चीन के खिलाफ भारत नहीं कर सकता सर्जिकल स्ट्राइक,वेबदुनिया से बोले पूर्व विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा,सीमा पर चीन का मनमाना रवैया खतरनाक

गलवान घाटी में हिंसक झड़प का जवाब दें सरकार : यशवंत सिन्हा

विकास सिंह
बुधवार, 17 जून 2020 (17:19 IST)
लद्दाख में चीन और भारत के बीच गलवान घाटी में हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने के बाद देश भर में गुस्सा है। चीन के खिलाफ रणनीति तैयार करने के लिए दिल्ली में लगातार उच्चस्तरीय बैठकों का दौर जारी है, इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरी स्थिति पर विचार के लिए 19 जून को सर्वदलीय बैठक भी बुलाई है। 
 
वेबदुनिया ने देश के पूर्व विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा से भारत और चीन के ताजा विवाद को समझने और भारत इस मुद्दें को कैसे हल कर सकता है इसको लेकर खास बातचीत की।  भाजपा के पूर्व दिग्गज नेता यशवंत सिन्हा अटल सरकार में 2002 से 2004 तक देश के विदेश मंत्री थे।   
 
वेबदुनिया से खास बातचीत में पूर्व विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा कहते हैं कि LAC पर शांति बनी रहें इसका हर सरकारों ने प्रयास किया है और इसके लिए भारत और चीन के बीच कई समझौते भी हुए है जो पूरे ढांचे को एक रूप देते है।
 
इन समझौतों में हर परिस्थिति की कल्पना कर जैसे चलते चलते दोनों देशों की फौज की टुकड़ियां अगर आमने सामने आ जाती है तो फिर क्या होना चाहिए, अगर कोई एक देश दूसरे के क्षेत्र पर दावा ठोंक देता है तो उसमें क्या होना चाहिए, इन सब का निपटारा कैसे हो इस बात के इंतजाम इन समझौते में दिए हुए है। इन्हीं समझौते के चलते 1975 से आज तक कोई घटना नहीं घटी चीन सीमा पर बढ़ आया लेकिन कोई हताहत नहीं हुआ।
ALSO READ: भारत की इस गलती से चीन हर बार सीमा पर करता है विश्वासघात, गलवान में सैनिकों का शहीद होना भारत की कूटनीतिक असफलता !
गलवान घाटी में चीन और भारत की हिंसक झड़प पर वेबदुनिया से विशेष बातचीत करते हुए यशवंत सिन्हा कहते हैं कि इस बार जो हो रहा है वह इसलिए हो रहा हैं क्योंकि चीन इस बार पहले से ज्यादा अक्रामक हो गया है। अब चीन पुराने समझौतों पर अमल नहीं कर रहा है, चीन एक मनमाने ढंग से तय कर रहा हैं कि उसके देश की सीमा कहां तक है जैसे लद्दाख में गलवान घाटी का मसला। 
 
गलवान घाटी पर 1962 के बाद कभी भी चीन कब्जा नहीं रहा। 1962 के युद्ध में इस इलाके पर चीन का हमला हुआ था और भारतीय सेना ने चीन को हराकर उसको डिफेंड किया था और तब से गलवान घाटी भारत का कब्जा है। 1962 के बाद इतने दशकों से चीन ने कभी उस पर कब्जा की बात तो दूर क्लेम भी नहीं किया, लेकिन अब चीन अचानक गलवान घाटी को अपना बता रहा है और भारत पर अपने क्षेत्र में घुस आने का गलत आरोप लगा रहा है। 
 
पूर्व विदेश मंत्री यशंवत सिन्हा कहते हैं कि चीन के साथ गलवान घाटी पर हुए विवाद के बाद हर लेवल पर बातचीत हुई और इस बातचीत में दोनों देश थोड़ा पीछे हटने पर सहमत हुए। ऐसे में जब सोमवार को भारतीय सेना की पेट्रोलिंग पार्टी चीन के सेना के पीछे हटने को वेरिफाई करने के लिए गई तब चीनी सेना ने उस पर अटैक कर दिया। इस घटना की पूरी जिम्मेदारी चीन के उपर है। चीन ने एक तो समझौते को नहीं माना और दूसरा हमारी पेट्रोलिंग पार्टी पर हमला कर दिया। 
गलवान घाटी में चीन और भारत के बीच हिंसक झड़प के बाद अब भारत का रूख क्या होगा इस पर सबकी निगाह लगी है। वेबदुनिया ने जब पूर्व विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा से इस पर सवाल किया तो उन्होंने साफ कहा कि चीन अगर हमारी भूमि खाली नहीं करता है तो भारत को सारे विकल्प खुले रखना चाहिए। 
 
भारत को इस मुद्दे का हल निकालने के लिए चीन को बिल्कुल साफ शब्दों में दो बातें बता देनी चाहिए। पहला चीन जो हमारे इलाके में घुस आया है वो वहां से वापस जाएं। चीन बराबर सीमा पर स्टेटस को बदलने की कोशिश करता रहता है जैसे पहले उसने डोकलाम और पैंगोंग झील और अब गलवान घाटी में करने का प्रयास किया है। भारत सरकार को चीन को एकदम साफ शब्दों में कहना चाहिए कि वह सीमा पह जो स्थिति थी उसको बना कर रखे, अगर चीन नहीं मानता है तो भारत सरकार को कार्रवाई के लिए अपने को स्वतंत्र मानना चाहिए।
 
हलांकि पूर्व पूर्व विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा कहते हैं कि भारत चीन के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक जैसे कदम नहीं उठा सकता है। भारत को चीन के खिलाफ आर्थिक मोर्चे सहित विकल्पों पर कड़े कदम उठाने चाहिए। 
 
पूर्व विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा चीन के साथ विवाद को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहते हैं कि किसी भी हालात में चीन की फौज भारत की सीमा में घुस कर बैठ जाए इसको बर्दाश्त नहीं करना चाहिए। चीन के साथ बातचीत में हमको 1962 नहीं,1967 नाथूला को याद रखना चाहिए जहां हमने चीन को मुंहतोड़ जवाब दिया था। 
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

नक्सलियों के 40 संगठनों के नामों का किया जाए खुलासा, CM फडणवीस के बयान पर बोले योगेंद्र यादव

जयपुर का वह भीषण LPG टैंकर हादसा, प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कैसा था खौफनाक मंजर

शिवसेना यूबीटी अकेले लड़ सकती है BMC चुनाव, संजय राउत ने दिए संकेत

कम नहीं होगा जीवन, स्वास्थ्य बीमा पर टैक्स, GST परिषद ने टाला फैसला

महाकाल मंदिर के 2 कर्मचारियों के खातों में कैसे हुआ लाखों का ट्रांजेक्शन, पुलिस की रडार पर, जांच शुरू

सभी देखें

नवीनतम

WII में पश्मीना प्रमाणीकरण के उन्नत केंद्र और डीएनए अनुक्रमण सुविधा का उद्घाटन

दिल्ली पुलिस को मिली बड़ी सफलता, 175 अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों की पहचान

LIVE: कुवैत में पीएम मोदी को मिला गार्ड ऑफ ऑनर, अमीर से की मुलाकात

संभल के चंदौसी में मिली 150 साल पुरानी बावड़ी, खुदाई में मिले 4 कमरे

2024 में आईपीओ बाजार में रही धूम, 90 कंपनियों ने जुटाए 1.6 लाख करोड़

अगला लेख