बंगाल में बवाल, 900 से ज्यादा डॉक्टरों का इस्तीफा

Webdunia
शनिवार, 15 जून 2019 (16:40 IST)
कोलकाता के एनआरएस अस्पताल में डॉक्टरों से मारपीट की घटना के खिलाफ हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पेशकश ठुकरा दिया है। बंगाल के डॉक्टरों के समर्थन में देशभर के दूसरे शहरों के डॉक्टरों ने भी मोर्चा संभाल लिया है। अहम बात यह है कि दोनों ही पक्ष अपनी जिद पर अड़े हुए हैं और लोग इलाज के लिए दर-दर भटक रहे हैं।
 
ममता ने सचिवालय बुलाया, लेकिन... : समस्या का समाधान निकालने के लिए 5 वरिष्ठ डॉक्टरों ने शुक्रवार शाम मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की थी। बाद में सुश्री बनर्जी ने मुद्दे पर चर्चा करने के लिए जूनियर डॉक्टरों को शनिवार शाम 5 बजे राज्य सचिवालय 'नाबन्ना' आमंत्रित किया, लेकिन डॉक्टरों ने ममता की पेशकश को ठुकरा दिया है।
 
900 से ज्यादा डॉक्टरों का इस्तीफा : पश्चिम बंगाल में अब तक 970 से ज्यादा डॉक्टर इस्तीफा दे चुके हैं। इनमें कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल के 175 डॉक्टर भी शामिल हैं, जो सामूहिक रूप से इस्तीफा दे चुके हैं। डॉक्टरों का कहना है कि वे हिंसा और धमकियों के माहौल में काम नहीं कर सकते।
 
मुख्‍यमंत्री हमारे पास आएं : जूनियर डॉक्टरों ने घोषणा की है कि वे शनिवार शाम 5 बजे राज्य सचिवालय में मुख्यमंत्री से मुलाकात नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि सुश्री बनर्जी राज्य की संरक्षक हैं और उन्हें यहां आना चाहिए। हम बातचीत के लिए तैयार हैं और हम समाधान निकालने के लिए भी तैयार हैं।
 
इसलिए नाराज हैं डॉक्टर : जूनियर डॉक्टरों के संयुक्त मंच के प्रवक्ता डॉ अरिंदम दत्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को एसएसकेएम अस्पताल में जिस तरह से हमें संबोधित किया उसके लिए हम उनसे बिना शर्त माफी चाहते हैं। उन्होंने जो कहा, उन्हें वह नहीं कहना चाहिए था।
 
ममता की चेतावनी : एसएसकेएम अस्पताल में डॉक्टरों को हड़ताल को खत्म करने के लिए ममता ने 4 घंटे का अल्टीमेटम दिया था और इस समय-सीमा के अंदर ऐसा नहीं किए जाने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी थी। ममता ने कहा था- बाहरी लोगों ने गड़बड़ी फैलाने के लिए मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश किया और डॉक्टरों का आंदोलन माकपा और भाजपा की साजिश है।
 
ओपीडी का कामकाज बंद : डॉक्टरों और ममता सरकार के इस रुख से गतिरोध के जल्द समाप्त होने की उम्मीदों को झटका लगा है। हमलों के खिलाफ डॉक्टरों की हड़ताल के चौथे दिन शनिवार को भी अस्पतालों के बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) का कामकाज बंद रहा।
 
डॉक्टरों की शर्तें : आंदोलनकारी चिकित्सकों ने 6 शर्तों की सूची रखते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को अस्पताल में घायल डॉक्टरों को देखने आना होगा और उनके कार्यालय को डॉक्टरों पर हमले की निंदा करते हुए एक बयान जारी करना चाहिए। इसके साथ ही पुलिस की निष्क्रियता की जांच तथा हमलावरों पर कार्रवाई होनी चाहिए। अस्पतालों में सशस्त्र पुलिस की तैनाती और डॉक्टरों के खिलाफ झूठे आरोप भी वापस हों।
 
दिल्ली एम्स के डॉक्टरों का अल्टीमेटम : दूसरी ओर दिल्ली स्थित एम्स और सफदरजंग अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टरों ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को राज्य के आंदोलनकारी डॉक्टरों की मांगों को पूरा करने के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। ऐसा न होने पर वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे।
 
भाजपा ने इस्तीफा मांगा : भाजपा ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इस्तीफे की मांग की। भाजपा नेता मुकुल राय ने कहा कि राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी को तत्काल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बात करनी चाहिए। इस गतिरोध को दूर करने और शांति बहाल करने के लिए अपनी संवैधानिक शक्तियों का प्रयोग करना चाहिए।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

Lok Sabha Chunav : रायबरेली में प्रियंका गांधी संभाल रहीं भाई राहुल का चुनावी कैंपेन, PM मोदी को लेकर लगाया यह आरोप

Sandeshkhali Case : बैरकपुर में प्रधानमंत्री मोदी का दावा, बोले- प्रताड़ित महिलाओं को धमका रहे TMC के गुंडे

केजरीवाल ने लोकसभा चुनाव में दी 10 गारंटी, कहा फेल हुआ भाजपा का प्लान

Gold ETF से निवेशकों ने अप्रैल में निकाले 396 करोड़, जानिए क्‍या है कारण...

FPI ने मई में की 17000 करोड़ से ज्‍यादा की निकासी, चुनाव काल में क्‍या है विदेशी निवेशकों का रुख

पाक अधिकृत कश्मीर में चौथे दिन भी हड़ताल जारी, स्थिति तनावपूर्ण

सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की केजरीवाल को सीएम पद से हटाने वाली याचिका

Lok Sabha Elections LIVE: पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा, जम्मू कश्मीर में सबसे कम मतदान

पीएम मोदी आज शाम वाराणसी में, करेंगे 6 किलोमीटर लंबा रोड शो

CBSE 10th Result 2024 : सीबीएसई 10वीं बोर्ड का परीक्षा परिणाम घोषित, 93.6% विद्यार्थी उत्तीर्ण

अगला लेख