नई दिल्ली। डिजिटल संचार आयोग (DCC) ने रिलायंस जियो को पॉइंट्स ऑफ इंटरकनेक्शन (पीओआई) नहीं उपलब्ध कराने के मामले में भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया पर कुल 3,050 करोड़ रुपए के जुर्माने को मंजूरी दे दी है।
दूरसंचार सचिव अरुणा सुंदरराजन ने कहा, 'डीसीसी ने एयरटेल और वोडाफोन आइडिया पर जुर्माने की भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की सिफारिश को स्वीकार कर लिया है। इस सिफारिश को फैसले के लिए सरकार में सक्षम प्राधिकरण के पास भेजा जाएगा।'
अक्टूबर, 2016 में ट्राई ने एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया (अब विलय हो चुका) पर रिलायंस जियो को इंटर कनेक्टिविटी उपलब्ध नहीं कराने के मामले में कुल 3,050 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाने की सिफारिश की थी।
एयरटेल और वोडाफोन प्रत्येक पर 1,050 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया था। वहीं आइडिया पर 950 करोड़ रुपए का जुर्माना लगा था। अब वोडाफोन और आइडिया का विलय हो चुका है ऐसे में नई इकाई वोडाफोन आइडिया को दोनों कंपनियों का जुर्माना भरना होगा।
उस समय नियामक इन कंपनियों के दूरसंचार लाइसेंस रद्द करने की भी सिफारिश करने जा रहा था लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। नियामक का कहना था कि इससे ग्राहकों को काफी असुविधा होगी।
ट्राई की ये सिफारिशें रिलायंस जियो की शिकायत के बाद आई थीं। रिलायंस जियो ने कहा था कि मौजूदा आपरेटर पर्याप्त संख्या में पीओआई जारी नहीं कर रहे हैं जिससे उसके नेटवर्क पर 75 प्रतिशत कॉल विफल हो रही हैं।
डीसीसी ने पिछले महीने एयरटेल और वोडाफोन आइडिया पर यह जुर्माना लगाया था। लेकिन जुर्माना लगाने से पहले आयोग इस पर ट्राई की राय लेना चाहता था क्योंकि दूरसंचार क्षेत्र की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है। हालांकि, ट्राई ने अपने रुख पर कायम रहते हुए जुर्माने के लिए की गई सिफारिश में संशोधन से इनकार कर दिया। (भाषा)