दिल्ली NCR में भूकंप के झटके, पुंछ में भी धरती हिली

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
गुरुवार, 11 जनवरी 2024 (15:09 IST)
  • भारत के कई हिस्सों में भूकंप के झटके
  • अफगानिस्तान और पाकिस्तान में भी भूकंप
  • फिलहाल जनहानि के नुकसान की खबर नहीं
Earthquake tremors in Delhi NCR: अफगानिस्तान में आए 6.1 तीव्रता के भूकंप के चलते दिल्ली एनसीआर में भी गुरुवार को भूकंप (Earthquake) के झटके महसूस किए गए। जम्मू कश्मीर के पुंछ में भी लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए। अफगानिस्तान के साथ पाकिस्तान के लाहौर, रावलपिंडी समेत कई अन्य शहरों में भी भूकंप के झटके महसूस किए। 
 
प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक भूकंप का केन्द्र अफगानिस्तान को फैजाबाद में बताया गया है। ‍नेशनल सेंटर ऑफ सिस्मोलॉजी ने भूकंप की तीव्रता 6.1 बताई है। दूसरी ओर, भारत में दिल्ली एनसीआर, जम्मू कश्मीर, पंजाब, हरियाणा सहित देश कुछ अन्य हिस्सों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। 4 जनवरी को जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ा इलाके में भूकंप आया था। 
 
प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक भूकंप का केन्द्र अफगानिस्तान को फैजाबाद में बताया गया है। ‍हिन्दूकुश क्षेत्र में भूकंप की तीव्रता 6.2 मापी गई है। दूसरी ओर, भारत में दिल्ली एनसीआर, जम्मू कश्मीर, पंजाब, हरियाणा सहित देश कुछ अन्य हिस्सों में भी भूकंप के झटकों की खबर है। 4 जनवरी को जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ा इलाके में भूकंप आया था। नेशनल सेंटर ऑफ सिस्मोलॉजी ने भूकंप की तीव्रता 6.1 बताई है। 
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Earthquake of Magnitude:6.1, Occurred on 11-01-2024, 14:50:24 IST, Lat: 36.48 & Long: 70.45, Depth: 220 Km ,Location: Afghanistan for more information Download the BhooKamp App https://t.co/fN2hpmK3jO @KirenRijiju @Ravi_MoES @Dr_Mishra1966 @ndmaindia @Indiametdept pic.twitter.com/q5pkBVscsW

— National Center for Seismology (@NCS_Earthquake) January 11, 2024 >
नए साल की शुरुआत में जापान में भूकंप : नए साल की शुरुआत में जापान में आए शक्तिशाली भूकंप में 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। मध्य जापान और आसपास के क्षेत्र में आए 7.6 तीव्रता वाले भीषण भूकंप से भारी तबाही हुई। भूकंप की वजह से सड़कों में दरारें आ गई।
 
क्यों आते हैं भूकंप : पृथ्‍वी पर भूकंप हमेशा आते ही रहते हैं। लगभग 30 से 35 भूकंप रोज आते हैं, लेकिन इनकी तीव्रता 2.5 और 3 रहने के कारण या तो ये महसूस ही नहीं होते या फिर बहुत हलके महसूस होते हैं।
 
दरअसल, जैसे हमारे घर के ऊपर छत होती है, उसी तरह जमीन के नीचे भी एक छत है, जिसे बेसाल्टिक लेयर कहते हैं। इतना ही नहीं प्रायद्वीपों की प्लेट परस्पर टूट गई हैं, इनमें दरारें आ गई हैं।

जब ये प्लेट्‍स (टेक्टोनिक) एक दूसरे से टकराती हैं साथ ही जब इनके टकराने की गति तेज हो जाती है तो चट्‍टानें हिल जाती हैं। इसके कारण ही भूकंप आता है। 
 
सामान्यत: 3-4 की तीव्रता में नुकसान नहीं होता, लेकिन जब भूकंप 5-6-7 या इससे अधिक की तीव्रता का होता है तो नुकसान ज्यादा होता है। 
Edited by: Vrijendra Singh Jhala
 

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