बजट को लेकर कांग्रेस ने कसा तंज, कुर्सी को बचाओ और मित्रों पर लुटाओ है सरकार का नारा

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
बुधवार, 24 जुलाई 2024 (22:55 IST)
Congress took a dig at the Union Budget : कांग्रेस ने केंद्रीय बजट को 'कुर्सी बचाओ और जुमला बजट' करार देते हुए बुधवार को कहा कि इस बजट में सिर्फ 2 राज्यों बिहार और आंध्रप्रदेश पर मेहरबानी की गई है, लेकिन देश के अन्य राज्यों, किसानों और गरीबों की अनदेखी की गई है।
 
वर्ष 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट पर लोकसभा में सामान्य चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा ने यह दावा भी किया कि 'कुर्सी को बचाओ और मित्रों पर लुटाओ' इस सरकार का आखिरी नारा है। कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार को 'अग्निपथ' योजना को खत्म करना चाहिए और किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी देनी चाहिए।
 
सरकार को बेरोजगारी नजर नहीं आ रही : उन्होंने कहा कि अगर सरकार को बेरोजगारी नजर नहीं आ रही है तो आगामी विधानसभा चुनावों में उसे नजर आने लगेगी। हरियाणा के सिरसा से लोकसभा सदस्य सैलजा ने कटाक्ष करते हुए कहा कि वित्तमंत्री (निर्मला सीतारमण) ने हमारा घोषणा पत्र पढ़ा है। वित्तमंत्री ने हमारा घोषाणा पत्र लागू किया, हम धन्यवाद करते हैं।
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कांग्रेस नेता ने तंज कसते हुए यह भी कहा कि इसे 'कुर्सी बचाओ' बजट बोलें या 'जुमला बजट' बोलें? उन्होंने जनगणना में देरी का मुद्दा भी उठाया और सवाल किया कि सरकार जनगणना पर चुप्पी साधे हुए है, इस पर नीतीश कुमारजी (बिहार के मुख्यमंत्री) क्या कहना चाहेंगे?
 
क्या सिर्फ 2 राज्यों पर मेहरबानी हुई : सैलजा ने बजट में बिहार और आंध्रप्रदेश के लिए विशेष वित्तीय सहायता के प्रावधान का हवाला देते हुए कहा कि क्या सिर्फ 2 राज्यों पर मेहरबानी हुई? इसमें 2 राज्यों के अलावा कुछ नहीं दिखा। उनका कहना था कि जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो 'सहकारी संघवाद' की बात करते थे, लेकिन अब लगता है कि यह शब्द भाजपा और इस सरकार की शब्दावली से निकल चुका है।
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उन्होंने दावा किया कि इस लोकसभा चुनाव में लोगों को प्रधानमंत्री की गारंटी पर विश्वास नहीं हुआ, यही कारण है कि भाजपा 303 सीटों से 240 पर पहुंच गई। सैलजा ने दावा किया कि बजट में भाजपा शासित राज्यों लिए केंद्रीय सहायता की बात हुई, लेकिन हिमाचल प्रदेश की बात आई तो केंद्रीय एजेंसियों से मदद का उल्लेख किया गया।
 
सरकार ने पहले ही हार मान ली है : उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड और संभवत: जम्मू-कश्मीर में चुनाव होने जा रहे हैं। ऐसा लगता है कि सरकार ने पहले ही हार मान ली है। बजट में इन राज्यों का जिक्र तक नहीं हुआ। सैलजा ने कहा कि केंद्र सरकार में हरियाणा से 3-3 मंत्री हैं। दुर्भाग्य है कि मेरे राज्य को कुछ नहीं दे पाए, यहां तक कि नाम भी लेना उचित नहीं समझा।
 
कांग्रेस नेता ने कहा कि अपनी सहूलियत के हिसाब से सरकार स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट का नाम नहीं लेती है। उनका कहना था कि वित्तमंत्री ने कहा कि बहुत सारी फसलों पर एमएसपी दिया गया है। लेकिन आपने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश वाला फॉर्मूला नहीं अपनाया है।
 
सैलजा ने आरोप लगाया कि देश में कृषि संकट है, लेकिन उसकी ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। उनका कहना था कि किसान आंदोलन करते हैं तो उन्हें ऐसे रोका जाता है, मानो वे किसी दुश्मन देश की सीमा पर बैठे हैं। सिरसा की सांसद ने कहा कि कांग्रेस की सरकार में किसानों का 72 हजार करोड़ रुपए माफ किया गया था, लेकिन आपने (भाजपा) अपने पूंजीपति मित्रों का 16 लाख करोड़ रुपए माफ किया।
 
मित्रों पर मेहरबानी और किसान मजदूर से बेईमानी : उन्होंने दावा किया कि इस सरकार में 'मित्रों पर मेहरबानी और किसान मजदूर से बेईमानी' हो रही है। सैलजा ने सरकार पर किसानों से वादाखिलाफी करने का आरोप लगाया और कहा कि किसानों को आप उग्रवादी मत कहिए, लेकिन आप उन्हें उग्र होने पर मजबूर मत करिए।
 
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि किसान आंदोलन के दौरान 736 किसान शहीद हो गए, लेकिन उनके बारे में एक शब्द नहीं बोला गया। उनका कहना था कि आज भी दिल्ली से कुछ दूर शंभू बॉर्डर पर किसान बैठे हैं, लेकिन सरकार उस किसान की तरफ देखना भी नहीं चाहती।
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सैलजा ने कहा कि किसानों को जब तक आप एमसएपी की कानूनी गारंटी नहीं देते हैं, आप किसानों को न्याय नहीं दे सकते। उन्होंने कहा कि अगर किसान और मजदूर इस तरह से मजबूर रहेंगे तो देश विकसित नहीं हो सकता। सैलजा के अनुसार बजट भाषण में मनरेगा का एक भी बार नाम नहीं लिया गया। उन्होंने कहा कि जो कोविड में ग्रामीण भारत में सबसे बड़े रक्षक के रूप में उभरा है, आप उस मनरेगा को भूल गए।
 
न्यूनतम मजदूरी 400 रुपए प्रतिदिन होना चाहिए : उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि न्यूनतम मजदूरी 400 रुपए प्रतिदिन होना चाहिए। सैलजा का कहना था कि हम जिस दिन सरकार में आएंगे, उस दिन यह करेंगे। उन्होंने भाजपा की वरिष्ठ नेता रहीं दिवंगत सुषमा स्वराज के एक पुराने कथन का हवाला देते हुए कहा कि आंकड़ों से पेट नहीं भरता, गरीब को रोजगार चाहिए।
 
कांग्रेस नेता ने कहा कि 5 किलोग्राम अनाज देने से गरीबी दूर नहीं होगी, बल्कि रोजगार देना होगा और महंगाई पर नियंत्रण करना होगा। सैलजा ने आरोप लगाया कि सरकारी स्कूलों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र में 10 लाख रिक्तियों और हरियाणा में 2 लाख रिक्तियां हैं तो इन्हें भरा क्यों नहीं जा रहा है?
 
सेना, युवाओं और जवानों के साथ नाइंसाफी : कांग्रेस नेता ने सवाल किया कि 'स्किल इंडिया' का क्या हुआ? उन्होंने कहा कि अगर (सरकार को) देश में बेरोजगारी नजर नहीं आ रही है तो आगामी चुनावों में नजर आ जाएगी। उन्होंने 'अग्निपथ' योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार सेना, युवाओं और जवानों के साथ नाइंसाफी कर रही है।
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सैलजा ने कहा कि यह योजना युवा विरोधी और सेना विरोधी है, इसे तत्काल खत्म किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार 'स्वच्छ भारत' को भूल गई। कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार कुछ सीख ले और अग्निपथ योजना को खत्म करे। किसानों को एमएसपी की कानूनी गारंटी दी जाए।(भाषा)
Edited by: Chetan Gour

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