जामा मस्जिद में अकेली लड़कियों के जाने पर पाबंदी, LG ने इमाम से की बात, क्या वापस लेंगे फैसला?

Webdunia
गुरुवार, 24 नवंबर 2022 (18:40 IST)
नई दिल्ली। दिल्ली की जामा मस्जिद के मुख्य द्वारों पर लड़कियों के प्रवेश पर रोक वाले नोटिसों का राष्ट्रीय महिला आयोग ने संज्ञान लिया, वहीं महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने इस फैसले को प्रतिगामी तथा अस्वीकार्य बताया। मामले को लेकर दिल्ली महिला आयोग ने जामा मस्जिद के इमाम को नोटिस जारी किया है। इसके साथ ही विश्व हिन्दू परिषद ने इसे भारत को सीरिया बनाने वाली मानसिकता कारार दिया है।

जामा मस्जिद प्रशासन के सूत्रों ने बताया कि तीन मुख्य प्रवेश द्वारों के बाहर कुछ दिन पहले नोटिस लगाए गए जिन पर तारीख नहीं है। हालांकि, इन पर ध्यान अभी गया है। राष्ट्रीय महिला आयोग ने मामले का स्वत: संज्ञान लिया है और कार्रवाई के बारे में फैसला कर रहा है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।

मामले को लेकर दिल्ली महिला आयोग ने जामा मस्जिद के इमाम को नोटिस जारी किया है। इसके साथ ही विश्व हिन्दू परिषद ने इसे भारत को सीरिया बनाने वाली मानसिकता कारार दिया है। नोटिस हिन्दी और उर्दू भाषा में है, जिसमें लिखा है 'जामा मस्जिद में लड़कियों का अकेले दाखिल करना मना है। इसके साथ ही नोटिस पर एक 'projmd2000@gmail.com' इमेल आईडी भी लिखा हुआ है

महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने मस्जिद प्रशासन को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि वह महिलाओं को सदियों पहले ले जा रहा है। कार्यकर्ता रंजना कुमारी ने कहा कि यह पूरी तरह अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा, यह कैसी 10वीं सदी की सोच है। हम लोकतांत्रिक देश हैं, वे ऐसा कैसे कर सकते हैं। वे महिलाओं को कैसे रोक सकते हैं।
<

जामा मस्जिद में महिलाओं की एंट्री रोकने का फ़ैसला बिलकुल ग़लत है। जितना हक एक पुरुष को इबादत का है उतना ही एक महिला को भी। मैं जामा मस्जिद के इमाम को नोटिस जारी कर रही हूँ। इस तरह महिलाओं की एंट्री बैन करने का अधिकार किसी को नहीं है।

— Swati Maliwal (@SwatiJaiHind) November 24, 2022 >
एक अन्य महिला अधिकार कार्यकर्ता योगिता भयाना ने कहा, यह फरमान 100 साल पहले ले जाता है। यह न केवल प्रतिगामी है, बल्कि दिखाता है कि इन धार्मिक समूहों की लड़कियों को लेकर क्या सोच है। यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रशासन के नोटिस के अनुसार, जामा मस्जिद में लड़की या लड़कियों का अकेले दाखिला मना है।

शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी के अनुसार, मस्जिद परिसर में कुछ घटनाएं सामने आने के बाद यह फैसला लिया गया। उन्होंने कहा, जामा मस्जिद इबादत की जगह है और इसके लिए लोगों का स्वागत है, लेकिन लड़कियां अकेले आ रही हैं और अपने दोस्तों का इंतजार कर रही हैं। यह जगह इस काम के लिए नहीं है। इस पर पाबंदी है।

बुखारी ने कहा, ऐसी कोई भी जगह, चाहे मस्जिद हो, मंदिर हो या गुरद्वारा हो, ये इबादत की जगह हैं। इस काम के लिए आने पर कोई पाबंदी नहीं है। आज ही 20-25 लड़कियां आईं और उन्हें दाखिले की इजाजत दी गई।

एलजी ने इमाम से फोन पर की बात : खबरों के मुताबिक दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर विनय कुमार सक्सेना जामा मस्जिद के शाही इमाम बुखारी से फोन पर बात की है। बातचीत के दौरान उन्होंने जामा मस्जिद के शाही इमाम बुखारी से अपील की है कि वे जामा मस्जिद में अकेले महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध के फैसले पर फिर से विचार करें।

इमाम बुखारी ने इस बात पर सहमति जताई है कि वह इस फैसले को वापस लेंगे। उन्होंने कहा कि हम लोगों से अपील करेंगे कि जामा मस्जिद आने वाले पर्यटक इसका सम्मान करें और मस्जिद की पवित्रता का खयाल रखें। (एजेंसियां) Edited by : Chetan Gour

सम्बंधित जानकारी

Show comments

क्या नीतीश कुमार को बिहार का एकनाथ शिंदे बनाना चाहती है भाजपा?

ओडिशा आत्मदाह केस में प्रोफेसर समीर साहू ने छात्रा से कहा था—तुम बच्ची नहीं हो, समझो मैं क्या चाहता हूं

निमिषा प्रिया की फांसी, क्‍या ब्‍लड मनी के लिए राजी हुआ परिवार?

Odisha : शराबी ऑटो चालक ने हथौड़ा मारकर की माता-पिता की हत्या, रातभर रहा शवों के पास

राजा हरि सिंह पर खान सर की टिप्पणी से छिड़ा विवाद, जानिए कश्मीर के भारत में विलय की पूरी कहानी

पहलगाम हमले का बदला चाहते हैं ओवैसी, ऑपरेशन सिंदूर पर क्या कहा?

LIVE : 7.3 तीव्रता के भूकंप से थर्राया अलास्का आइलैंड, सुनामी की चेतावनी

Air India ने पूरी की बोइंग 787 विमानों की जांच, फ्यूल कंट्रोल स्विच में नहीं मिली कोई गड़बड़ी

बम की धमकी वाले Email की जांच में उलझी पुलिस, Dark Web और VPN बने बड़ी चुनौती

NCERT की इस नई किताब में बताया कैसे थे अकबर और बाबर

अगला लेख