नियम 72 के तहत एक नोटिस दिया।

क्यों मचा है बवाल : वक्फ बोर्डों को नियंत्रित करने वाले कानून में संशोधन से जुड़े विधेयक में वर्तमान अधिनियम में दूरगामी बदलावों का प्रस्ताव दिया गया है, जिसमें वक्फ निकायों में मुस्लिम महिलाओं और गैर-मुसलमानों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना भी शामिल है।
 
वक्फ (संशोधन) विधेयक में वक्फ अधिनियम, 1995 का नाम बदलकर ‘एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तीकरण, दक्षता और विकास अधिनियम, 1995’ करने का भी प्रावधान है।
 
विधेयक के उद्देश्यों और कारणों के विवरण के अनुसार, विधेयक में यह तय करने की बोर्ड की शक्तियों से संबंधित मौजूदा कानून की धारा 40 को हटाने का प्रावधान है कि कोई संपत्ति वक्फ संपत्ति है या नहीं। यह संशोधन विधेयक केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्डों की व्यापक आधार वाली संरचना प्रदान करता है और ऐसे निकायों में मुस्लिम महिलाओं तथा गैर-मुसलमानों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करता है।

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