दिल्ली में कम वोटिंग से AAP को फायदा, BJP को उठाना पड़ सकता हैं नुकसान

वोटिंग के आंकड़ों का एक्सपर्ट के साथ सियासी विश्लेषण

विकास सिंह
शनिवार, 8 फ़रवरी 2020 (18:49 IST)
दिल्ली में पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में कम मतदान से सियासी दलों की धड़कनें तेज हो गई है। वोट प्रतिशत का आकंड़ा 2008 के विधानसभा चुनाव के आसपास ही पहुंचता दिखाई दे रहा है। 2008 में दिल्ली में 57.58 फीसदी मतदान हुआ था। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक शाम 6 बजे तक दिल्ली में 54.65 फीसदी मतदान हुआ है और यह आंकड़ा देर रात तक थोड़ा और बढ़ेगा जब दिल्ली की सभी पोलिंग बूथों से मतदान के आखिरी आंकड़ें सामने आ जाएंगे।  
 
दिल्ली में 60 फीसदी से भी कम मतदान के संकेत मिलना काफी चौंकाने वाला है। सुबह आठ बजे से शुरु हुई वोटिंग की रफ्तार बहुत ही प्रारंभिक घंटों में बहुत ही धीमी दिखाई दी, अधिकांश पोलिंग बूथों पर सन्नाटा ही पसरा रहा लेकिन जैसे-जैसे दिन चढ़ा लोग अपने घरों से वोटिंग के लिए निकले और शाम होते होते मतदान में तेजी दिखाई और वोटिंग प्रतिशत का आंकड़ा बढ़ता गया लेकिन यह फीसदी का आंकड़ा पार कर पाएगा यह संभव नहीं दिखाई दे रहा है।  
 
2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में रिकॉर्ड 67.12 फीसदी मतदान हुआ था जिसमें आम आदमी पार्टी ने रिकॉर्ड जीत हासिल करते हुए 70 सीटों में 67 पर अपना कब्जा जमा लिया था। अगर वोट प्रतिशत की बात करें तो चुनाव परिणाम में आम आदमी पार्टी को 54.3 फीससी वोट मिले थे वहीं भाजपा को 32 फीसदी से अधिक वोट मिले थे जबकि कांग्रेस को 10 फीसदी से कम वोट फीसदी मिला था। वहीं 2013 में दिल्ली में 65.13 फीसदी और 2008 में 57.58 फीसदी मतदान हुआ था। 
 
दिल्ली के चुनाव को करीब से देखने वाले वरिष्ठ पत्रकार विष्णु राजगढ़िया मानते हैं कि कम मतदान प्रतिशत से भाजपा को नुकसान हो सकता है वहीं केजरीवाल अपने वोटरों को पोलिंग बूथ तक लाने में सफल रहे। वह कहते हैं कि दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने पिछले पांच सालों में जिस तरह काम किया है उसका फायदा उनको इस चुनाव में साफ मिलता दिख रहा है। 
 
चुनावी विश्लेषक कहते हैं कि दिल्ली में चुनाव को लेकर वोटरों की जो बेरूखी दिखाई दी उसके एक नहीं कई कारण है। वह कहते हैं कि भले ही भाजपा ने चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंक दी हो लेकिन वोटिंग के दिन पूरा चुनाव एकतरफा दिखाई दिया। भाजाप ने अपने कोर वोटरों को भी पोलिंग बूथ तक लाने में सफल नहीं होती दिखाई दी जिसका असर सीधे चुनाव परिणाम पर नजर आएगा। चुनावी विश्लेषक कहते हैं कि दिल्ली में चुनाव नतीजों की तस्वीरें बहुत कुछ 2015 के आसपास ही दिखाई दे सकती  है और एग्जिट पोल इसका इशारा भी कर रहे है।   
 
दिल्ली में वोटिंग के दौरान ओखला विधानसभा सीट में आने वाले शाहीन बाग में भी बड़ी संख्या में वोटर वोट डालने के लिए अपने घरों से निकले। शाहीन बाग दिल्ली विधानसभा चुनाव में एक बड़ा मुद्दा बना था और वहां पर अधिक मतदान होने के क्या मायने इसको भी तलाशना जरुरी है। 
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Gold Prices : शादी सीजन में सोने ने फिर बढ़ाई टेंशन, 84000 के करीब पहुंचा, चांदी भी चमकी

Uttar Pradesh Assembly by-election Results : UP की 9 विधानसभा सीटों के उपचुनाव परिणाम, हेराफेरी के आरोपों के बीच योगी सरकार पर कितना असर

PM मोदी गुयाना क्यों गए? जानिए भारत को कैसे होगा फायदा

महाराष्ट्र में पवार परिवार की पावर से बनेगी नई सरकार?

पोस्‍टमार्टम और डीप फ्रीजर में ढाई घंटे रखने के बाद भी चिता पर जिंदा हो गया शख्‍स, राजस्‍थान में कैसे हुआ ये चमत्‍कार

सभी देखें

नवीनतम

LIVE: झारखंड विधानसभा चुनाव परिणाम 2024 : दलीय स्थिति

LIVE: महाराष्‍ट्र में रुझानों में महायुति की सरकार

By election results 2024: यूपी उपचुनाव में भाजपा को भारी बढ़त, बंगाल में TMC का जलवा

LIVE: झारखंड में भाजपा गठबंधन बहुमत के करीब

LIVE: महाराष्ट्र में बीजेपी गठबंधन 200 पार, शरद-उद्धव का बुरा हाल, झारखंड में ट्विस्ट

अगला लेख