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महाराष्ट्र विधान मंडल में बोले CJI गवई, आंबेडकर चाहते थे न्यायपालिका कार्यपालिका के हस्तक्षेप से हो मुक्त

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

मुंबई , मंगलवार, 8 जुलाई 2025 (19:08 IST)
CJI BR Gavai's address: प्रधान न्यायाधीश भूषण रामकृष्ण गवई (Bhushan Ramakrishna Gavai) ने मंगलवार को यहां कहा कि डॉ. बी.आर. आंबेडकर ने संविधान की सर्वोच्चता की बात की थी और उनका मानना ​​था कि न्यायपालिका को कार्यपालिका के हस्तक्षेप से मुक्त होना चाहिए। वे शीर्ष न्यायिक पद पर पदोन्नत होने पर महाराष्ट्र विधान मंडल (Maharashtra Legislature) द्वारा अपना अभिनंदन किए जाने के बाद बोल रहे थे।ALSO READ: तो न्यायपालिका में लोगों का विश्वास खत्म हो जाएगा, CJI गवई ने किस बात को लेकर किया आगाह
 
आंबेडकर ने कहा था कि हम सभी संविधान की सर्वोच्चता में विश्वास करते हैं : न्यायमूर्ति गवई ने विधान मंडल को संबोधित करते हुए कहा कि डॉ. आंबेडकर ने कहा था कि हम सभी संविधान की सर्वोच्चता में विश्वास करते हैं, जो शांति और युद्ध के दौरान देश को एकजुट रखेगा। प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि संविधान तीनों अंगों- कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका को अधिकार देता है तथा आंबेडकर के अनुसार न्यायपालिका को नागरिकों के अधिकारों की प्रहरी और संरक्षक के रूप में काम करना है।ALSO READ: ऑक्सफोर्ड यूनियन में भारतीय संविधान को लेकर क्या कहा CJI गवई ने?
 
उन्होंने कहा कि आंबेडकर ने यह भी कहा था कि न्यायपालिका को कार्यपालिका के हस्तक्षेप से मुक्त होना चाहिए। प्रधान न्यायाधीश ने आंबेडकर के इस कथन को भी उद्धृत किया कि संविधान स्थिर नहीं रह सकता, इसे जीवंत होना चाहिए तथा निरंतर विकसित होते रहना चाहिए। इससे पहले महाराष्ट्र विधानमंडल के दोनों सदनों ने गवई को शीर्ष पद पर पदोन्नत होने पर बधाई दी। विधान मंडल की ओर से मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा उनका अभिनंदन भी किया गया।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

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