JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना की मुश्किल बढ़ी, जारी हुआ गिरफ्तारी वारंट

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
रविवार, 19 मई 2024 (10:02 IST)
Prajwal Revanna arrest warrent : बेंगलुरु में सांसदों और विधायकों से जुड़े मामलों की सुनवाई करने वाली एक विशेष अदालत ने यौन उत्पीड़न मामले में जनता दल (सेक्युलर) के सांसद प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया। हाल में बड़ी संख्या में ऐसे वीडियो सार्वजनिक हुए थे जिसमें प्रज्वल को महिलाओं का यौन उत्पीड़न करते दिखाया गया। ALSO READ: Prajwal Revanna Case : प्रज्वल रेवन्ना का VIDEO, डीके शिवकुमार का नाम और 100 करोड़ की डील, आखिर क्या है सच
 
अदालत ने प्रज्वल के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले में शनिवार को वारंट जारी किया। इस मामले में प्रज्वल के पिता एवं होलेनरसीपुरा से विधायक एचडी रेवन्ना भी आरोपी हैं। पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा के पुत्र एचडी रेवन्ना एक महिला के अपहरण के मामले में सात दिन जेल में बिताने के बाद जमानत पर हैं।
 
हासन लोकसभा सीट से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उम्मीदवार प्रज्वल के खिलाफ तीन महिलाओं ने यौन उत्पीड़न के तीन मामले दर्ज कराए हैं। प्रज्वल फिलहाल फरार हैं और उनके खिलाफ इंटरपोल ने ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया है।
 
कर्नाटक सरकार ने मामले की जांच के लिए कर्नाटक राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष नागलक्ष्मी चौधरी की सिफारिशों पर एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया। ALSO READ: 2500 वीडियो क्लिप, 17 साल पुराना ड्राइवर, कर्नाटक के इस कांड को क्‍यों कहा जा रहा भारत का सबसे बड़ा sex scandal?
 
देवराजे गौड़ा के शिवकुमार समेत 5 मंत्रियों को घेरा : भाजपा नेता व वकील जी. देवराजे गौड़ा ने शुक्रवार को आरोप लगाया था कि पेन ड्राइव बांटने में शिवकुमार और 4 अन्य मंत्रियों का हाथ था। भाजपा, प्रधानमंत्री मोदी और कुमारस्वामी को बदनाम करने के इरादे से यह सब किया गया।
 
क्या बोले डीके शिवकुमार : इस पर कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और राज्य के अन्य मंत्रियों ने हासन के सांसद प्रज्वल रेवन्ना से जुड़े वीडियो के पेन ड्राइव वितरित करने में अपनी भूमिका के आरोपों को शनिवार को खारिज कर दिया। 
 
खरगे ने भी दी सफाई : कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खरगे ने भी कहा कि देवराजे गौड़ा शायद शिवकुमार और सिद्धरमैया को बदनाम करने के लिए ऐसा कर रहे हैं। अगर उन्हें 100 करोड़ रुपये की पेशकश गई थी, तो उन्हें अमित शाह (केंद्रीय गृह मंत्री) को बताना चाहिए था और इसकी जांच करानी चाहिए थी। वह सीबीआई, ईडी या आईटी छापे पड़वा सकते थे। उन्होंने ऐसा क्यों नहीं किया? दावा किया गया है कि उन्हें (गौड़ा को) एक क्लब में अग्रिम राशि के रूप में 5 करोड़ रुपये भेजे गए थे, उन्हें सीसीटीवी फुटेज प्राप्त करने दें और देखें कि वहां कौन-कौन थे। मंत्री चालुवरायस्वामी ने भी आरोपों को निराधार बताया।
Edited by : Nrapendra Gupta 

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