DRDO को मिली बड़ी कामयाबी, अर्जुन टैंक से लॉन्च की लेजर गाइडेड एंटी टैंक मिसाइल

Webdunia
गुरुवार, 24 सितम्बर 2020 (01:04 IST)
नई दिल्ली। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने महाराष्ट्र के अहमदनगर स्थित फायरिंग रेंज से देश में विकसित लेजर निर्देशित एक टैंक विध्वंसक मिसाइल का सफल प्रायोगिक परीक्षण किया है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
 
उन्होंने कहा कि मिसाइल चार किलोमीटर की दूरी तक मार कर सकती है। प्रायोगिक परीक्षण के तहत मंगलवार को अहमदनगर में स्थित आर्म्ड कोर सेंटर एंड स्कूल स्थित केके रेंज में एक एमबीटी अर्जुन टैंक से इस मिसाइल को दागा गया।
 
अधिकारियों ने कहा कि लेजर निर्देशित टैंक विध्वंसक मिसाइल (एटीजीएम) से भारतीय सेना की युद्ध शक्ति महत्वूपर्ण रूप से बढ़ने की संभावना है, खासकर पाकिस्तान और चीन से लगती सीमाओं पर। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एटीजीएम के सफल प्रायोगिक परीक्षण पर डीआरडीओ को बधाई दी।
 
उन्होंने ट्वीट किया कि अहमदनगर में केके रेंज से एमबीटी अर्जुन टैंक से लेजर निर्देशित टैंक विध्वंसक मिसाइल का सफल प्रायोगिक परीक्षण करने के लिए बधाई, डीआरडीओ ! भारत को डीआरडीओ की टीम पर गर्व है जो निकट भविष्य में आयात निर्भरता कम करने की दिशा में कड़ा परिश्रम कर रही है। अधिकारियों ने कहा कि एटीजीएम पूर्ण सटीकता के साथ लक्ष्यों को निशाना बनाती है। अर्जुन टैंक डीआरडीओ द्वारा विकसित तीसरी पीढ़ी का मुख्य युद्धक टैंक है।
 
पुणे स्थित आयुध अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान ने उच्च ऊर्जा पदार्थ अनुसंधान प्रयोगशाला तथा उपकरण अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान के सहयोग से इस मिसाइल का विकास किया है।
ALSO READ: चीन से तनाव के बीच BRO ने 7 राज्यों में बनाए 43 पुल, सीमा पर भारतीय सेना की आवाजाही होगी आसान
पृथ्वी-2 मिसाइल का सफल परीक्षण :  भारत ने सेना के अभ्यास परीक्षण के तहत बुधवार को देश में विकसित पृथ्वी-2 मिसाइल का ओडिशा के एक केंद्र से सफल रात्रिकालीन प्रायोगिक परीक्षण किया। सतह से सतह पर मार करने वाली यह मिसाइल परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम है।
 
रक्षा सूत्रों ने बताया कि चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण केंद्र (आईटीआर) से इस अत्याधुनिक मिसाइल को अंधेरे में दागा गया और परीक्षण सफल रहा जिसने सभी मानकों को प्राप्त कर लिया।
 
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के एक अधिकारी ने बताया कि 350 किलोमीटर की दूरी तक मार करने वाली इस मिसाइल को आईटीआर के प्रक्षेपण परिसर-3 से एक मोबाइल लॉंचर से दागा गया।
 
परीक्षण को नियमित अभ्यास करार देते हुए उन्होंने कहा कि मिसाइल के प्रक्षेपण पथ पर रडारों, इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग प्रणाली और टेलीमेट्री केंद्रों से नजर रखी गई जिसने सभी मानकों को प्राप्त कर लिया।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

ट्रंप-पुतिन की मुलाकात से भारत को कितना फायदा और कितना नुकसान

कितनी खतरनाक है पाकिस्तान की खूनी टुकड़ी BAT

भारत की पाकिस्तान को खुली चेतावनी, सुधर जाओ नहीं तो भुगतोगे

बिहार में SIR विवाद के बीच SC का निर्देश, वोटर लिस्ट से हटाए गए 65 लाख लोगों के नाम सार्वजनिक करे चुनाव आयोग

सोफिया कुरैशी और व्योमिका सिंह के KBC 17 में जाने पर हुआ विवाद, पूर्व विंग कमांडर से लेकर विपक्ष तक ने उठाए सवाल

सभी देखें

नवीनतम

अमित शाह के उम्मीदवार बालियान पर क्यों भारी पड़े भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूड़ी?

Independence Day 2025 Live:PM मोदी लालकिले की प्राचीर से 12वीं बार फहराएंगे तिरंगा

सपा विधायक पूजा पाल पार्टी से बर्खास्‍त, मुख्यमंत्री योगी की तारीफ पड़ी भारी

भोपाल की बड़ी झील को और विकसित किया जाएगा : मुख्यमंत्री मोहन यादव

SIR पर SC के फैसले पर बोले तेजस्वी यादव- यह पूरे विपक्ष की जीत

अगला लेख