नई दिल्ली। पूर्वोत्तर भारत में शुक्रवार सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। असम के सोनितपुर, मणिपुर के चंदेल और मेघालय के पश्चिम खासी हिल्स में ये झटके महसूस किए गए।
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, पूर्वोत्तर में इन क्षेत्रों में आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल में 4.1, 3.0 और 2.6 मापी गई है। भूकंप से अभी तक किसी के जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है।
भूकंप के समय लोग अपने घरों में सो रहे थे। भूकंप के कारण घरों के दरवाजे और खिड़कियां हिलने लगी। दशहत के मारे लोग अपने घरों से बाहर निकल आए।
भारतीय उपमहाद्वीप में भूकंप का खतरा हर जगह अलग-अलग है। भारत को भूकंप के क्षेत्र के आधार पर चार हिस्सों जोन-2, जोन-3, जोन-4 तथा जोन-5 में बांटा गया है। जोन 2 सबसे कम खतरे वाला जोन है तथा जोन-5 को सर्वाधिक खतनाक जोन माना जाता है।
उत्तर-पूर्व के सभी राज्य, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड तथा हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्से जोन-5 में ही आते हैं। उत्तराखंड के कम ऊंचाई वाले हिस्सों से लेकर उत्तर प्रदेश के ज्यादातर हिस्से तथा दिल्ली जोन-4 में आते हैं। मध्य भारत अपेक्षाकृत कम खतरे वाले हिस्से जोन-3 में आता है, जबकि दक्षिण के ज्यादातर हिस्से सीमित खतरे वाले जोन-2 में आते हैं।
हालांकि राजधानी दिल्ली में ऐसे कई इलाके हैं जो जोन-5 की तरह खतरे वाले हो सकते हैं। इस प्रकार दक्षिण राज्यों में कई स्थान ऐसे हो सकते हैं जो जोन-4 या जोन-5 जैसे खतरे वाले हो सकते हैं। दूसरे जोन-5 में भी कुछ इलाके हो सकते हैं जहां भूकंप का खतरा बहुत कम हो और वे जोन-2 की तरह कम खतरे वाले हों।