अग्निपथ भर्ती योजना पर बढ़ते बवाल और उठ रहे हर सवाल का एयर कॉमोडोर मृगेन्द्र सिंह (रि) से जानें जवाब

एयर कॉमोडोर मृगेन्द्र सिंह (रि.) से वेबदुनिया की खास बातचीत

विकास सिंह
गुरुवार, 16 जून 2022 (19:18 IST)
सेना में भर्ती को लेकर केंद्र सरकार की नई ‘अग्निपथ योजना’ को लेकर देश के कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन बढ़ता जा रहा है। अग्निपथ योजना के एलान के बाद कई राज्यों में युवा सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रहे है। विरोध प्रदर्शन करने वाले युवा अपने भविष्य को लेकर आशंकित है और कई तरह के सवाल उठा रहे है। 
 
अग्निपथ भर्ती योजना और भर्ती योजना को लेकर युवाओं के सवालों को लेकर वेबदुनिया ने विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित एयर कॉमोडोर मृगेन्द्र सिंह (रि.) से खास बातचीत की। 

अग्निपथ योजना को आप कैसे देखते है?-अग्निपथ योजना सेना में भर्ती को लेकर सरकार का एक विजनरी कदम है। पूरी योजना के पीछे सरकार की एक दूरदर्शी सोच है जिसका फायदा युवाओं के साथ-साथ सेना को भी होगा। वास्तव में अग्निपथ भर्ती योजना युवाओं के भविष्य के लिए एक सकरात्मक कदम है।

एयर कॉमोडोर मृगेन्द्र सिंह कहते हैं कि बेरोजगारी आज बड़ी समस्या है, दूसरी ओर सेना के पास सैन्य बल की भी कमी है। ऐसे में अग्निपथ भर्ती योजना के एक ही निर्णय से दोनों चीजें हल हो जाएगी। अग्निपथ योजना से युवाओं को रोजगार मिलने के साथ एक समय ऐसा आएगा जब हर साल 50-60 हजार प्रशिक्षित और अनुशासित युवा सेना में रहेंगे। 
 
सेना में सिर्फ 4 साल की सेवा पर सवाल?–अग्निपथ योजना का विरोध की सबसे बड़ी वजह युवा सेना में सिर्फ चार साल की सेवा को बता रहे है इस पर डिफेंस एक्सपर्ट मृगेन्द्र सिंह कहते हैं कि उनको लगता है कि विरोध की प्रमुख वजह यह है कि योजना को लेकर सहीं तरह से समझाया नहीं गया है। असल में योजना को लेकर जो कहां जा रहा है वह सच्चाई नहीं है। 
 
अग्निपथ योजना से चार साल में एक अच्छी ट्रैनिंग के साथ नौकरी के दौरान एक अच्छा वेतन और सेना से बाहर आने पर 11-12 लाख रूपए दिया जाएगा। इसके साथ सेना में सेवा करके आए युवा की मार्केट में डिमांड अपने आप बढ़ जाएगी क्योंकि वह युवा अच्छे प्रशिक्षण और अनुशासन के साथ आ रहे है जिससे हर सेक्टर उसको अपने साथ रखना चाहेगा। अग्निपथ योजना से अनुशासित नागरिक तैयार होगा और सेना का भी फायदा होगा। 

अग्निपथ योजना को देखकर लग रहा हैं कि केवल चार साल की नौकरी है लेकिन इसके दूसरे अन्य फायदे है। 18 से 20 साल की उम्र है जिन युवाओं के पास रोजगार नहीं होता है वह कई बार गुमराह होने लगते है,गलत आदतें पकड़ लेते है, नौकरी नहीं मिलने पर परेशान हो जाते है। वहीं अग्निपथ योजना से एक युवा जिसके गुमराह होने का डर था वह सहीं और अनुशासित रास्ते पर रहेगा और उसमें देश प्रेम की भावना भी रहेगी। 

सेना की कार्यक्षमता पर असर पड़ेगा?-अग्निपथ योजना को लेकर सेना की कार्यक्षमता पर सवाल उठाने पर डिफेंस एक्सपर्ट मृगेन्द्र सिंह कहते हैं कि नई योजना के माध्यम से सेना की कार्यक्षमता पर कोई गलत असर नहीं पड़ेगा। जबकि इसका सेना में अच्छा प्रभाव दिखाई देगा। हर चार साल में एक ऐसा युवा सेना में आएगा जोकि मोटिवेटेड होगा। सेना अपने हिसाब से अपने सिपाहियों और फोजियों को प्रशिक्षित करती है। युवाओं को प्रशिक्षित कर सेना एक अच्छा सैनिक बनाने के साथ एक अच्छा नागरिक भी बनाएगी।
 
सेना के लिए 6 महीने की ट्रेनिंग पर्याप्त है?- अग्निपथ योजना में युवाओं को 6 महीने की ट्रेनिंग देने पर उठ रहे सवालों पर मृगेंद्र सिंह कहते हैं कि सेना के कई विभाग में वर्तमान में अभी भी 6 महीने की ट्रेनिंग के बाद जवानों को फील्ड में ले जाया जाता है और फील्ड में उनकी ट्रेनिंग के साथ उनको अनुभव भी मिलता रहता है। ऐसे में 6 महीने के ट्रेनिंग को लेकर उठ रहे सवाल निराधार है।  
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अग्निपथ योजना पर विरोध प्रदर्शन की वजह?- अग्निपथ योजना को लेकर जो देश के कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन के वजह पर डिफेंस एक्सपर्ट मृगेंद्र सिंह कहते है मुझे लगता है कि युवाओं को गुमराह किया जा रहा है। अगर युवाओं में योजना को लेकर कोई गलतफहमी है तो सरकार का यह दायित्व है कि वह योजना को अच्छी तरह से युवाओं को समझाएं।

इसके लिए वह सेना के रिटायर्ड लोगों के साथ अन्य लोगों को आगे लाना चाहिए जिससे वह युवाओं के भ्रम को दूर कर सके। मृगेंद्र सिंह वेबदुनिया के जरिए युवाओं से अपील करते हैं कि वह योजना को समझे क्योंकि इस योजना से युवाओं, सेना और देश सबका फायदा होगा और इसको सभी को समझना चाहिए।

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