President Murmu's speech on cyber attack: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) ने मंगलवार को नई दिल्ली में कहा कि साइबर हमले (cyber attack) राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बनकर उभरे हैं और इन्हें विफल करने में सक्षम सुरक्षित राष्ट्रव्यापी प्रणाली बनाने के लिए सिविल सेवाओं और सशस्त्र बलों को मिलकर काम करना चाहिए।
राष्ट्रपति भवन में मुलाकात के लिए आए राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय (एनडीसी) के संकाय और पाठ्यक्रम सदस्यों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि इन चिंताओं को दूर करने के लिए गहन शोध की आवश्यकता है, और इन व्यापक मुद्दों से निपटने के लिए समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता है। मुर्मू ने कहा कि साइबर हमले राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बनकर उभरे हैं।
उन्होंने कहा कि साइबर हमलों से निपटने और उनका मुकाबला करने के लिए उच्च-स्तरीय तकनीकी हस्तक्षेप के साथ-साथ मजबूत डिजिटल बुनियादी ढांचे के साथ अच्छी तरह से प्रशिक्षित और विशेष मानव संसाधन की आवश्यकता होती है।
उन्होंने कहा कि शासन प्रणालियों में भारी मात्रा में डेटा और संवेदनशील जानकारी उपलब्ध है जिसे असुरक्षित नहीं छोड़ा जा सकता। उन्होंने इस मुद्दे की गंभीरता को समझने के साथ ही इसके समाधान के लिए ठोस कदम उठाने का आग्रह किया।
मुर्मू ने कहा कि सशस्त्र बलों की भूमिका पारंपरिक सैन्य मामलों से कहीं आगे तक विस्तारित हो चुकी है। राष्ट्रपति ने कहा कि लक्ष्यों को प्राप्त करने में सबसे बड़ी बाधा यह है कि विभिन्न संगठन और विभाग अलग-अलग काम करते हैं। एक ओर, बड़े लक्ष्यों को प्राप्त करना कठिन हो जाता है, वहीं दूसरी ओर, विभिन्न विभागों द्वारा समान कार्य किए जाने से संसाधनों की कमी हो जाती है।
ALSO READ: राष्ट्रपति मुर्मू का बड़ा बयान, आतंकी हमले के खिलाफ हो जवाबी कार्रवाई
एनडीसी 64वें पाठ्यक्रम के सदस्यों और संकाय को संबोधित करते हुए, मुर्मू ने कहा कि प्रौद्योगिकी तेजी से आगे बढ़ रही है और इसके साथ तालमेल बनाए रखना जरूरी है। उन्होंने कहा कि चाहे वह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हो, डेटा साइंस हो, मशीन लैंग्वेज प्रोसेसिंग हो या ब्लॉकचेन हो, आपको इन प्रौद्योगिकियों के बारे में पता होना चाहिए और अपने विभागों में अधिक कुशल, पारदर्शी और उत्पादक कार्य संस्कृति बनाने के लिए उनका उपयोग करना चाहिए।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta