भारत में अगले 1000 साल तक राम राज्य... BJP ने राम मंदिर पर पारित किया प्रस्ताव, PM मोदी का किया अभिनंदन

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
रविवार, 18 फ़रवरी 2024 (19:48 IST)
BJP passed resolution on Ram temple : भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में रविवार को अयोध्या में राम मंदिर पर एक प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें कहा गया कि यह अगले 1000 वर्षों के लिए भारत में 'राम राज्य' की स्थापना का संकेत है। प्रस्ताव में कहा गया है कि पिछले महीने भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा हुई जो आज 'राष्ट्रीय चेतना' का मंदिर बन गया है और यह 'विकसित भारत' के निर्माण के संकल्पों को पूरा करने में निर्णायक भूमिका निभाएगा।
 
प्रस्ताव में कहा गया है, अयोध्या की प्राचीन पवित्र नगरी में श्रीराम की जन्मभूमि पर भव्य और दिव्य मंदिर का निर्माण देश के लिए एक ऐतिहासिक और गौरवशाली उपलब्धि है। यह एक नए कालचक्र की शुरुआत के साथ अगले 1,000 वर्षों के लिए भारत में 'राम राज्य' की स्थापना का द्योतक है। इसमें कहा गया है कि यह अधिवेशन प्रधानमंत्री के नेतृत्व को दिल से बधाई देता है।
 
भगवान श्रीराम, सीता और रामायण भारतीय सभ्यता व संस्कृति के हर पहलू में विद्यमान हैं : प्रस्ताव में कहा गया है कि राम मंदिर भारत की दृष्टि, दर्शन और मार्ग का प्रतीक है। इसमें कहा गया, श्रीराम मंदिर सही मायने में राष्ट्रीय चेतना का मंदिर बन गया है और भगवान श्रीराम का मंदिर देखकर हर भारतीय आनंदित है।
इसी साल 22 जनवरी को प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में अयोध्या में राम मंदिर में रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी। लाखों लोगों ने इस ऐतिहासिक समारोह का हिस्सा बनने के लिए अपने घरों और आसपास के मंदिरों में टेलीविजन पर 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह देखा। प्रस्ताव में कहा गया कि भगवान श्रीराम, सीता और रामायण भारतीय सभ्यता व संस्कृति के हर पहलू में विद्यमान हैं।
 
इसमें कहा गया, हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों और सभी के लिए न्याय के लिए समर्पित हमारा संविधान रामराज्य के आदर्शों से प्रेरित है। प्रस्ताव में उल्लेख किया गया है कि भारत के संविधान की मूल प्रति में भी मौलिक अधिकारों के खंड पर जीत के बाद अयोध्या लौटने पर भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण जी की तस्वीर इस बात का प्रमाण है कि भगवान श्रीराम मौलिक अधिकारों के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं।
 
रामराज्य का विचार ही सच्चे लोकतंत्र का विचार है : प्रस्ताव में कहा गया है कि रामराज्य का विचार महात्मा गांधी के हृदय में भी था जो कहा करते थे कि यही सच्चे लोकतंत्र का विचार है। पार्टी ने कहा, वह कहते थे कि रामराज्य का विचार ही सच्चे लोकतंत्र का विचार है। प्रधानमंत्री ने भगवान श्रीराम के आदर्शों पर चलते हुए देश में सुशासन की स्थापना कर सही अर्थों में रामराज्य की भावना को लागू किया है। प्रस्ताव में कहा गया कि भगवान राम ने अपने शब्दों और विचारों में जो मूल्य पैदा किए, वे 'सबका साथ, सबका विकास' के लिए प्रेरणा और 'सबका विश्वास, सबका प्रयास' का आधार हैं।
ALSO READ: सपा विधायकों के राम मंदिर विरोध पर क्या बोले अयोध्या में रामभक्त?
पार्टी ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत की एकता और एकजुटता को जनभागीदारी की शक्ति मिली है और उन्होंने अपनी नीतियों और नेतृत्व से राष्ट्र का मनोबल बढ़ाया है। इसके मुताबिक पिछले 10 वर्षों में भारतीय सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और ऐतिहासिक गौरव को बहाल किया गया है।
 
प्रस्ताव में कहा गया, यह सम्मेलन विरासत और विकास की साझा शक्ति को अपने निर्धारित प्रयासों से नए भारत की पहचान बनाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को बधाई देता है और पूरे भारत को राम के जादू का अनुभव कराने के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करता है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

RJD में कौन है जयचंद, जिसका लालू पु‍त्र Tej Pratap Yadav ने अपने मैसेज में किया जिक्र

Floods in Northeast India : उफनती बोमजीर नदी में फंसे 14 लोगों को IAF ने किया रेस्क्यू

शिवसेना UBT ने बाल ठाकरे को बनाया 'सामना' का एंकर, निकाय चुनाव से पहले AI पर बड़ा दांव

विनाशकारी बाढ़ से असम अस्त व्यक्त, गौरव गोगोई के निशाने पर हिमंता सरकार

डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा एक्शन, मस्क के करीबी इसाकमैन नहीं बनेंगे NASA चीफ

सभी देखें

नवीनतम

Salman Khurshid : कांग्रेस नेताओं के बर्ताव से क्यों दुखी हुए सलमान खुर्शीद, कह दी चुभने वाली बात

इंदौर से लेकर कोलंबो तक, जानिए कहां कहां होंगे ICC महिला वनडे विश्व कप 2025 के मुकाबले

BSE का नया APP बनेगा आपका दोस्त, Free मिलेगी investment की ट्रेंनिंग

Realme C73 5G लॉन्च, सस्ती कीमत में महंगे फोन के फीचर्स

मिस वर्ल्ड ओपल सुचाता अयोध्या में राम मंदिर के दर्शन को हैं उत्सुक, जानिए थाईलैंड की रामायण 'रामकियेन' के बारे में

अगला लेख