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survey : Delhi अक्टूबर में देश का 6वां सबसे प्रदूषित शहर, जानिए पहले पायदान पर कौनसा शहर

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
मंगलवार, 4 नवंबर 2025 (19:03 IST)
देश की राजधानी को लेकर एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। अक्टूबर माह में दिल्ली देश का छठा सबसे प्रदूषित शहर रहा, जो पड़ोसी गाजियाबाद और नोएडा से पीछे है। एक रिसर्च में यह जानकारी सामने आई है। सतत वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों (CAAQMS) से लिए गए आंकड़ों से सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर' (CREA) ने रिचर्स की है। इसके बाद यह रिपोर्ट सामने आई है।
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मंगलवार को जारी मासिक वायु गुणवत्ता आंकड़ों के मुताबिक हरियाणा का धारूहेड़ा अक्टूबर में सबसे प्रदूषित शहर रहा, जहां मासिक औसत पीएम 2.5 सांद्रता 123 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर थी। दिल्ली 107 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर की औसत सांद्रता के साथ छठे स्थान पर रही, जो सितंबर के औसत 36 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर  से तीन गुना अधिक है। धारूहेड़ा के बाद रोहतक, गाजियाबाद, नोएडा, बल्लभगढ़, दिल्ली, भिवाड़ी, ग्रेटर नोएडा, हापुड़ और गुरुग्राम सबसे प्रदूषित शहर रहे। कुल मिलाकर, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के चार-चार शहर शीर्ष 10 की सूची में शामिल हैं, जो सभी एनसीआर में स्थित हैं।
पूरे देश में खराब हुई आबोहवा
रिपोर्ट में कहा गया है कि पूरे देश में आबोहवा तेजी से खराब हो रही है। खासकर सिंधु-गंगा के मैदानी इलाकों (IGP) में, और विशेष रूप से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में हालात और भी चिंताजनक है। दिल्ली में अक्टूबर के महीने में पीएम 2.5 की औसत मात्रा 107 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रही। जो कि सितंबर के मुकाबले तीन गुना ज़्यादा है, जब यह मात्रा 36 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर थी। रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में पराली जलाने का असर अक्टूबर में सिर्फ 6 प्रतिशत से भी कम रहा। इसके बाद भी प्रदूषण का स्तर बहुत बढ़ गया। इससे यह सामने आया कि प्रदूषण सिर्फ मौसमी कारणों से नहीं हो रहा, बल्कि सालभर के प्रदूषण स्रोतों का असर है, इसलिए सिर्फ छोटे-समय के उपायों से काम नहीं चलेगा बल्कि लंबे समय के लिए किसी ठोस योजना पर काम करना होगा।
 
इन शहरों की हवा रही साफ 
शीर्ष 10 सबसे स्वच्छ शहरों में कर्नाटक के चार, तमिलनाडु के तीन और मेघालय, सिक्किम और छत्तीसगढ़ का एक-एक शहर शामिल था। देश के 249 शहरों में से 212 में पीएम2.5 का स्तर भारत के एनएएक्यूएस 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर  से कम दर्ज किया गया। हालांकि, केवल छह शहर ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के 15 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर  के दैनिक सुरक्षित दिशानिर्देश को पूरा कर पाए।  Edited by : Sudhir Sharma 

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