नई दिल्ली। केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि NPR का डाटा NRC में इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। एनआरसी पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जो कहा था, वही सही है।
एएनआई से बातचीत में शाह ने कहा कि एनपीआर के लिए कोई सबूत नहीं मांंगा जाएगा। सिर्फ बुनियादी जानकारियां मांगी जाएंगी। उन्होंने कहा कि एनपीआर को सीएए से जोड़कर नहीं देखा जा सकता। एनपीआर को सीएए से पहले लाया गया था। इसका नोटिफिकेशन 31 जुलाई 2019 को जारी हुआ था।
शाह ने कहा कि सीएए नागरिकता कानून है, जबकि एनपीआर का उपयोग गरीबों के कल्याण के लिए किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमने इसमें कुछ भी नया नहीं किया। वर्ष 2010 में यूपी सरकार ने इसे लागू किया था। एनपीआर तो ऐप के जरिए हो सकता है। इसके जरिए विकास की योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि विपक्ष एनपीआर पर सिर्फ राजनीति कर रहा है और मुसलमानों को भड़काने की कोशिश की जा रही है। ओवैसी जो बयानबाजी कर रहे हैं उस पर हमें कोई आश्चर्य नहीं है। वे हमेशा हमारे खिलाफ ही बोलेंगे।
हालांकि शाह ने कहा कि एनपीआर में आधार नंबर और वोटर नंबर देना होगा। एनआरसी पर फिलहाल चर्चा की जरूरत नहीं, इसे चोरी-छिपे लागू नहीं किया जाएगा। अल्पसंख्यकों को डरने की जरूरत नहीं है।