नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने जंतर-मंतर और बोट क्लब पर प्रदर्शनों के संबंध में उच्चतम न्यायालय के बुधवार के फैसले का स्वागत किया है। उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को व्यवस्था दी कि संसद भवन के निकट बोट क्लब और जंतर-मंतर जैसे स्थलों पर धरना और प्रदर्शन करने पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता।
न्यायालय ने केंद्र को निर्देश दिया कि ऐसे आयोजनों को मंजूरी देने के लिए दिशा-निर्देश तैयार किए जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली को पुलिस राज्य में परिवर्तित करने का प्रयास लोकतंत्र के लिए खतरनाक था। मैं मध्य दिल्ली में प्रदर्शन के अधिकार को बनाए रखने संबंधी माननीय उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करता हूं।
केजरीवाल ने ट्वीट किया कि दिल्ली को पुलिस राज्य में बदलने की कोशिश लोकतंत्र के लिए खतरनाक है और माननीय उच्चतम न्यायालय ने उसे उचित ही खारिज किया है। न्यायमूर्ति एके सिकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने कहा कि विरोध प्रकट करने और शांतिपूर्ण तरीके से रहने के नागरिकों के अधिकार में टकराव के बीच संतुलन बनाने की आवश्यकता है।
पीठ ने मजदूर किसान शक्ति संगठन तथा अन्य की याचिकाओं पर अपने फैसले में कहा कि जंतर-मंतर और बोट क्लब (इंडिया गेट के निकट) जैसे स्थानों पर विरोध प्रदर्शन करने पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता। इसके साथ ही न्यायालय ने केंद्र को इस मामले में दिशा-निर्देश बनाने का निर्देश दिया। (वार्ता)