असम के NRC पर आंखें खोल देने वाली 5 बड़ी खबरें

Webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2019 (19:57 IST)
नेशनल रजिस्ट्रेशन ऑफ सिटीजन यानी NRC को लेकर असम में हड़कंप मचा हुआ है। दरअसल, भारत के राष्ट्रीय नागरिक पंजी में उन भारतीय नागरिकों के नाम हैं, जो असम में रहते हैं। इसे भारत की जनगणना के बाद 1951 में तैयार किया गया था। उस समय असम में कुल 80 लाख नागरिकों के नाम पंजीकृत किए गए थे। 
 
1979 में अखिल असम छात्र संघ (AASU) द्वारा अवैध आप्रवासियों की पहचान और निर्वासन की मांग करते हुए एक 6 वर्षीय आंदोलन चलाया, जो 15 अगस्त, 1985 को असम समझौते पर हस्ताक्षर के बाद शान्त हुआ था। भाजपा ने असम विधानसभा चुनाव भी घुसपैठिए को बाहर करने के मुद्दे पर लड़ा था और उसे राज्य में सत्ता मिल भी गई। 
 
हालांकि NRC को लेकर कुछ हासिल होता दिख नहीं रहा है। दूसरी ओर, कुछ अन्य राज्यों में भी NRC की मांग खुले तौर पर उठने लगी हैं। हालांकि यह मुद्दा देर-सबेर ठंडे बस्ते में चला जाएगा। हालांकि इस पूरी कवायद में एक बात जो सबसे बड़ी सामने आई है, वह यह है कि लोगों को इससे मुसीबतें ही उठाना पड़ी है। घुसपैठिए मिले हों या न मिले हों। 
 
आइए जानते हैं वेबदुनिया की वो 5 बड़ी और खास खबरें, जो एनआरसी की हकीकत को बयां रही हैं....
 
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NRC पर असम से खास रिपोर्ट, 19 लाख 'घुसपैठिए' मगर ज़ीरो इंतजाम
 
कितने ही लाइन में लगकर मर गए, कई को अटैक आ गया...
 
घुसपैठियों को गोली मार देना चाहिए- सांसद बदरुद्दीन अजमल
 
क्या यह बड़ी वजह है असम में NRC की?
 

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