निर्मला सीतारमण के खिलाफ FIR दर्ज, कोर्ट ने दिया आदेश, जानिए क्‍या है मामला...

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
शनिवार, 28 सितम्बर 2024 (18:17 IST)
FIR ordered against Nirmala Sitharaman : केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के खिलाफ बेंगलुरु की एक विशेष अदालत ने चुनावी बॉन्ड के जरिए जबरन वसूली के मामले में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। जनाधिकार संघर्ष संगठन के आदर्श अय्यर की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत में न केवल सीतारमण बल्कि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, कर्नाटक भाजपा के नेता नलीन कुमार कतील और बीवाई विजयेंद्र का भी नाम शामिल है।
 
खबरों के अनुसार, बेंगलुरु की एक विशेष अदालत ने अब बंद हो चुकी चुनावी बॉन्ड योजना (Lectoral Bond Scheme) के जरिए जबरन वसूली के आरोपों को लेकर केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। जनाधिकार संघर्ष संगठन के आदर्श अय्यर की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत में आरोप लगाया गया है कि वित्तमंत्री सीतारमण ने कॉर्पोरेट संस्थाओं को हजारों करोड़ रुपए के चुनावी बॉन्ड खरीदने के लिए मजबूर किया।
ALSO READ: देश विकसित भारत 2047 के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए सही राह पर : निर्मला सीतारमण
शिकायत में दावा किया गया है कि चुनावी बॉन्ड योजना के तहत राजनीतिक उद्देश्यों के लिए अवैध धन एकत्र करने में मदद की गई, जिसमें सीतारमण और अन्य वरिष्ठ नेता जेपी नड्डा, कर्नाटक भाजपा के नेता नलीन कुमार कतील और बीवाई विजयेंद्र भी शामिल थे।
 
अदालत ने शिकायत पर सुनवाई करते हुए बेंगलुरु के तिलक नगर पुलिस थाने को चुनावी बॉन्ड के जरिए जबरन वसूली का मामला दर्ज करने का निर्देश दिया। जनाधिकार संघर्ष संगठन (जेएसपी) एक ऐसी संस्था है जो शिक्षा का अधिकार क़ानून और बाक़ी मुद्दों से जुड़ी समस्याओं को उठाती रही है।
ALSO READ: जीरो टैक्स पर निर्मला सीतारमण का बड़ा बयान, पूछा कैसे होगा विकास?
हालांकि भाजपा ने केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण पर लगे आरोपों को नकारते हुए उनका बचाव किया है। पार्टी ने तर्क दिया है कि आरोप राजनीति से प्रेरित हैं और चुनावी बॉन्ड योजना (Lectoral Bond Scheme) का मुद्दा नीतिगत मामला है, न कि आपराधिक।
ALSO READ: खरगे ने क्या कह दिया कि बुरी तरह भड़क उठीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
उल्‍लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने 2018 में चुनावी बॉन्ड योजना शुरू की। लेकिन पिछले साल विपक्षी दलों के आरोपों और इसके खिलाफ तमाम याचिकाओं के बाद उच्‍चतम न्‍यायालय ने इसे रद्द कर दिया था। इस योजना के तहत सरकार राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे में नकद दान को खत्म करना था, ताकि राजनीतिक फंडिंग में पारदर्शिता बनी रहे।
Edited By : Chetan Gour

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

भारत से क्यों नाखुश है रूस, इसका यूक्रेन से है कनेक्शन

कठुआ में गरजे CM योगी आदित्यनाथ, कहा- पाकिस्तान के हो जाएंगे 3 टुकड़े

कौन है वो रहस्‍यमयी महिला, जिसकी तलाश में जुटी पुलिस, क्‍या है देवेंद्र फडणवीस के दफ्तर से कनेक्‍शन?

कलाम का राष्ट्रपति बनना लादेन के आतंकवादी बनने के समान, NCP नेता की पत्नी के बयान से बवाल

केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी बोले, अब राजनीति सिर्फ सत्ता के लिए होती है

सभी देखें

नवीनतम

महाराष्ट्र में कब होंगे विधानसभा चुनाव? आयोग ने बताई डेडलाइन

UP : संगीत सोम ने को-ऑपरेटिव के एआर को दी ऑफिस से उठाने की धमकी, ऑडियो वायरल

Rolls-Royce ने भारत में लॉन्च की कलिनन सीरीज 2, कीमत 10.50 करोड़ से शुरू

निर्मला सीतारमण के खिलाफ FIR दर्ज, कोर्ट ने दिया आदेश, जानिए क्‍या है मामला...

पंजाब में ग्राम पंचायतों के चुनाव 15 अक्टूबर को

अगला लेख